सम-सामयिक

रैगिंग अब बन गयी है नासूर?

 

कोलकाता के प्रतिष्ठित जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के एक होनहार नए छात्र की जान रैगिंग ने ले ली। अब यह बात विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्वीकार कर ली है। उल्लेखनीय है कि 17 वर्षीय ग्रेजुएशन के एक छात्र स्वपनोदीप कुंडू ने 9 अगस्त को अपने छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से कूदकर जान दे दी थी। पीड़ित छात्र के परिवार ने रैगिंग और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। छात्र की मौत के मामले में जेयू के पूर्व और वर्तमान छात्रों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र की मौत के बाद हंगामा अभी भी जारी है। इस बीच दुर्गापुर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में भी दूसरे वर्ष के छात्र का पंखे से लटकता हुआ शव मिला है। मृत छात्र के पिता ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए कॉलेज प्रबंधन पर आरोप लगाया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने खुलासा किया है कि पिछले साढ़े पांच वर्षों में रैगिंग का शिकार होने के बाद कम से कम 25 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र और तमिलनाडु में चार-चार मौतें हुई हैं, इसके बाद ओडिशा में तीन मौतें हुई हैं। आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में दो-दो मौतें हुई हैं। छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब से एक-एक मौत की सूचना मिली है। जाहिर है, समस्या देशव्यपी होगी।

तमिलनाडु में आत्महत्या के चार मामलों में से तीन चेन्नई से सामने आए। दो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास से और एक जयगोविंद हरिगोपाल अग्रवाल अग्रसेन कॉलेज से सामने आया। चैथी आत्महत्या की सूचना थूथुकुडी जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज से मिली।महाराष्ट्र में, आईआईटी मुंबई से दो और टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज और एमजीएम मेडिकल कॉलेज से दो-दो घटनाएं हुईं। इन 25 मामलों में से आठ 2018 में, दो 2019 में, दो 2020 में, चार 2022 में और नौ 2023 में दर्ज किए गए।
आपको बता दें कि बीती 9 अगस्त को जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रथम वर्ष के छात्र को मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल के गलियारे में नग्न घुमाया गया था। इससे कुछ मिनट बाद ही पीड़ित छात्र वहां से गिर गया और मर गया। इसकी जानकारी कोलकाता पुलिस की प्रारंभिक जांच से मिली है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, जांचकर्ताओं ने यह भी पाया है कि किशोर के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था।स्वप्नोदीप के पिता ने पुलिस को बताया कि इससे पहले उसने अपनी मां के पास कई बार फोन किया और अपनी जान को खतरा बताकर घर वापस आने के लिए कहता रहा। इन सभी चीजों के अलावा स्वप्नोदीप के साथियों ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी डाला जिसमें दावा किया गया कि कुछ सीनियर्स ने उसकी रैगिंग ली जिसकी वजह से मौत हुई है, वहीं कुछ छात्रों ने ये भी दावा किया कि उसे हॉस्टल की छत पर नंगा करके दौड़ाया गया।

एक अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, किशोर के साथ निश्चित रूप से रैगिंग हुयी। उसे कमरा नंबर 70 में कपड़े उतारने के लिए मजबूर करने के बाद गलियारे में नग्न घुमाया गया। हमारे पास सबूत हैं। उन्होंने कहा, कोलकाता पुलिस जांचकर्ताओं को गिरफ्तार आरोपियों में से एक द्वारा बनाया गया एक व्हाट्सएप ग्रुप मिला है, यह पुलिस को गुमराह करने के लिए किया गया था। अधिकारी ने कहा, जांच से यह भी पता चला कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने पुलिस को गुमराह करने की योजना बनाई थी ताकि रैगिंग वाले हिस्से को छुपाया जा सके। आंतरिक जांच रिपोर्ट में केवल यह बताया गया है कि घटना के पहले छात्र मानसिक दबाव में था। इसने यह भी स्वीकार किया है कि विश्वविद्यालय परिसर में इसके पहले भी रैगिंग की घटनाएं हुई थीं, लेकिन ऐसी घटना नहीं हुई थी।

जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत के बाद का बवाल अभी थमा भी नहीं था कि 24 अगस्त गुरुवार दोपहर दुर्गापुर के न्यूटाउनशिप थाना क्षेत्र के बीसी रॉय इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रावास में बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड डिजाइन विभाग के तृतीय वर्ष के छात्र सौरभ कुमार का लटकता हुआ शव मिला। मृत छात्र के पिता ने कॉलेज की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। किसी ने उसकी हत्या की है। उन्होंने अपने बेटे की मौत की जांच की मांग करते हुए दोषियों को सजा देने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सौरभ कुमार 22 अगस्त की दोपहर से लापता था। कॉलेज अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अगले दिन सौरभ के घर खबर भेज दी थी। खबर मिलने के बाद सौरभ के पिता सुरिंदर रॉय और उनके रिश्तेदार दुर्गापुर आये। सौरभ का कोई पता नहीं चलने पर 25 अगस्त को उसने न्यूटाउनशिप पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई। थाने में मिसिंग डायरी करने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने छात्र की मृत्यु की बात बताई। बता दें कि इसी साल कॉलेज में सौरभ का दाखिला कंप्यूटर साइंस और डिजाइन के दूसरे वर्ष में हुआ था। कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि वह काम की बात ही किया करता था लेकिन वह छात्रावास की तीसरी मंजिल पर अपने निर्धारित कमरे से चैथी मंजिल पर खाली बंद कमरे में कैसे पहुंचा? इसे लेकर सवाल उठ रहा है। इसी तरह यदि शव बरामद होने के समय कमरा बाहर से बंद था तो इसे बाहर से किसने बंद किया?कॉलेज सूत्रों के मुताबिक चैथी मंजिल पर हर कमरे में ताला लगा हुआ है। चाबी कॉलेज अधिकारियों के पास रहती है। सौरभ के पिता और परिवार ने मौत का असली कारण जानने के लिए उचित जांच की मांग की है।

कोई भी अभिभावक अपने खून पसीने की कमाई से परवरिश कर अपने जिगर के टुकड़े को बेहतर शिक्षा व कैरियर के लिए दूरदराज के शैक्षिक संस्थानों में भेजते हैं लेकिन कुछ बिगड़ेल छात्रों द्वारा ने छात्रों के साथ रैगिंग के नाम पर इतना अधिक मानसिक शारीरिक व कई मामलों में योन उत्पीड़न किया जाता है कि पीड़ित छात्र छात्रा इतना ग्लानि व भय से ग्रस्त हो जाते हैं कि वह अपनी जान तक गंवा देते हैं। देश में रैगिंग निषेध है इसके लिए बाकायदा रैगिंग को संज्ञेय अपराध घोषित किया गया हैतमिलनाडु रैगिंग रोकथाम अधिनियम 1997 लागू किया गया।सभी राज्यों ने रैगिंग की रोकथाम के लिए कानून बना कर लागू कर रखा है। वहीं यूजीसी ने भी रैगिंग के खिलाफ सख्त नियम व निर्देश दिए हुए हैं। इस सबके बावजूद भारत भर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रचलित बेहद जहरीला दुर्व्यवहार है जिसमें सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों, विशेष रूप से नए प्रवेशकों के साथ दुर्व्यवहार, अपमान या उत्पीड़न शामिल है। हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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