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हरियाणा में प्रशासन की लापरवाही

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

भाजपा शासित राज्य हरियाणा मंे 31 जुलाई को जिस तरह से साम्प्रदायिक हिंसा हुई है, उसकी आग आसानी से नहीं बुझेगी। मनोहर लाल खट्टर की सरकार इस जिम्मेदारी से नहीं बच सकती कि प्रशासन की लापरवाही के चलते यह घटना हुई है। अभी थोड़े दिनों पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष ने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा था कि सिर्फ योगी और मोदी के भरोसे न रहो। इसका एक अर्थ यह भी था कि भाजपा के लेाग नरेन्द्र मोदी के नाम पर अतिविश्वास करके यह मान बैठे हैं कि हमंे कुछ करने की जरूरत नहीं है। पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर मंे भी इसी तरह से स्थिति बेकाबू हो गयी है और हिमंताविश्वा सरमा जैसे नेता इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ही उसके प्रति जिम्मेदार हैं। उसी प्रकार हरियाणा के मेवात जिले के नूंह मंे साम्प्रदायिक संघर्ष खट्टर सरकार की विफलता है। विश्व हिन्दू परिषद और मातृशक्ति दुर्गावाहिनी की तरफ से नूंह मंे जब ब्रजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी तब प्रशासन को क्या पता नहीं था कि मुसलमानों के मोहर्रम का उसी दिन तीजा था। यह एक प्रकार से कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का दिन होता है। प्रशासनिक लापरवाही के चलते ही दो गुटों मंे टकराव के बाद पथराव और आगजनी मंे जन-धन स्वाहा हो गये। सरकार को इस प्रकार की लापरवाही हर कीमत पर रोकनी
होगी।
हरियाणा के मेवात जिले के नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हंगामा हो गया। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर भी पथराव किया गया। गुरुग्राम पुलिस के डीसीपी वीरेंद्र बिज के मुताबिक- नूंह में हो रहे बवाल के बीच 4 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 7 पुलिसकर्मी समेत 45 लोग जख्मी हैं। हरियाणा के नूंह जिले में हिंसा के बाद राजस्थान के भरतपुर जिले में निगरानी बढ़ा दी गई है। एफआईआर दर्ज कर कई लोग हिरासत में लिए गए हैं। नूंह में अभी हालात नियंत्रण में है। मेवात की घटना पर हरियाणा से केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इस वक्त मैं अपील करना चाहूंगा कि जो पिछले साढे़ 8 साल से हरियाणा में भाईचारे का माहौल बना हुआ है, हमें उसको बनाकर रखना है। अफवाहों पर गौर नहीं करना है। हमारी प्राथमिकता यह है कि भाईचारे का माहौल बना रहे, कानून का राज जो स्थापित है वो रहेगा। नूंह में हुई झड़प पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का कहना है, नूंह में स्थिति नियंत्रण में है और जिले में कफ्र्यू लगा दिया गया है। दोनों समुदाय लंबे समय से नूंह में शांतिपूर्वक रह रहे हैं। इसके पीछे एक साजिश है जिस तरह से पत्थर, हथियार, गोलियां मिलीं, ऐसा लगता है कि इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड है। हम विस्तृत जांच करेंगे और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया- आज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं सभी लोगों से प्रदेश में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। दोषी लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। नूंह व सोहना और आसपास के जिलों में 15 कंपनियां सीआरपीएफ और एक आरएएफ की तैनात की गई थी। वीडियो फुटेज या दूसरे माध्यमों से हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही थी। हिंसा में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया गया। कुछ (पुलिस) बल के सदस्यों को भी चोटें आई हैं। शोभा यात्रा के दौरान झड़प हुई, घटना के पीछे के कारण की जांच की जा रही है। कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
नूंह में शांति बहाली के लिए बड़ी बैठक हो रही थी। नूंह प्रशासन समाज के जिम्मेदार धर्मगुरुओं, नेताओं के साथ बैठक कर रहा था। बैठक में नूंह के विधायक आफताब अहमद, फिरोजपुर झीरका के विधायक मम्मन खान मौजूद थे। बैठक में नूह के डिप्टी कमिश्नर, एसपी इंचार्ज नरेंद्र बिजारनिया मौजूद रहे।
पुलिस के सूत्र ने बताया कि नूंह हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 2 होमगार्ड और एक आम नागरिक है। पूरे हरियाणा में 45 के करीब लोग घायल हैं। इनमें 7 पुलिसकर्मी। इनमें 2 को गोली लगी है। हिंसा को लेकर अब तक 20 एफआईआर दर्ज कर कई लोग हिरासत में लिए गए हैं। बड़ी संख्या में गाड़ियों को आग के हवाले किया गया है, उनकी गिनती जारी है। हरियाणा सरकार ने नूंह जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए केंद्र से एक सप्ताह के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की 20 कंपनियां मांगी हैं।
डिप्टी कमिश्नर प्रशांत पंवार ने बताया कि जिला में शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लगाई गई है। इस दौरान 5 या अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने, किसी भी प्रकार के लाइसेंसी हथियार या फायर आर्म्स, तलवार, गंडासा, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जेली, चाकू व अन्य हथियार लेकर चलने पर पाबंदी है। ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है और अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस प्रकार की सतर्कता यात्रा के दौरान क्यों नहीं की गयी।
हरियाणा मंे मनोहर लाल खट्टर सरकार पर गुरुमीत राम रहीम को लेकर भी उंगलियां उठ रही हैं। रेप और हत्या के केस में दोषी करार दिए गए डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सातवीं बार पैरोल मिलने से हरियाणा सरकार की आलोचना हो रही है। राम रहीम को रेप के मामले में 10 साल और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई है। सजा मिलने के ढाई साल के अंदर उसे सातवीं बार पैरोल मिली है। राम रहीम 20 जुलाई को 30 दिन के लिए पैरोल पर बाहर आया है। इसे लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हर कैदी के अपने अधिकार होते हैं। हर कैदी को एक समय के बाद पैरोल का अधिकार है। कोई भी व्यक्ति पैरोल मांग सकता है। उसे पैरोल मांगने से नहीं रोका जा सकता।ष् सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, हमने बाबा राम रहीम के मामले में सबकुछ कोर्ट पर छोड़ दिया है। ये जरूर साफ किया है कि पैरोल पर राम रहीम सिरसा नहीं आ सकता। जेल मैन्युअल के हिसाब से पैरोल तय होता है। राम रहीम यूपी में रूकते हैं। पैरोल के दौरान हरियाणा नहीं आते। वैसे भी राम रहीम को सजा के पहले दो साल में एक बार भी पैरोल नहीं दिया गया। ये कानून के हिसाब से दिया जाता है।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गया। जेल प्रशासन ने राम रहीम को सिरसा डेरे में जाने की इजाजत नहीं दी। एक बार फिर उसे यूपी के बागपत में स्थिति बरनावा आश्रम में रहना पड़ेगा जिसको लेकर बरनावा आश्रम की सुरक्षा बढ़ाई गई और सिरसा से घोड़े और गाय पहुंचाई गई है। राम रहीम अपनी दो शिष्याओं के साथ रेप के आरोप में 20 साल और हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है। राम रहीम को सजा के दौरान मिली ये सातवीं पैरोल है। इसी साल जनवरी में राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिली थी। पिछली पैरोल में राम रहीम ने तलवार से केक काटकर सेलिब्रेट किया था। (हिफी)

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