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ताइवान में चीन ने भेजे सैन्य विमान व नौसैनिक जहाज

ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनातनी बनी रहती है। ताइवान पर चीन अपनी ताकत लगातार दिखाता है और दावा करता है कि वह उसका क्षेत्र है। एक बार फिर चीन, ताइवान को मिली अमेरिकी मदद को लेकर आग बबूला हो गया है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने एक बयान जारी कर चीन के नए घुसपैठ के बारे में जानकारी दी है। इससे पहले चीन ने अमेरिका को चेतावनी भी दी थी। चीन ने अमेरिका को सख्त लहजे में कहा था कि वह आग से खेल रहा है। अब यह देखना होगा कि चीन के नए घुसपैठ पर ताइवान क्या जवाब देता है और अमेरिका की इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी। सवाल यह भी है कि आखिर चीन क्या करना चाहता है। एमएनडी ने अपने बयान में कहा है कि 28 दिसम्बर की सुबह ताइवान के क्षेत्र के पास सात चीनी सैन्य विमानों और पांच नौसैनिक जहाजों के संचालन की सूचना आई। ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव जारी है। एमएनडी ने कहा, ”ताइवान के आसपास सात पीएलए विमान और पांच पीएलएएन जहाजों को आज सुबह संचालित होते हुए देखा गया। इनमें से एक विमान मध्य रेखा को पार करके ताइवान के उत्तरी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गया। हमने स्थिति पर नजर रखी है और स्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया की है।” यह पिछले दिनों में इसी तरह के अभियानों की रिपोर्ट के बाद क्षेत्र में बढ़ती चीनी सैन्य गतिविधि का संकेत है।
ताइवान में फिलहाल लोकतंत्र बहाल है, शांति से चल रहे इस देश पर चीन लंबे समय अपना दावा करता रहा है जबकि चीन के इस दावे को ताइवान सरकार खारिज करती आ रही है। चीन ताइवान को अपने अधीन लाना चाहता है और उसपर राज करना चाहता है। वहीं ताइवान खुद को मजबूत करने के लिए अमेरिका से मदद के रूप में हथियार लेता है। ताइवान का मकसद चीन के आक्रमण से खुद को बचाना है।

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