शिक्षक के नाम को कलंकित कर रहे हैं छिपे दरिंदे
तमाम घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए समय की मांग है कि शिक्षकों के चयन में बहुत ही सावधानी की जरूरत है तथा पूरी चयन प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है योग्यता के साथ-साथ शिक्षक के चरित्र पर भी विशेष ध्यान रखना होगा ताकि शिक्षक अच्छे चरित्रवान और बेहतर मार्गदर्शक हो और एक अच्छी योग्य पीढ़ी का निर्माण करने में सहायक बन सके।
देश भर में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर अनेक शिक्षकांे को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है लेकिन इसके उलट आज ऐसे कलियुगी दरिंदे भी है जो शिक्षक का आवरण ओढ़कर न सिर्फ मासूम छात्राओं का यौन शोषण करते हैं वरन अपने अपराधियों जैसे व्यवहार व घृणित कारनामों से शिक्षक के सम्मान को भी कलंकित करने में पीछे नहीं है।
बीते अगस्त माह में आधा दर्जन से अधिक ऐसी वारदातें देश भर में सामने आई जिसमें आज के टीचर का चरित्र किस स्तर तक गिर चुका है। इसका पता चलता है। आपको बता दें कि इसी बीती 3 अगस्त को पंजाब के जालंधर में 40 साल के ट्यूशन टीचर द्वारा एक नाबालिग 17 साल की छात्रा के यौन शोषण करने का मामला सामने आया। मासूम लड़की गर्भवती हो गई तब इस मामले का खुलासा हो सका और दरिंदे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उधर, 8 अगस्त को राजस्थान के सवाई माधोपुर के एक सरकारी स्कूल के अध्यापक ने 12वीं क्लास की एक अवयस्क छात्रा का अपहरण कर हत्या कर दी। 18 अगस्त को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक निजी पब्लिक स्कूल में एक अध्यापक ने परीक्षा में अच्छे माक्र्स न देने का भय दिखाकर एक छात्रा का बलात्कार किया। मामला सामने आया तो अभिभावकों के होश उड़ गये। 22 अगस्त को महाराष्ट्र के मुंबई के एक स्कूल में कई छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें और बलात्कार करने वाले अध्यापक का भंडाफोड़ हुआ और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसी साल 25 जुलाई को चित्रकूट के स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा से प्रधानाचार्य और तीन शिक्षक लगातार रेप कर उसका यौन शोषण कर रहे थे। इस घटना का खुलासा हुआ। 26 जून को बिहार के मोतिहारी में एक अध्यापक ने 14 साल के बच्चे को इतनी बुरी तरह पीटा कि उसकी मौत हो गई और 15 मार्च 2023 को स्कूल की फीस न जमा करने के चलते उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक स्कूल के टीचर ने एक छात्रा के बाल काट दिए। 2 दिसंबर 2022 को तमिलनाडु के चेन्नई के प्राइवेट स्कूल टीचर ने एक छात्र को बुरी तरह पीटा अपने अपमान से आहत छात्र ने सुसाइड कर जान दे दी।
ये सब वह सुर्खियां है जो तमाम न्यूज चैनलों और अखबारों में शिक्षकों की हैवानगी को बयां करती रही। क्या हो गया है आज के शिक्षक को? जो अपने पद और प्रतिष्ठा को दांव पर लगाकर एक मवाली गुंडे आशिक मिजाज अपराधी की तरह का व्यवहार अपनी छात्राओं के साथ कर रहे हैं। ऐसी बातें इशारा करती हैं कि शिक्षकों के पतन की पराकाष्ठा चरम पर है। शिक्षक के रूप में भी कुछ ऐसे आपराधिक तत्व नकाब लगाकर शामिल हो गए हैं जिनकी आदतें अपराधियों वाली है तथा जो शिक्षक का सम्मानित पद पाकर भी अपने पद की गरिमा को नहीं समझ पा रहे हैं और छात्राओं के शारीरिक शोषण व छात्रों के साथ मारपीट दुर्व्यवहार करने से भी बाज नहीं आते हैं। ऐसी एक नहीं सैकड़ो अन्य घटनाएं भी प्रकाश में आती रहती हैं जिनमें एक अध्यापक के रूप में शैतान की मौजूदगी का आभास होता है। शिक्षकों के चयन में जो सावधानी बरती जानी चाहिए संभव है चयन प्रक्रिया में उस सावधानी का ध्यान नहीं रखा जाता है। खासकर प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का कोई मानक नहीं माना जा रहा है। यही वजह है कि लगातार एक से एक दुर्दांत वारदात को शिक्षक अंजाम दे रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि अधेड़ आयु के दस से बीस साल के अनुभवी शिक्षक भी अपनी बेटी पोती की आयु की बच्चियों के साथ अमर्यादित व बेहद शर्मनाक दुर्व्यवहार करने से नहीं चूक रहे हैं। हाल ही में ऐसे दर्जनों मामले सामने आए हैं जिनमें अधेड़ शिक्षक मासूम छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने के आरोपी पाए गए। यहां तक कि एक दो मामलों में ऐसे शिक्षकों की नाजायज हरकत में स्कूल की महिला सहकर्मी शिक्षक भी जानबूझकर अनदेखी कर रहीं थीं या सहयोग कर रहीं थीं। यह नैतिक मूल्यों के पतन की पराकाष्ठा है।
टीचर्स डे के मौके पर नई पीढ़ी को पढ़ा-लिखाकर अव्वल बनाने के लिए कई तरह से गुरुओं को सम्मानित किया जाता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या टीचर्स क्लास रूम और स्कूल कैंपस में रहते हुए अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभा रहे हैं। टीचिंग प्रोफेशन को कभी समाज जिस सम्मान की नजर से देखता था, क्या आज स्कूल कैंपस में घट रही घटनाएं उस टीचर की छवि को धूमिल नहीं कर रहीं हैं?
आपको बता दें कि हाल ही में एक महिला टीचर के गलत कारनामे से जुड़ा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यूपी के मुजफ्फरनगर में प्राइवेट स्कूल की टीचर क्लास में एक बच्चे को बाकी बच्चों से पिटवा रही हैं। दावा किया जा रहा है कि जिस बच्चे को बाकी छात्र थप्पड़ मार रहे हैं, वो मुस्लिम है। पुलिस जांच में सामने आया कि महिला अपने घर पर ही स्कूल संचालित कर रही थी। यह मुद्दा राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का विषय बन गया है।
झारखंड के चतरा जिले में एक टीचर ने अपने ही स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं कक्षा की स्टूडेंट से रेप किया। आरोपी टीचर ने नाबालिग स्टूडेंट की अश्लील तस्वीरें खींची और वीडियो बना लिये। अश्लील तस्वीरें और वीडियो के नाम पर टीचर लगातार नाबालिग का यौन शोषण करता रहा। नाबालिग ने जब विरोध किया तो उसने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। अब आरोपी टीचर जेल में है।
दो महीने पहले राजस्थान के बीकानेर से 17 साल की नाबालिग छात्रा अचानक गायब हो जाती है। पुलिस जांच में पता चला कि स्कूल की महिला टीचर भी गायब है।कुछ दिन बाद दोनों का वीडियो सामने आया। वीडियो में दोनों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वे एक दूसरे से प्यार करती हैं। बाद में पुलिस ने दोनों को चेन्नई से गिरफ्तार किया।
बीते महीने यूपी के गौतमबुद्ध नगर में शांति इंटरनेशनल स्कूल में टीचर ने सजा देने के नाम पर 12 बच्चों के बाल काट दिए। घटना के अगले दिन नाराज पेरेंट्स विरोध करने स्कूल पहुंच गए। पुलिस ने किसी तरह पेरेंट्स को शांत कराया। वहीं इस मामले में स्कूल मैनेजमेंट ने टीचर को बर्खास्त कर पेरेंट्स से खेद जताया।इसके बाद टीचर ने पेरेंट्स से माफी मांगी। बाद में स्कूल ने टीचर को बर्खास्त कर दिया।
इन तमाम घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए समय की मांग है कि शिक्षकों के चयन में बहुत ही सावधानी की जरूरत है तथा पूरी चयन प्रक्रिया को बदलने की जरूरत है योग्यता के साथ-साथ शिक्षक के चरित्र पर भी विशेष ध्यान रखना होगा ताकि शिक्षक अच्छे चरित्रवान और बेहतर मार्गदर्शक हो और एक अच्छी योग्य पीढ़ी का निर्माण करने में सहायक बन सके। (हिफी)
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)