राजभर का बयान या सौदेबाजी

दलगत राजनीति में भरोसा न रखने वाले ओमप्रकाश राजभर ने अभी हाल में ऐसा बयान दिया है जो भाजपा को भी चिंता में डाल रहा है। राजभर ने कहा भारतीय जनता पार्टी के पास भले ही राजभर नेताओं की भरमार है लेकिन राजभर समुदाय का वोट हमारे पास है। हमारे कहने पर ही हमारे समाज के लोग वोट करते हैं और इसके लिए हम भाजपा की मजबूरी हैं। ओपी राजभर का यह बयान 2024 के लोक सभा चुनाव में सीटों के लिए सौदेबाजी के रूप में भी देखा जा रहा है। राजभर समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन से जुड़े हैं। राजभर ने यह भी कहा है कि भाजपा यूपी में 80 सीटें जीतेगी लेकिन यह सभी सीटें हमारी मदद से ही जीत सकेगी। राजनीतिक गलियारों में ओमप्रकाश राजभर का यह बयान बहुत अर्थपूर्ण माना जा रहा है। यह उनका बड़बोला पन भी हो सकता है। याद रहे कि सितम्बर 2022 में उनकी पार्टी के 35 पदाधिकारियों ने इस्तीफा देकर नयी पार्टी बना ली थी।
ओपी राजभर ने कहा कि बीजेपी के पास भले ही राजभर नेताओं की लाइन है लेकिन राजभर का वोट हमारे पास है, हमारे कहने पर ही हमारे समाज के लोग वोट करते हैं और इसके लिए हम बीजेपी की मजबूरी हैं। नेता बना देना आसान है लेकिन नेता बन जाना कठिन है, तो हम नेता बने हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर हाल ही में सपा को छोड़ एनडीए में शामिल हुए हैं. जिसके बाद से ही उन्हें लगातार सपा पर हमलावर होते देखा गया है। पिछड़ा वर्ग सम्मेलन के बाद भी उन्होंने अखिलेश पर निशाना साधा।
राजभर से जब 5 साल बाद बीजेपी के साथ आने को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा कि समाज वहीं बढ़ता है जिसका इतिहास जीवित हो और भारतीय जनता पार्टी ने हमारा इतिहास बढ़ाने का काम किया है। बीजेपी ने सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी किया, उनके नाम पर ही यूनिवर्सिटी बना रही है, उनकी जन्मस्थली पर मूर्ति लगाने का काम कर रही है साथ ही वहां सौंदर्यीकरण का काम भी बीजेपी कर रही है। इसके अलावा जो हमारे समाज के विकास की बात करेगा उसके साथ जाया जा सकता है। ओपी राजभर ने कहा कि गरीबों पिछड़ों की आवाज उठाने के लिए सत्ता की जरूरत होती है और सत्ता में रहकर के ही गरीबों की मदद की जा सकती है। छोटे दलों के लिए सत्ता जरूरी है। गरीबों के लिए आयुष्मान कार्ड एक बड़ा तोहफा है, जिसे बीजेपी ने दिया है।
एक समय ऐसा भी था जब ओपी राजभर से उनके लोग खफा हो गये थे। मऊ जिले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में इस्ताफे का दौर चालू हो गया थी। यहां ओपी राजभर से नाराज 35 पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश उपाध्यक्ष संगीता राजभर, प्रदेश महासचिव लालजी वर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष सोनू राजभर सहित कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ी दी थी।
मऊ में महापंचायत बुलाकर भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नई पार्टी के गठन का भी ऐलान कर दिया। उन्होंने इसका नाम सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी रखा था। इस महापंचायत में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर के समर्थन में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी। इस महापंचायत के बाद महेंद्र राजभर के समर्थन में पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया। इस दौरान ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने उनपर परिवारवाद के आरोप लगाए थे। अब ओपी राजभर की पार्टी ने एक महीने पहले ही समाजवादी पार्टी से अलग होने का ऐलान किया। उसके बाद से ही पार्टी में इस्तीफे का सिलसिला जारी है। अभी तक कई जिला अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं और पार्टी में अंदरुनी कलह बढ़ती जा रही है। राजभर पर ऐसे आरोप भी लगाए गये हैं कि वह अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं जो कि उनके लिए काम करते आए हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश की सभी बड़ी पार्टियां अपनी तैयारियां कर रही हैं। वहीं प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हो रहा उपचुनाव सपा और बीजेपी के लिए काफी अहम माना जा रहा है। इस चुनाव में जहां सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर बीजेपी प्रत्याशी दारा सिंह चैहान को जीताने के लिए कड़ी मेहनत करते नजर आ रहे हैं, वहीं वह लगातार समाजवादी पार्टी पर हमलावर हो रहे हैं।
एक ओर जहां समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराने के लिए पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) का फॉर्मूला दिया है वहीं ओपी राजभर का कहना है कि समाजवादी पार्टी का पीडीए प्रेम एक दिखावा और छलावा है। लखनऊ के रविंद्रालय सभागार में सुभासपा की प्रदेश स्तरीय बैठक में ओपी राजभर ने कहा कि सपा शुरू से ही पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को ठगती आई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार बार जब इनकी सरकार रही तो उन्होंने केवल मजबूत व जाति लोगों के लिए ही काम किया। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सिर्फ समाप्तवादी पार्टी बनती जा रही है। ओपी राजभर ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि जब से सुभासपा ने एनडीए का हाथ पकड़ा है, तब से सपा को हार का डर सताने लगा है। बता दें कि सुभासपा की प्रदेश स्तरीय बैठक के मौके पर बड़ी संख्या में सपा, बसपा व अन्य दलों के नेताओं कार्यकर्ताओं ने सुभासपा की सदस्यता ली। वहीं पूर्व आइपीएस कुश सौरभ पासवान भी सुभासपा में शामिल हुए।
राजभर ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में यूपी में समाजवादी पार्टी का खाता तक नहीं खुलेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में हमारी वजह से 47 की जगह 125 सीटें जीती थी। ओपी राजभर ने अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव को लेकर भी बड़ा दावा किया।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा अगर अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी तो एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। समाजवादी पार्टी का खाता तक नहीं खुलेगा। राजभर ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव से पता लग गया है कि विपक्ष लोकसभा चुनाव में कहीं नहीं टिकेगा। उन्होंने कहा कि इण्डिया गठबंधन और विपक्षी एकता में ताकत नहीं है। खुद अपनी तारीफ करते हुए राजभर बोले कि यूपी में सभी पार्टियां चाहती हैं कि हम उनके साथ आ जाएं। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)