विश्व-लोक

ग्वादर एयरपोर्ट का उद्घाटन टलने के आसार

बलूचिस्तान में चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। डर इस इस बात का है कि बलूच विद्रोहियों के चलते उसका पैसा न डूब जाए। बलूचिस्तान के ग्वादर में चीन बंदरगाह तो बना ही रहा है, इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बनाकर तैयार कर चुका है। अभी तक उस एयरपोर्ट से एक भी फ्लाइट ने उड़ान नहीं भरी है। पाकिस्तानी सरकार ने बड़े जोर शोर से 1 जनवरी 2025 से ग्वादर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट शुरू किए जाने के इश्तिहार दिए हैं। रिपोर्ट की मानें तो 1 जनवरी को होने वाला कार्यक्रम टल सकता है। कोई नई तारीख फिर से जारी हो सकती है। इस एयरपोर्ट को चीन ने 250 मिलियन डॉलर की लागत से बनाया है। इसका 1 जनवरी 2025 को उद्घाटन होना तय था। रिपोर्ट के मुताबिक अब पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अपनी पहली कमर्शियल उड़ान रद्द कर दी है। फ्लाइट 1 जनवरी को ग्वादर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली थी। यह एयरपोर्ट सीपीईसी के तहत एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह बड़े विमानों को ऑपरेशनल करने के लिहाज से ही डिजाइन किया गया है। पहले इसका उद्घाटन 14 अगस्त 2024 को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया जाना था, लेकिन विरोध प्रदर्शनों के चलते उस वक्त स्थगित करना पड़ा था। दूसरी बार उद्घाटन में देरी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के हमलों के चलते हुई थी। इन हमलों के बाद पाकिस्तान की सिविल एविएशन और बलूचिस्तान सरकार ने सुरक्षा की समीक्षा करने के चलते उद्घाटन को फिर से स्थगित कर दिया था। बलूचिस्तान में चीन के सीपीईसी का विरोध उसी दिन से शुरू हो गया था जब पाकिस्तान ने प्रोजेक्ट के लिए हामी भरी थी। चीनी निवेश के साथ साथ चीनी नागरिकों पर लगातार हमले जारी है। साल 2018 में कराची में चीनी काउंसलेट में हमला हुआ। साल 2021 में खैबर पख्तूनख्वा में हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम पर जाते हुए बस पर हमला हुआ था। इस हमले में 9 चीनी इंजीनियर और कर्मचारियों की मौत हो गई थी।

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