हर घर नल से जल ने बदली सोच

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)
यह कहानी है लेकिन कुछ लोग इसे सत्य घटना बताते हैं। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड मंे महोबा नामक एक नगर है जो बीरगाथा काल मंे आल्हा-ऊदल के शौय का प्रतीक रहा है। इसी के पास एक गांव है अकौना। यह कुल पहाड़ से 15 किमी. दक्षिण पश्चिम मंे स्थित है। यहां के रहने वाले बाबू रामलाल के बेटे ने पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। ऐसे होनहार युवाओं के बारे मंे सुयोग्य कन्याओं के पिता जानकारी जुटाते रहते हैं। लखनऊ के त्रिभुवन बाबू को पता चला तो फौरन अकौना पहुंच गये। घर-वर सब कुछ पसंद था लेकिन विकराल समस्या थी पानी की। गांव की महिलाएं पानी लेने लगभग एक किलोमीटर दूर तालाब पर जाती थीं। त्रिभुवन बाबू सोचने लगे, मेरी बेटी भी पानी लेने तालाब पर जाएगी क्या? मन मसोस कर वापस लखनऊ आ गये थे। अब उन्हंे पता चला है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महोबा के हर गांव मंे घर पर ही नल से जल उपलब्ध करा दिया है। वह एक बार फिर अकौना गये और सौभाग्य से तब तक रामलाल के बेटे की शादी नहीं हुई थी त्रिभुवन बाबू ने क्षमा मांगते हुए रिश्ता पक्का कर लिया है।
सच में बुंदेलखंड के बारे मंे लोगों की सोच बदल गयी है। यहां पर पानी की इतनी किल्लत होती थी कि कहावत बन गयी- खसम मर जाएं पर मटकी न टूटे। उस समय पानी भरी मटकी की इतनी कीमत हुआ करती थी। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुंदेलखण्ड मंे पानी की समस्या दूर करने के लिए विशेष प्रयास किये हैं। गत 26 जून को जल जीवन मिशन व नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करते हुए बताया कि हर घर नल, हर घर जल योजना मंे प्रदेश के 2 करोड़ 65 लाख ग्रामीणों के परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का महा अभियान चल रहा है। उन्हांेने बताया मिशन शुरू होने से पहले केवल 5 लाख 16 हजार ग्रामीण परिवारों को ही नल से शुद्ध पेयजल की उपलब्धता हो पाती थी। आज एक करोड़ 30 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक दिन 50 हजार जल कनेक्शन देने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में 43 हजार कनेक्शन प्रतिदिन दिये जा रहे हैं।
बुंदेलखण्ड और विंध्य के आर्सेनिक से प्रभावित इलाकों मंे नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए 36500 से अधिक घरों मंे पेयजल आपूर्ति लगभग डेढ़ साल पहले ही शुरू करा दी थी। सरकार के प्रयासों से गांव-गांव मंे घर-घर तक नल से पीने का पानी मिल रहा है अथवा शीघ्र ही मिलने लगेगा। बुंदेलखंड में पानी की समस्या खत्म करने के उद्देश्य से हर घर जल परियोजना के अंतर्गत यूपी के जनपद बांदा में इसी साल दिसंबर तक 374 गांवों में नलों के जरिए पानी पहुंचने लगेगा। जल जीवन मिशन से संचालित दो हजार करोड़ की इस परियोजना से ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। पहले चरण में अमली कौर पेयजल योजना का ट्रायल किया गया, जिसके तहत 26 गांव के 10,000 से अधिक परिवारों के घरों में पानी पहुंचने लगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जनपद में अमली कौर पेयजल परियोजना और खटान पेयजल योजना शुरू की गई है। इन दोनों परियोजनाओं के जरिए 374 गांव में जल आपूर्ति की जानी है। अमली कौर पेयजल योजना के तहत 217 गांव में 2159। 851 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि अब तक 77474 किलोमीटर पाइपलाइन बिछा दी गई है। इसी तरह खटान पेयजल योजना के तहत 374 गांव में 3696। 78 किलोमीटर पाइप लाइन में से 1580 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई है। अमली कौर पेयजल योजना के तहत 217 गांव के 74700 परिवारों को भूमिगत और नदी आधारित नल से शुद्ध पानी नलों के जरिए आपूर्ति किया जाएगा। परियोजना के पहले चरण में अमली कौर पेयजल योजना से जुड़े 26 गांव के 10,000 परिवारों को नलों के जरिए पानी उपलब्ध कराया गया।अभी खटान पेयजल योजना का ट्रायल होना शेष है। इसके अलावा 191 में गांवों में नदी से जल आपूर्ति करने का काम भी अटका हुआ है। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि बुंदेलखंड में दिसंबर के महीने तक हर घर नल से जल परियोजना के तहत जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कार्यदाई संस्थाओं ने अधूरे पड़े कार्यों को पूरा कराने की मुहिम तेज कर दी है। इस बारे में जल निगम के जूनियर इंजीनियर रमेश गुप्ता ने बताया कि शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल जल योजना के अंतर्गत घरों में पानी पहुंचाने का काम लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है। जल्दी ही लोगों की मंशा पूरी होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत एक परिवार को नल के जरिए 55 लीटर पानी मिलेगा।
जल संरक्षण के लिए लंबे समय से काम करने वाले डॉ। संजय सिंह ने कहा कि भारत में आजादी के बाद पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इस योजना से महिलाओं में खुशी की लहर है। हर घर तक पानी पहुंचने से महिलाओं को सबसे अधिक फायदा होगा। जल निगम के अधीक्षण अभियंता राकेश कुमार के अनुसार, काम तेजी से चल रहा है। दिसम्बर माह तक सभी गांवों में स्वच्छ जल पहुंचना शुरू हो जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बुंदेलखंड क्षेत्र पर अधिक फोकस है। इस योजना की शुरुआत भी झांसी से की गई थी। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत झांसी में 10 योजनाएं संचालित हैं। इन योजनाओं से 648 गांवों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा ललितपुर में 15 योजनाओं से 560 गांवों के और जालौन में 5 योजनाओं से 85 गांवों के लोग लाभान्वित होंगे। तीनों जनपदों में कुल 5 लाख 92 हजार 005 नल लगाए जाने हैं। इनमें से 67 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अनुमानित है कि दिसंबर तक सभी योजनाएं पूरी हो जाएंगी और हर घर के नल तक जल पहुंचने लगेगा। (हिफी)