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रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे भारत-यूनान, माइग्रेशन समझौते पर जल्द पूरा होगा काम  : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनान यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रक्षा साझेदारी मजबूत करने और आव्रजन व आवाजाही समझौते पर जल्द काम पूरा करने का फैसला किया है। मोदी ने कहा, ‘रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत और यूनान सैन्य समझौते के अलावा रक्षा औद्योगिक सहयोग मजबूत करने पर भी सहमत हुए हैं। हमने फैसला किया है कि भारत-यूनान संवाद ढांचा बनाया जाएगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के स्तर का होगा।’ दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। मोदी ने एक संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, ‘आज भारत और यूनान भूराजनीतिक और क्षेत्रीय मसलों पर सहयोग कर रहे हैं।’ मोदी ने यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के साथ एथेंस में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमने रक्षा और सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों तथा कृषि के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया है।’ यह 40 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला यूनान दौरा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसमें द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा हुई, जिसमें व्यापार एवं निवेश, रक्षा, तकनीक, बुनियादी ढांचा, डिजिटल भुगतान, शिपिंग, फार्मा, कृषि, माइग्रेशन और मोबिलिटी व अन्य शामिल हैं। दोनों देशों ने यूरोपीय संघ, भारत प्रशांत और भूमध्यसागर सहित कई अन्य क्षेत्रीय व बहुपक्षीय समलों पर चर्चा की। दोनों देशों ने हाल ही में यूनान में अपना सबसे बड़ा नौसेना का संयुक्त अभ्यास किया था। यूनान के वायुसेना के प्रमुख जून 2023 में भारत आए थे और उन्होंने यहां सेना के प्रमुख से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दोनों देशों ने कुशल प्रवासन की सुविधा के लिए जल्द ही एक प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौता करने का फैसला किया है। इससे दोनों देशों के बीच कुशल लोगों की आवाजाही हो सकेगी। दोनों प्राचीन देशों के बीच प्राचीन समय से समुद्री यात्रा होती रही है। ऐसे में समुद्री कानून और विशेष प्रावधानों के मुताबिक स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित भूमध्य सागर और भारत प्रशांत को लेकर दोनों देशों ने अपने विचार साझा किए। दोनों देशों के बीच यूक्रेन संकट पर भी बात हुई। अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अक्षय ऊर्जा क्षेत्र, स्टार्टअप, फार्मा, आईटी, डिजिटल भुगतान और बुनियादी ढांचे व कारोबार में तेजी लाने के लिए की गई विभिन्न पहल की चर्चा की। उन्होंने उद्योग के प्रमुखों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों और भारत व यूनान के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाने को भी संज्ञान में लिया। इसके बाद मोदी को एक समारोह उन्होंने ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। यह यूनान का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। यूनान की राष्ट्रपति राष्ट्रपति कैटरीना एन साकेलारोपोलू ने उन्हें यह सम्मान दिया।

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