लेखक की कलमसम-सामयिक

कांग्रेस पर दया करें मणिशंकर

 

बुजुर्गों का मैं सम्मान करता हूं। इस नाते कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का भी आदर करता हूं लेकिन उनके विचारों से सहमत नहंी हो पा रहा। उन्होंने एक किताब लिखी है- मेमोयर्स आफ ए मेवरिक। यह उनकी जीवन गाथा है। जाहिर है कि इसके बारे मंे वह नहीं कह सकते कि मुझे पता नहीं था कि ऐसा कैसे लिख गया। वह किताब में कहते हैं कि मुझे बहुत खुशी है कि मैं मैकाले की औलाद हूं लेकिन मैं सिर्फ मैकाले की औलाद नहीं हूं। मैं भारत में रहा हूं और मैं एक भारतीय हूं। इसका मुझे गर्व है। इस प्रकार वह अपनी बात को संभाल ले गये लेकिन जब वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का जिक्र करते हुए अपने को कोकोनट इंडियन बताते हैं, तब अच्छा नहीं लगता। मणिशंकर अय्यर स्वयं इसका मतलब भी बताते हैं कि बाहर से इंडियन और अंदर से अंग्रेज। कितना अच्छा होता कि वह बाहर से अंग्रेज और अंदर से इंडियन बन जाते। कम से कम कांग्रेस को समय समय पर फजीहत तो नहीं झेलनी पड़ती। अब वह फिर सक्रिय राजनीति मंे आना चाहते हैं। शिकायत भी करते हैं कि कांग्रेस ने पिछले 10 साल से कोई पद नहीं दिया, राज्यसभा से 7 साल से बाहर हूं। भारतीय विदेश सेवा छोड़कर राजनीति मंे आए मणिशंकर अय्यर ने 2017 मंे गुजरात में कांग्रेस को पीछे
धकेल दिया था और 2014 मंे भाजपा को चायवाला मुद्दा दिया था। अब फिर लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं, इसलिए मणिशंकर जी कांग्रेस पर दया करें, तो बेहतर होगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी किताब में कहा है कि मैं सिर्फ मैकाले की औलाद नहीं हूं, बल्कि एक भारतीय भी हूं और मुझे इस बात का गर्व है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर को लेकर कहा कि मैं अपनी इंनिग पूरी कर चुका हूं, लेकिन अगर मुझे बुलाया जाता है तो मैं फिर मैदान में उतरने के लिए तैयार हूं। अपनी आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक को लेकर एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने कहा, मुझे बहुत खुशी है कि मैं मैकाले की औलाद हूं, लेकिन मैं सिर्फ मैकाले की औलाद नहीं हूं, मैं भारत में रहा हूं और मुझे बहुत गर्व है कि मैं एक भारतीय हूं। राजनीति में वर्तमान स्थिति को लेकर उन्होंने कहा, मैंने अच्छी पारी खेली थी, लेकिन अब मुझे पवेलियन वापस भेज दिया गया है। हालांकि, मैं पूरी तरह तैयार हूं और अगर मुझे बल्लेबाजी के लिए बुलाया जाता है तो मैं उसके लिए पूरी तरह तैयार हूं।
1989 में भारतीय विदेश सेवा छोड़कर राजनीति में आए मणिशंकर अय्यर का कहना है कि उन्हें राजनीति में आने के अपने फैसले पर बिल्कुल भी पछतावा नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा, मैं पिछले 7 साल से राज्यसभा से बाहर हूं। मुझे पिछले 10 साल में कांग्रेस ने कोई पद नहीं दिया है। मुझे अब इसकी कोई उम्मीद नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने किताब में बताया कि जब मैं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी पढ़ाई के लिए गया तो अहसास हुआ कि कैंब्रिज अपने घर जैसा ही है, जिससे में कोकोनट इंडियन (बाहर से इंडियन और अंदर अंग्रेज) बन गया। उन्होंने कहा, मैंने स्कूल में जो कुछ भी सीखा, वे मेरे साथ हैं और भारत की सभ्यता भी उसी का हिस्सा है। इसलिए मैं खुश हूं कि मैं मैकाले की औलाद के साथ भारतीय भी हूं।
मणिशंकर अय्यर जब सक्रिय राजनीति मंे आने की बात करते हैं तो उनके नीच आदमी वाले विवादित बयान को करीब दो साल बाद फिर से उन्होंने इसे सही ठहराया।
अय्यर के बयान पर फिर से सियासी तूफान शुरू हो गया, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा की। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस को इसपर सफाई देनी चाहिए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा था कि जब नाश मनुष्य का आता है, पहले विवेक मर जाता है। उन्होंने कहा, 2014 में भी ऊपर वाले ने शायद मणिशंकर अय्यर को प्रेरणा दी थी कि तुम नीच बोलो और देख लो आज 44 सीटों पर आ गई कांग्रेस और अब जो कहा उससे दहाई की संख्या भी प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गाली गैंग और मोदी विरोधियों की जुबान शुगर फ्री हो गई है। उसमें मिठास नहीं बची है।
मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान के फायदे का अंदाजा बीजेपी को पहले से था। अय्यर ने गुजरात विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए नीच आदमी शब्द का प्रयोग किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और लोगों की भावनाओं से जोड़ा था। इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को मिला। तब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर मणिशंकर अय्यर से माफी मांगने की अपील की थी। यही नहीं कांग्रेस ने अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया। हालांकि कुछ समय बाद अय्यर की फिर से कांग्रेस में वापसी हो गई।
साल 2014 के चुनाव में भी मणिशंकर ने नरेंद्र मोदी के लिए चायवाला शब्द का इस्तेमाल किया था और अय्यर के इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी अभियान का हिस्सा बनाया था। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने राइजिंग कश्मीर अखबार में एक लेख लिखा है। इस लेख में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता, इंटरव्यू में रडार और बादल वाले बयान का जिक्र किया है। उन्होंने कहा, श्श्क्या प्रधानमंत्री मोदी जीतेंगे। 23 मई को देश की जनता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी। क्या आपको याद है कि मैंने 7 दिसंबर 2017 को क्या कहा था, क्या मेरी भविष्यवाणी सही नहीं थी? अय्यर ने लेख में कहा, नरेंद्र मोदी, जवाहर लाल नेहरू से बहुत नफरत करते हैं। नेहरू ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से नेचुरल साइंस में डिग्री हासिल की थी जिस कारण उन्हें भारत और भारतीयों को अंधविश्वास से बाहर निकालने की कोशिश की जबकि पीएम मोदी उड़नखटोला और प्लास्टिक सर्जरी जैसी पौराणिक बातों पर विश्वास करते हैं। अय्यर के बयान पर ताजा विवाद के बाद उन्होंने कहा कि पूरे लेख में से सिर्फ एक लाइन को उठाया गया है और अब इस पर बात करने के लिए कहा जा रहा है। मैं इस पूरे मामले में फिर से शामिल होने के लिए तैयार नहीं हूं- मैं उल्लू हूं, लेकिन इतना बड़ा उल्लू नहीं हूं। वरिष्ठ नेता के बयान को कांग्रेस ने निजी बयान बताया था। अब मणिशंकर अय्यर फिर से मैदान मंे उतरने की बात कह रहे हैं, कांग्रेस सावधान रहे। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

 

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