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घिर गये राजस्थान के चाणक्य

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

राजस्थान के चाणक्य कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2018 में कांग्रेस को सत्ता दिलाने वाले चंद्रगुप्त सचिन पायलट को तो घुटनों के बल चलने को मजबूर कर दिया लेकिन एक अदना से मंत्री ने उनकी बोलती बंद कर दी है। मणिपुर में दो कुकी महिलाओं के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली घटना होने के बाद जब समूचा विपक्ष भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कठघरे मंे खड़ा कर रहा था और संसद मंे बयान देने की मांग कर रहा था, तभी राजस्थान विधानसभा मंे भी इसी बात को लेकर कांग्रेसी हंगामा कर रहे थे। इसी बीच गहलोत के एक मंत्री, जो सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायतीराज और ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने अचानक खड़े होकर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। गुढ़ा ने कहा राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, उस हालत मंे हमें मणिपुर के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए। गुढ़ा के इस बयान ने मुख्य विपक्षी दल भाजपा को ऐसा मुद्दा दे दिया जिससे गहलोत की बोलती ही बंद हो गयी। तमतमाए गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया लेकिन राजेन्द्र सिंह गुढ़ा उसी के बाद एक लाल किताब लेकर घूम रहे हैं जिसमंे वे बताते हैं कि अशोक गहलोत का काला चिट्ठा है। राजस्थान मंे इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और राजस्थान का सेनापति अपने ही सैनिक के बाण से जख्मी हो गया है।
राजस्थान में तापमान के साथ-साथ राजनीतिक पारा भी हाई रहता है। इस समय बढ़ते तापमान की वजह बने हैं गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा। राजेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 जुलाई मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया और उससे पहले उन्होंने विधानसभा में एक बयान देकर गहलोत सरकार को घेरा था। राजस्थान के झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेंद्र गुढ़ा का जन्म 19 जुलाई 1968 को राजस्थान के पीलीबंगा, हनुमानगढ़ में हुआ था। इनके पिता का नाम माधोसिंह है और इनके परिवार में 12 भाई हैं। 12 भाइयों में से एक राजेंद्र सिंह ने 12वीं कक्षा तक ही शिक्षा प्राप्त की है। परिवार का राजनीति से कोई नाता नहीं था लेकिन उनके भाई रणवीर सिंह उनके परिवार में पहले शख्स थे, जिन्होंने राजनीति में जाने का रास्ता खोला। रणवीर सिंह पहले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। बाद में 2003 में वह लोकजनशक्ति पार्टी से विधायक बने। राजेंद्र गुढ़ा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 2008 में की। साल 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने गुढ़ा को टिकट दिया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि गुढ़ा इस चुनाव को जीत पाएंगे, लेकिन सभी को गलत साबित करते हुए गुढ़ा उदयपुरवाटी सीट से पहली बार विजयी हुए। अपने पहले मतदान में उन्होंने 28,478 वोट हासिल किए। हालांकि इसके बाद वह अन्य पांच बसपा विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पर्यटन राज्य मंत्री बनाया गया था।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा (स्वतंत्र प्रभार), पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। राजस्थान विधानसभा कार्यवाही के दौरान हंगामा हो रहा था। इसी दौरान राजेंद्र सिंह गुढ़ा उठे और बोले, यह सच है और इसे स्वीकार करना चाहिए कि हम महिला सुरक्षा में विफल रहे हैं। राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं उस हालत में हमें मणिपुर के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए कि राजस्थान में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। इस बयान के बाद राजनीतिक बवाल तय था। इसके बाद रात होते-होते सीएम गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का प्रस्ताव भेज दिया और उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। कांग्रेस ने इसे अनुशासनहीनता माना और सीएम द्वारा की गई कार्रवाई को सही ठहराया। वहीं गुढ़ा और बीजेपी ने इसे सच बोलने की सजा बताया।
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा मंत्री पद से बर्खास्त किए गए विधायक राजेंद्र गुढ़ा को सदन में एक लाल डायरी पेश करने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
बाद मंे कार्यवाही शुरू होते ही मंत्री पद से बर्खास्त किए गए विधायक राजेंद्र गुढ़ा लाल रंग की एक डायरी लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी के सामने पहुंच गए। उन्होंने वह अध्यक्ष को सौंपनी चाही लेकिन जोशी ने उन्हें अनुमति नहीं दी। जोशी ने गुढ़ा से उनके चैंबर में आने को कहा। गुढ़ा व जोशी में काफी दर गर्मागर्मी होती रही। इसके बाद गुढ़ा संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल की ओर बढ़े और दोनों में कुछ बहस हुई। इस दौरान हाथापाई की स्थिति आ गई। विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के साथ धक्का-मुक्की की।इस बीच कांग्रेस विधायक रफीक खान ने बीच-बचाव किया और सत्तापक्ष के कई मंत्री वहां पहुंचकर गुढ़ा को दूर किया।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं है।लेकिन उससे पहले ही प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है। कांग्रेस के ही पूर्व मत्री और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा के आरोपों से सरकार की जबरदस्त किरकिरी हो रही है। गुढ़ा के आरोपों के सहारे भारतीय जनता पार्टी भी गहलोत सरकार पर हमलावर है। इस पूरे बवाल में लाल डायरी का नाम बार-बार लिया जा रहा है। बकौल राजेंद्र गुढ़ा इस लाल डायरी में कई राज लिखे हुए हैं।राजेंद्र गुढ़ा की मानें तो इस लाल डायरी में कई ऐसे राज लिखे हुए हैं जिससे गहलोत सरकार आफत में आ सकती है। इसके अंदर कई ऐसे कारनामे दर्ज हैं जो गहलोत सरकार के लिए फंदा साबित हो सकते हैं। गुढ़ा विधानसभा भवन के बाहर मीडिया से बात कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर मुझसे लाल डायरी का आधा हिस्सा छीन लिया गया, लेकिन इसका आधा हिस्सा अभी भी मेरे पास है। उन्होंने कहा कि इस हिस्से में गहलोत सरकार के सारे काले कारनामे हैं, जो आपने विधायकों को क्या दिया, राज्यसभा चुनाव में आपने उन विधायकों को क्या दिया, किस-किस को प्रलोभन दिया, क्रिकेट के चुनाव में आपने किस-किसको पैसे दिए, उसका खुलासा मैं आगे भी करूंगा। इस प्रकार गुढ़ा की लाल डायरी गहलोत के लिए मुसीबत
बनी है। (हिफी)

 

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