
रूस और यूक्रेन जंग का हल निकलेगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार (22 नवंबर) को दावा किया कि रूस की हाइपरसोनिक ओरेशनिक मिसाइल, जिसे यूक्रेन पर दागा गया था, को ट्रैक करके मार गिराया नहीं जा सकता। उन्होंने मिसाइल के सीरियल उत्पादन की शुरुआत का भी आदेश दिया है। उनके इस आदेश से साफ लग रहा है कि वह यूक्रेन को खत्म करने के ही मूड में हैं।
पुतिन ने कहा है कि “मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आज दुनिया में ऐसी मिसाइल का कोई जवाबी उपाय नहीं है, इसे रोकने का कोई साधन नहीं है और मैं एक बार फिर इस बात पर जोर दूंगा कि हम इस लेटेस्ट सिस्टम का टेस्ट जारी रखेंगे। इसका सीरियल उत्पादन स्थापित करना आवश्यक है।” अपने सैन्य प्रमुखों के साथ टेलीविजन पर हुई बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि देश को मिसाइल का सीरियल उत्पादन शुरू करने की जरूरत है। पुतिन ने कहा, “यह फैसला प्रभावी रूप से लिया जा चुका है।” इस बीच, यूक्रेन द्वारा की गई जांच से पता चला है कि यूक्रेनी शहर द्निप्रो पर हमला करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल की हाईएस्ट स्पीड 13,000 किमी. घंटा थी। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसाइल को टारगेट (यूक्रेनी सैन्य सुविधा) तक पहुंचने में केवल 15 मिनट लगे। यूक्रेन की सेना के मुख्य खुफिया निदेशालय ने खुलासा किया, “अस्त्रखान क्षेत्र में लॉन्च होने के क्षण से लेकर द्निप्रो शहर में इसके प्रभाव तक इस रूसी मिसाइल का उड़ान समय 15 मिनट था। मिसाइल छह वारहेड से लैस थी। प्रत्येक में छह सबम्यूनिशन लगे थे। प्रक्षेप पथ के अंतिम भाग में गति मैक 11 से अधिक थी।” यदि रूसी राष्ट्रपति की बातें सही हैं तो मिसाइल हाइपरसोनिक की परिभाषा से भी थोड़ी ऊपर है। स्पीड महत्वपूर्ण है क्योंकि मिसाइल जितनी स्पीड से ट्रैवल करती है, उतनी ही स्पीड से टारगेट तक पहुंचती है। यह जितनी तेजी से टारगेट तक पहुंचती है, बचाव करने वाली सेना को प्रतिक्रिया करने के लिए उतना ही कम समय मिलता है। इसलिए पुतिन ने इस नए प्रकार की मिसाइल की घोषणा करते समय इसकी गति पर जोर दिया है।