विश्व-लोक

ट्रम्प के सामने झुकी कोलंबिया यूनिवर्सिटी

कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने अपने मिडिल ईस्ट स्टडीज डिपार्टमेंट को नए पर्यवेक्षण के तहत रखने और विरोध प्रदर्शन एवं छात्र अनुशासन के लिए अपने नियमों में बदलाव करने पर सहमति जताई है। इस तरह यूनिवर्सिटी ट्रंप प्रशासन के दबाव के आगे झुक गई है जिसने कहा था कि या तो वह बदलाव लागू करे या अरबों डॉलर की मदद खोने के लिए तैयार रहे। अंतरिम अध्यक्ष कैटरीना आर्मस्ट्रांग द्वारा प्रकाशित एक पत्र के मुताबिक, विश्वविद्यालय यहूदी-विरोध की एक नई परिभाषा भी अपनाएगा और अपने इजरायल एवं यहूदी अध्ययन संस्थान में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर बौद्धिक विविधता का विस्तार करेगा।
यूनिवर्सिटी का यह कदम कुछ शिक्षकों और फ्री स्पीच ग्रुप्स को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसकी निंदा की है। इन सभी ने विश्वविद्यालय पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के आगे झुकने का आरोप लगाया। न्यूयॉर्क सिविल लिबर्टीज यूनियन की कार्यकारी निदेशक डोना लेबरमैन ने एक बयान में कहा, कोलंबिया यूनवर्सिटी के आत्मसमर्पण से पूरे देश में शैक्षणिक स्वतंत्रता और कैंपस अभिव्यक्ति को खतरा है। इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप प्रशासन ने गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से निपटने के यूनिवर्सिटी के तरीके को लेकर अनुसंधान अनुदान और अन्य निधियों में से $400 मिलियन (करीब 3500 करोड़ रुपये) वापस ले लिये थे।
ध्यान रहे ट्रंप प्रशासन ने बार-बार कोलंबिया यूनिवर्सिटी पर यह आरोप लगाया है कि वहां इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में यहूदी विरोधी भावना फैलने दी गई। ये विरोध पिछले साल कोलंबिया से शुरू होकर अन्य विश्वविद्यालयों में भी फैल गए थे। आर्मस्ट्रांग ने अपने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालय ने यहूदी समुदाय द्वारा किए गए भेदभाव और उत्पीड़न की गंभीर चिंताओं को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने यह भी कहा कि कोलंबिया और उसके लोगों को जिस तरह से दिखाया गया है, उसे समझना मुश्किल है। उन्होंने कहा, हां, हमारे सामने चुनौतियां हैं, लेकिन वे हमें परिभाषित नहीं करतीं।

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