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कमलनाथ भी रच रहे चक्रव्यूह

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

विधानसभा चुनाव में इसी साल दम खम दिखाने वाले राज्य मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार फिर से बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जहां एक तरफ योजनाओं को और ज्यादा आकर्षित बना रहे हैं, वहीं रूठे हुए साथियों को मना रहे हैं। उधर, कमलनाथ भी ऐसा चक्रव्यूह रच रहे हैं जिससे इसबार सत्ता उनको मिल जाए। उन्होंने भाजपा के रूठे नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने का रास्ता खोला है। इसके साथ ही आदिवासी वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने के ेलिए आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं। मध्यप्रदेश में औसतन सबसे ज्यादा आदिवासी निवास करते हैं। माना जाता है आदिवासियों का वोट बैंक 50 से ज्यादा सीटों पर निर्णायक होता हे। पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा से ज्यादा विधायक मिले थे। इसलिए कमलनाथ इस बार भी आदिवासी वोट बैंक को अपने साथ ही जोड़े रखना चाहते हैं।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ही पार्टियों में दल-बदल का दौर जारी है. इस बीच सागर जिले के बीजेपी किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष और निष्कासित नेता राज कुमार सिंह धनौरा अपने साथियों के साथ भोपाल पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए। राजकुमार सिंह को पीसीसी दफ्तर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
राज कुमार सिंह धनौरा ने मंत्री गोविंद राजपूत और उनके परिजनों पर प्रताड़ना के आरोप भी लगाए. बीते एक साल से राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत और बीजेपी से निष्कासित नेता राजकुमार धनौरा का विवाद चल रहा था। इतना ही नहीं भाजपा ने मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ लगातार बयान देने के कारण राजकुमार सिंह धनौरा को पिछले साल अक्टूबर में निष्कासित कर दिया था।
इसी बीच मध्यप्रदेश के धार जिले में कांग्रेस ने आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकाली. नेताओं का कहना था कि ये यात्रा भाजपा सरकार में हो रहे आदिवासियों पर अत्याचार की विभिन्न घटनाओं को लेकर जनजागृति के लिए निकाली गई है। कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा सरकार को आदिवासी विरोधी बताया। यात्रा प्रमुख ने पीएम मोदी, सीएम शिवराज सहित भाजपा सरकार पर निशाना साधा। धरमपुरी विधानसभा पहुंची यात्रा का कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने आदिवासी नृत्य दल के साथ स्वागत किया। मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों पर बढ़ रहे अत्याचार की घटनाओं को लेकर निकाली जा रही यात्रा का उद्देश्य भाजपा सरकार की आदिवासी विरोधी नीतियों को उजागर करना है। प्रदेश का आदिवासी वर्ग परेशान हो चुका है, सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है. प्रदेश में सभी ओर से सरकार विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि सीधी जिले में आदिवासी पर पेशाब करने की शर्मनाक हरकत की गई। सिंगरौली में भाजपा विधायक के बेटे ने आदिवासी पर गोली चलाई और नेमावर, नीमच, गुना, सिवनी की घटनाएं आप सबके सामने हैं। इस दौरान कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आदिवासी विरोधी सरकार बताया। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने बताया कि आदिवासियों को सम्मान दिलाने व उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति जागरूक करने के लिए कांग्रेस ने 2300 किमी की यह यात्रा निकाली है। यात्रा 19 जुलाई को सीधी जिले से शुरू की गई थी जो 7 अगस्त तक चली।
इस अवसर पर धरमपुरी विधायक पांचीलाल मेड़ा और कांग्रेस जिलाध्यक्ष कमल किशोर पाटीदार ने भी सभा को संबोधित किया। यात्रा में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम और आदिवासी महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष चंद्रा सरवटे शामिल हैं।
उधर, अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशन शिलान्यास में पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान अचानक प्रदेश के पूर्व मंत्री राघव भाई जी के निवास पर पहुंच गए. विवादों में फंसने के बाद से सीएम शिवराज सिंह चैहान ने पहली बार पूर्व वित्तमंत्री राघव भाई जी से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का राघव भाई जी की पत्नी ने तिलक लगाकर स्वागत किया. प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघव भाई जी विदिशा भाजपा पार्टी का स्तंभ माने जाते हैं। राघव भाई जी जनसंघ से राजनीति में सक्रिय हैं। विदिशा जिले की पांचों विधानसभाओं में राघव भाई जी का बड़ा दखल है। राघव भाई की बेटी ज्योति शाह भी विदिशा नगर पालिका भाजपा से अध्यक्ष रह चुकी हैं। पिछले पंचवर्षीय चुनाव में राघव भाई जी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से असंतुष्ट नजर आ रहे थे। वहीं, राघव भाई जी के साथ कई पुराने नेता लूप लाइन में पहुंचने के बाद अपने आपको असहाय महसूस कर रहे थे।
चुनाव से पहले शिवराज सिंह चैहान ने प्रदेश के तमाम रूठे हुए नेताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान से कई पुराने नेताओं ने अपने आपको दूर कर लिया था। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं।
जनसंघ पार्टी से राजनीति में सक्रिय रहे बाबूलाल ताम्रकार ने सोशल मीडिया पर पुराने भाजपा पार्टी दफ्तर का एक फोटो पोस्ट कर लिखा था कि कार्यकर्ताओं का महत्त्व तो विपक्ष में होता है। सत्ता में तो कार्यकर्ता हासिए पर डाल दिया जाता है, जो गणेश परिक्रमा करते हैं। राघव जी के निवास पर मुख्यमंत्री ने पुराने वरिष्ठ नेता बाबूलाल ताम्रकार से भी मुलाकात कर शहर की राजनीति पर चर्चा की। आपसी गुटबाजी को खत्म करने का बीड़ा अब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने उठाया है। आगामी चुनाव को गुटबाजी का सामना नहीं करना पड़े, इसी को लेकर शिवराज सिंह चैहान ने अब नाराज नेताओं को मनाने की कवायद शुरू कर दी है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के तत्वावधान में भोपाल के लाल परेड मैदान में राज्य सरकार के मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम के दूसरे चरण का अनावरण किया। इस योजना के तहत, राज्य सरकार 52 जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में अंतिम-मील डिलीवरी में सहायता के लिए 15 प्रशिक्षुओं यानी इंटर्न को नियुक्त करती है, जिन्हें मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक इंटर्न को उसकी इंटर्नशिप के अंत तक 8,000 मासिक वजीफा मिलेगा।
इसमें 4,600 नए युवा इंटर्न के शामिल होने के साथ, ब्लॉक स्तर पर काम करने वाले इंटर्न की कुल संख्या अब लगभग 9,000 हो गई है। इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य राज्य में चल रही सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लोगों तक फैलाने का अवसर देना है। इसके साथ ही कुशल
लोगों का एक समूह बनाना है, जो सामुदायिक सहभागिता की दिशा में काम करेंगे और योजना वितरण को मजबूत करेंगे। (हिफी)

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