विश्व-लोक

ट्रम्प के सामने झुका ताइवान अमेरिका में बनाएगा सेमी कंडक्टर

डोनाल्ड ट्रंप जबसे दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, उन्होंने भारत, चीन सहित दुनिया भर के देशों से ट्रेड वॉर शुरू कर दी है। ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बढ़े और उनके देश से बिजनेस दूसरे देशों में ना छिटके। ट्रंप के टेरिफ वॉर से कनाडा-मैक्सिको जैसे देश दहशत में हैं। अमेरिका के खास मित्र देश ताइवान में भी ट्रंप की हनक का असर दिखने लगा है। ताइवान दुनिया भर में अपनी सेमीकंडक्टर चिप के लिए जाना जाता है। खुद ताइवान के राष्ट्रपति ने यह ऐलान किया कि वो अमेरिका में 100 बिलियन डॉलर यानी 87 हजार करोड़ से ज्यादा रकम सेमीकंडक्टर बनाने के लिए निवेश करने वाले हैं।
ताइवान के राष्ट्रपति और देश की टॉप चिप निर्माता टीएसएमसी यानी ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इसका ऐलान करने के साथ-साथ यह भी कहा कि अमेरिका में 100 बिलियन डॉलर निवेश करने का फैसला ट्रंप के दबाव में नहीं लिया गया है। ग्राहकों की मांग के कारण यह फैसला लेना पड़ा। टीएसएमसी अमेरिका के एरिजोना में दो पैकेजिंग सुविधाओं के साथ-साथ तीन और चिप निर्माण संयंत्रों में 100 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी। यहां बड़ा सवाल यह है कि ताइवान की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा सेमीकंडक्टर के निर्माण से आता है। अगर यह अन्य देशों में शिफ्ट हो जाएगा तो ताइवान के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो सकता है। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने इस बात से इनकार किया कि टीएसएमसी का निवेश निर्णय अमेरिका के राजनीतिक दबाव के कारण था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले कहा था कि ताइवान ने अमेरिकी चिप व्यवसाय को छीन लिया है और वह इसे वापस चाहते हैं। ताइवान की तीसरी सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी पीएसएमसी यानी पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर भारत में काम कर रही है। ये दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी है। टाटा के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने का प्लांट लगाया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाए तो देश में करीब 20 हजार जॉब्स पैदा हो सकती हैं।

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