लेखक की कलमसम-सामयिक

अब रामलला के बिराजने का इंतजार

 

लगभग पांच सौ साल की संघर्षमय प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का नव्य एवं भव्य मंदिर का इतना निर्माण हो चुका है कि वहां गर्भ गृह में रामलला बिराजमान हो सकें। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मंदिर निर्माण की प्रगति से लगातार अवगत कराते रहते हैं। राम मंदिर को पूरी तरह से भारत मंदिर बनाया जा रहा है। देश भर से पवित्र मिट्टी और जल लाया जा चुका है। अब श्रद्धालुओं को मंदिर में रामलला के बिराजने और प्राण-प्रतिष्ठा की प्रतीक्षा है। हालांकि प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर भी तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस तरह की व्यवस्था कर रहा है कि अयोध्या में भीड़ भी इकट्ठी न होने पाए और पूरा देश राममय नजर आये। गत 9 सितम्बर को भी ट्रस्ट की बैठक हुई थी जिसके बाद कहा जा रहा था कि प्राण-प्रतिष्ठा के लिए अति शुभ मुहूर्त देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की तैयारी को लेकर भी बैठकें चल रही हैं। मंदिर में प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना होगी और जनवरी 2024 मंे श्रद्धालुओं के लिए राम मंदिर खोल दिया जाएगा। राम मंदिर के साथ ही अयोध्या को भी विकसित किया जा रहा है। गत 8 सितम्बर को ही सरयू में जटायू नामक क्रूज का अवतरण किया गया है। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले ही अयोध्या की सरयू मंे जटायू, गरुण और पुष्पक श्रद्धालुओं को आनंद बिहार कराएंगे। जटायू क्रूज का आनंद श्रद्धालु उठा रहे हैं। यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इसका लोकार्पण किया था। जटायू क्रूज से अयोध्या मंे 18 किलोमीटर की यात्रा करके विभिन्न घाटों और मंदिरों के दर्शन किये जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के अयोध्यामें भगवान रामके प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मैराथन बैठक चल रही है। राम जन्मभूमि परिसर में स्थित एलएनटी कार्यालय में गत दिनों भवन निर्माण समिति की बैठक हुई। प्राण प्रतिष्ठा प्रबंधन समिति की बैठक तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर का गर्भ गृह बनकर तैयार है, तो प्रथम तल के स्तंभों को भी लगाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है। प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी। वहीं जनवरी 2024 में राम मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी जनवरी में होगी। ट्रस्ट के अनुसार अगले साल यानी जनवरी 2024 में मंदिर के गर्भ गृह में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। अगले साल श्रद्धालुओं को विश्व के सबसे दिव्य और भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन हो सकेंगे। मंदिर के बाहर 8 एकड़ में परकोटा बनाया जा रहा है, जिसको आयताकार 800 गुने 800 मीटर का बताया जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शुभ मुहूर्त पर प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भक्त भगवान का दर्शन कर सकेंगे। पहली चैत्र राम नवमी पर सूर्य की किरण भगवान के ललाट पर पड़ेगी। इसकी व्यवस्था की जा रही है। रामलला के सामने 300 से 400 लोग आकर एक साथ दर्शन कर सकते है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्मस्थली पर उनके ही भव्य मंदिर में उन्हीं की बाल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले अब जटायु, गरुण और पुष्पक अयोध्या में चार चांद लगाएंगे। अयोध्या की बदलती सुखद तस्वीर के बीच 8 सितंबर को वाराणसी में गंगा की तरह सरयू में भी क्रूज का अवतरण हुआ। दुबई में बने इस विशेष क्रूज का नाम जटायू रखा गया है जबकि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले दूसरे क्रूज के रूप में पुष्पक और तीसरे क्रूज के रूप में गरुण फिर कनक महल सरयू में विचरण करता दिखाई देगा। जटायू क्रूज का सफर श्री राम के जीवन उदय स्थल यानि वर्तमान के अयोध्या नगर स्थित चैधरी चरण सिंह सरयू घाट से शुरू होगा और विराम गुप्तार घाट पर होगा। इसे गुप्तार घाट भी कहा जाता है जहां श्री राम ने अपनी जीवन लीला को विराम दिया था। यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इस सेवा की शुरुआत की और इस मौके पर उन्होंने भव्य और विकसित अयोध्या की बात की।

अध्यात्म, आधुनिकता और नव्य अयोध्या की तस्वीर में जटायू और पुष्पक के गहरे रंग दिखाई देंगे। 8 सितंबर से शुरू हुए क्रूज का नाम जटायू है, इसलिए इसमें रामायण पर आधारित जटायू प्रसंग लोगों को दिखाए जाएंगे। आडियो-वीडियो सिस्टम से सुसज्जित अलग-अलग नाम वाले क्रूज में जलपान की भी सुविधा होगी। क्रूज के जरिए घाटों के किनारे बनी मंदिरों की श्रृंखला को लोग आसानी से देख सकेंगे और साथ ही साथ घाटों की सुंदरता को भी निहार सकेंगे। क्रूज की एक बार की 18 किलोमीटर की सरयू यात्रा लगभग 2 घंटे में पूरी होगी। यात्री चैधरी चरण सिंह घाट पर बनी जेटी से बैठ संकेगे, हालांकि गुप्तार घाट पर भी वह उतर सकेंगे लेकिन वहां से बोर्डिंग की सुविधा नहीं होगी। इस यात्रा के दौरान क्रूज पर मौजूद गाइड लोगों को रास्ते में पड़ने वाले पौराणिक मंदिरों और घाटों के बारे में जानकारी देंगे।

अयोध्या क्रूज लाइन नामक एक नई कंपनी ने संचालन के लिए बाकायदा अयोध्या नगर निगम से एक अनुबंध किया है। दुबई से बनवाए गए जटायु क्रूज की 100 सीटों में से 70 सीटे वातानुकूलित हैं, जबकि 30 सीट क्रूज की छत पर हैं, जिससे लोग अयोध्या का मनोहारी दृश्य देख सकेंगे। इसमें बैठने के लिए नीचे दो कंपार्टमेंट बने हुए हैं जिसमें से प्रत्येक की क्षमता 35 यात्रियों की है। इस सफर के दौरान स्नेक्स और कोल्ड ड्रिंक का लुत्फ भी यात्री उठा सकेंगे। 2 घंटे के इस सफर का टिकट महज 300 रुपये होगा, जिससे कम आय वर्ग के लोग भी इसका आनंद उठा सकेंगे। जटायू क्रूज में दो इंजन है, जिससे सुरक्षा के साथ-साथ क्रूज को आवश्यकतानुसार ताकत मिल सकेगी। सरयू में अभी पर्याप्त पानी है लेकिन पानी कम होने पर भी यह तीन से चार फीट पानी में आसानी से संचालित हो सकेगा। दो मंजिला इस क्रूज में यात्रियों की सुविधा के साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। हालांकि आने वाले दिनों में जब अन्य दूसरी कंपनियों के क्रूज सरयू में संचालन के लिए उतारे जाएंगे तो इनके बीच की प्रतियोगिता से यात्रियों को और बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

प्रबंध निदेशक अयोध्या क्रूज कंपनी राहुल शर्मा ने कहा कि यह जटायू के नाम से क्रूज को बनाया है। यह हमारा पहला क्रूज है इसके बाद दो और आएंगे, गरुण और पुष्पक के नाम से आएंगे। इसको गुप्तार घाट तक लेकर के जाएंगे 9 किलोमीटर जाना है और 9 किलोमीटर आना है। इन रास्तों में जितने भी घाट होंगे उनकी स्टोरी और रामायण के जितने भी चरित्र हैं और उनके बारे में पूरा ज्ञान वह सारी चीज करवाई जाएगी। ब्रेकफास्ट चाय और पानी और जूस और कुकीज चॉकलेट यह हम कंप्लीमेंट्री दे रहे हैं। सभी यात्री को देंगे और इसका 300 किराया रखा है। 30 यात्री आगे और तीर्थ यात्री पीछे और 40 यात्री ऊपर रह सकते हैं।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह कहते हैं कि पूरे विश्व की निगाहें इस समय अयोध्या की तरफ हैं। लंबे संघर्षों के बाद भगवान राम की जन्मभूमि और राम मंदिर नए स्वरूप में सामने आ रहा है जो जनवरी में प्रधानमंत्री के कर कमल द्वारा लोकार्पित होना है। सरकार का प्रयास है कि उस समय तक ज्यादा तक योजनाएं पूर्णता को पहुंचें। (हिफी)

(मनीषा-हिफी फीचर)

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