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कट्टरपंथियों व कानून के बीच में फंसी सीमा हैदर!

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

शादीशुदा होने के बावजूद अपने चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते भारत में अपने कथित प्रेमी के पास आने वाली सीमा हैदर इन दिनों कानून और कट्टरपंथियों के दो पाटों के बीच फंस गई है। एक ओर पाकिस्तान के कट्टरपंथी तत्व हैं जो सीमा हैदर को पाक वापस भेजने की मांग कर सीमा को कत्ल करने की धमकी दे रहे हैं, दूसरी ओर भारतीय कानून है जो एक दुश्मन मुल्क से बिना वैध बीजा के देश की सीमा में प्रवेश करने की अपराधी सीमा को नागरिकता देने में आड़े आ रहा है।
आप को बता दें कि पिछले 23 मई को एक पाकिस्तानी महिला अपने चार बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते भारत आ गई। इस के पीछे वह नोएडा के निवासी एक हिंदू युवक सचिन के साथ पबजी खेलने के दौरान बने प्रेम संबंधों और इसके बाद उसके साथ विवाह करने का भी दावा कर रही है। यह पाक महिला अपने भारतीय प्रेमी के साथ पचास दिन तक बेरोक टोक प्रवास कर रही थी लेकिन इसी बीच पुलिस को भनक मिल गई और पुलिस ने इस महिला को अवैध तरीके से हिंदुस्तान में आने और यहां रहने के जुर्म में इसके प्रेमी पति सचिन समेत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन मामले की सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट ने 4 दिन बाद ही सीमा और उसके प्रेमी पति को जमानत पर रिहा कर दिया। अदालत में पुलिस और जांच एजेंसियों ने बताया कि सीमा के जासूस होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। सुनवाई के बाद अदालत ने इस शर्त के के साथ कि वह बिना कोर्ट की इजाजत के अपने मौजूदा निवास को नहीं छोड़ेंगे, जमानत मंजूर कर जेल से रिहा कर दिया है। अब सीमा के अपने चार बच्चों के साथ हिंदुस्तान आने और यहां अपने हिंदू प्रेमी के साथ विवाह करने और हिंदू रीति रिवाज अपना कर मत अंतरण कर लेने के मामलों को लेकर जहां हिंदुस्तान में तमाम सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर सीमा की स्टोरी लीड कर रही है और एक सेलीब्रिटी की तरह मीडिया के लिए न्यूज मैटर बनी है। वहीं पाकिस्तान में सीमा के हिंदुस्तान चले जाने और हिंदू के साथ शादी रचाने वह मतांतरण कर लेने को लेकर भारी हंगामा मचा है। हद तो तब हो गई जब पाकिस्तान के कुछ संगठनों व लोगों ने न सिर्फ हिंदुस्तान से सीमा की वापसी की मांग की है वरन सीमा को सबक सिखाने की धमकी भी देना शुरू कर दिया है। इस तरह सीमा की जान कट्टरपंथियों की धमकियों और भारत में कानूनी बाधाओं के बीच फंस कर रह गई है।
अब सीमा परेशान है। वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उसका कहना है कि यदि उसे हिंदुस्तान की नागरिकता नहीं मिलती है और उसे जबरन पाकिस्तान में भेजा जाता है तो न सिर्फ कट्टरपंथी उसकी जान ले लेंगे बल्कि उसके चार बच्चों की जिंदगी भी तबाह हो जाएगी। सीमा दावा कर रही है कि वह पूरी निष्ठा के साथ भारतीय नागरिकता लेना चाहती है और वह अपने मन से भारतीय बन चुकी है। वह पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सिर्फ सचिन को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी है बल्कि अपने चार बच्चों के सहित अपना मत अंतरण भी कर चुकी है। वह किसी कीमत पर भी पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहती है। अपने हिंदुस्तान के प्रति समर्पण और पति के प्रति प्रेम के लिए भी वह अपनी समर्पण की भावना को तरह-तरह के बयान देकर व्यक्त कर रही है। इस तरह ये मामला दो देशों के बीच में एक बड़े चर्चा और विवाद का विषय बन रहा है। हालांकि अदालत से पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और उसके उत्तर प्रदेश निवासी सचिन को जमानत प्राप्त हो चुकी है। सीमा ने दावा किया है कि उसने नेपाल के मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से ब्याह रचाया था। उसने अपने बच्चों का और खुद का धर्म भी बदल लिया है। वह पाकिस्तान वापस जाना नहीं चाहती है। सचिन के साथ भारत में ही निवास करना चाहती है, जिसके लिए उसने सरकार से भारत की नागरिकता प्राप्त करने की गुहार भी लगाई है।
लेकिन इधर, भारत में सीमा को भारतीय नागरिकता देने में कई कानूनी अड़चन हैं। सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय नागरिकता पाक महिला को मिलनी चाहिए या उसके तमाम जज्बातांे को खारिज कर वापिस पाकिस्तान भेज देना चाहिए। जानकारों के अनुसार पाकिस्तानी महिला सीमा को नागरिकता देने से पहले यह देखा जाएगा कि क्या उनकी शादी वैध है? यदि शादी वैध है और वह भारत की नागरिकता की मांग करती है, तो सरकार मानवता या दया के आधार पर नागरिकता दे सकती है।
यहां यह भी गौर तलब है कि पहले भी इस तरह के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें पीड़ित अपने देश वापस जाने से जान को खतरा बताकर सरकार से भारत में रहने के लिए नागरिकता की मांग कर चुके हैं। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला सरकार को लेना है। पाकिस्तान से उत्पीड़न का शिकार होकर आए सैकड़ों पाकिस्तानी हिंदुओं को पूर्व में यहां रहने की अनुमति दी जाती रही है।
हालांकि भारतीय नागरिक सचिन से एक महिला ने शादी की और यदि शादी वैध साबित होती है, तो भारत सरकार को उसे नागरिकता देने में किसी तरह की आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन चूंकि सीमा अवैध तरीके से भारत आई है और पुलिस ने महिला पर अवैध रूप से भारत में आने का केस दर्ज कर लिया है उसकी जांच भी जारी है, लेकिन महिला यदि भारत की नागरिकता के लिए मांग करती है, तो उसे दी जा सकती है जबकि उनके साथ आए बच्चों के लिए उन्हें गोद लेने की प्रक्रिया अडॉप्शन डील करानी पड़ेगी, जिसके अंतर्गत बच्चों को दम्पति के साथ रहने की परमिशन दी जा सकती है और आगे उन्हें भी भारत की नागरिकता मिल सकती है।
अब देखना यह है कि भारत सरकार इस मामले में सख्त रुख अख्तियार करती है या सहानुभूतिपूर्वक लचीला रुख अपना कर सीमा को भारत में रहने की इजाजत देती है। जो भी हो सीमा हैदर का मामला स्वयं में बिल्कुल अलग किस्म का है। एक ओर एक फिल्म पटकथा की तरह विदेशी महिला का भारतीय युवक के साथ इश्क और विवाह दांव पर है दूसरी ओर सीमा और उसके चार बच्चों की जिंदगी पर भी खतरा मंडरा रहा है क्योंकि कट्टरपंथी उसे अपने तरीके से मुल्क और कौम की कथित तौहिन करने की सजा देने पर आमादा हैं। देखना है भारत सरकार क्या फैसला लेती है? (हिफी)

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