नीतीश का चुनावी बजट

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसलिए स्वाभाविक था कि बजट का चेहरा चुनावी रखा जाए। सरकार ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को फोकस कर बजट बनाया है। नीतीश कुमार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 2025-26 के तहत 3 लाख 16 हजार 895 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है जो पिछले बजट से 38.169 करोड़ रुपये ज्यादा है। मजे की बात यह है कि बजट में एक तिहाई से ज्यादा अर्थात् 138515 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप मंे मिलेंगे। बजट में सबसे अधिक 60 हजार करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च किये जाएंगे। स्वास्थ्य पर 20 हजार करोड़, सड़क मद में 17 हजार करोड़, ग्रामीण विकास पर 16 हजार करोड़, ऊर्जा विभाग पर 13 हजार कारोड़ से ज्यादा की धनराशि बजट में आवंटित की गयी है। सम्राट चौधरी ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार हर सेक्टर पर फोकस कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लगातार विकास हो रहा है। किसानों की कई फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी और चार महीने के अंदर सभी किसानों को कृषि कार्य के लिए कृषि फीडर से बिजली मिलने लगेगी। युवाओं को रोजगार और परिवहन विभाग मंे महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण मिलेगा। सम्राट चौधरी ने केन्द्र की वरीयता कायम रखी।
वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 3 मार्च को बिहार का बजट-2025 पेश किया। इस बजट में महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है और उनके लिए कई घोषणायें भी की गई हैं। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी रिजर्वेशन मिलेगा। देश में सबसे ज्यादा महिला सिपाही बिहार में हैं, उनकी पोस्टिंग घर के पास करने की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके साथ ही चुनावी वर्ष में युवकों को आकर्षित करने के लिए रोजगार बजट पेश करने का भी प्रयास किया है। इसको लेकर बिहार के लोगों के लिए सौगातों की बौछार कर दी गई है। बिहार के 21 कृषि उत्पादन बाजार प्रांगण के आधुनिकीकरण और विकास के लिए कुल 1289 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह बजट पिछले बजट से बड़ा भी है। इस वर्ष के बजट का आकार 3 लाख करोड़ के पार कर गया है। नीतीश सरकार ने वर्ष 2024-25 में 2,78,725.72 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था। बिहार बजट की प्रमुख बातों में पूर्णिया एयरपोर्ट तीन महीने में चालू होने, राजगीर में सुल्तानगंज और रक्सौल में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, वाल्मिकीनगर, मुंगेर, सहरसा, और मुजफ्फरपुर में छोटे हवाई जहाजों के लिए फ्लाइट सेवा शुरू करने की बात कही गयी है।
बेगूसराय में कैंसर अस्पताल बनेगा और 358 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। बड़े अनुमंडलों में रेफरल अस्पताल का निर्माण होगा और 108 नगर चिकित्सा सुविधा केंद्र खुलेंगे।
सभी प्रमंडलों में कैंसर अस्पताल खुलेंगे। कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास के साथ प्रमुख शहरों में पिंक बस चलेंगी। इसमें चालक और कंडक्टर महिला होंगी। होम स्टे योजना को बढ़ावा दिया जायेगा। महिला गाइड बहाल होंगी।
इस प्रकार नीतीश सरकार ने प्रमुख तौर पर युवाओं, महिलाओं और किसानों पर फोकस किया। इसी के साथ राज्य सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर भी खोस जोर दिया है। इसी कड़ी में सरकार ने 7 बड़े शहरों में एयरपोर्ट को प्रस्ताव पेश किया। नीतीश सरकार ग्रामीण सड़कों पर 15 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करेगी। हर जिले में आधुनिक बस स्टैंड का निर्माण कराया जाएगा। विधानसभा में बजट पेश करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार हर सेक्टर पर फोकस कर रही है और पीएम मोदी व सीएम नीतीश के नेतृत्व में निरंतर विकास हो रहा है। सबसे पहले बात करते हैं एयरपोर्ट की। राज्य सरकार ने अपने बजट से साफ कर दिया है कि राज्य में एयर कनेक्टिविटी को बेहतर करना उसके प्रमुख एजेंडे में शामिल है। सम्राट चौधरी ने सदन में बताया कि सरकार 7 शहरों में एयरपोर्ट निर्माण कराएगी। पूर्णिया एयरपोर्ट को लेकर भी सम्राट चौधरी ने अपडेट दिया। सम्राट चौधरी ने कहा कि अगले 3 महीने मंे पूर्णिया एयरपोर्ट से हवाई जहाज उड़ान भरेगा।इसी प्रकार, छोटे हवाई अड्डे और भागलपुर, वाल्मीकिनगर, वीरपुर (सुपौल), मधुबनी, मुंगेर और सहरसा हवाई अड्डा के साथ-साथ मुजफ्फरपुर हवाई अड्डा को उड़ान योजना के तहत विकसित किया जाएगा। ये सभी योजनाएं बिहार में हवाई संपर्कता को मजबूती प्रदान करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
अगले चार महीने के अंदर यानी जून से प्रदेश के सभी किसानों को कृषि कार्य के लिए डेडिकेटेड कृषि फीडर से बिजली मिलने लगेगी। प्रदेश में 3000 कृषि फीडर की आवश्यकता है और ढाई हजार कृषि फीडर तैयार हो गए हैं। जून तक 3000 कृषि फीडर तैयार हो जाएंगे। कृषि फीडर से मिलने वाले कनेक्शन के संबंध में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में 2.85 लाख किसान ऐसे हैं जिन्होंने कृषि फीडर से कनेक्शन के लिए आवेदन दे रखा है पर उन्हें अभी तक कनेक्शन नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश दिया है जून तक सभी बचे हुए किसानों को कनेक्शन उपलब्ध करा दिया जाए। प्रदेश के कृषि फीडर से अब तक 5.55 लाख किसानों को कृषि कार्य के लिए बिजली कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। प्रदेश में 1150 मेगावाट बिजली किसानों को सिंचाई कार्य के लिए उपलब्ध करायी जाती है। यह बिजली थर्मल पावर प्लांट से 6.74 रुपए प्रति यूनिट की दर से क्रय कर किसानों 55 पैसे प्रति यूनिट की दर पर उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना के तहत सरकार प्रति वर्ष 3970 करोड़ रुपए की सब्सिडी उपलब्ध कराती है। राज्य में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। कजरा सौर ऊर्जा परियोजना के पहले चरण में 185 मेगावाट सौैर ऊर्जा क्षमता का विकास हो रहा। दूसरे चरण में 116 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विकास किया जा रहा। विस्तारीकरण के साथ इस परियोजना की लागत 1055.72 करोड़ रुपए है।
इसमें कुल लागत का 80 प्रतिशत विभिन्न वित्तीय संस्थानों की मदद से तथा 20 प्रतिशत पूंजीगत निवेश के रूप में लगाया जा रहा। कजरा सौर परियोजना के लिए 1232 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। प्रथम चरण की परियोजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी एलएंडटी को सौंपी गई है।वित्त मंत्री ने कहा कि वर्त्तमान में राज्य के 534 प्रखंडों में से 358 प्रखंडों में अंगीभूत व राजकीय डिग्री कॉलेज नहीं हैं। इन प्रखंडों में चरणबद्ध तरीके से एक-एक डिग्री महाविद्यालय (सरकारी/निजी) की स्थापना सुनिश्चित की जायेगी। वर्ग 01 से 10 तक के सामान्य श्रेणी के छात्रों (अल्पसंख्यक सहित) की छात्रवृति दर को दोगुना किया जायेगा। निजी क्षेत्र के सहयोग से राज्य में नए निजी मेडिकल कॉलेज संचालित किये जायेगे। बिहार सरकार ने स्कॉलरशिप की राशि एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है। बिहार को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार जताया गया क्योंकि इस बार 54 हजार 575 करोड़ रुपये की मदद मिलने का अनुमान है। (हिफी)