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सनातन धर्म विवाद पर भाजपा ने नए सिरे से किया विपक्षी दलों पर हमला

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म पर हमला विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) का गुप्त एजेंडा है। पार्टी ने इस प्राचीन धर्म के बारे में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं की लगातार आलोचनात्मक टिप्पणियों के बीच विपक्षी नेताओं की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाए। इस मुद्दे पर विपक्ष पर ताजा हमला बोलते हुए भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि सोनिया गांधी इस मामले पर अगर चुप्पी साधे रहेंगी तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि सनातन धर्म का विरोध करना ‘इंडिया’ के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है। प्रसाद ने द्रमुक के एक नेता की उस हालिया टिप्पणी का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध करना संगठन का एजेंडा है। इस बारे में प्रसाद ने कहा कि तमिलनाडु के नेता ने जो कहा है वह विपक्षी गठबंधन के बारे में सही ही है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भाजपा इस गठबंधन से एक स्पष्ट प्रस्ताव लाने का आग्रह करेगी कि वह इससे खुद को (द्रमुक की आलोचना से) पूरी तरह अलग करता है और यह उनका एजेंडा नहीं है।’
द्रमुक द्वारा अपनी आलोचना को सही ठहराने के लिए सनातन धर्म को हिंदुओं के बीच जातिगत भेदभाव की प्रथा से जोड़ने पर भाजपा नेता ने कहा कि शबीर, केवट और संत रविदास जैसे पिछड़ी जातियों के श्रद्धेय लोगों को समर्पित मंदिर बनाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म का मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति और समुदाय की पृष्ठभूमि के बावजूद अपनी भक्ति से भगवान को प्राप्त कर सकता है। कांग्रेस ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा कि वह हर धर्म का सम्मान करने में विश्वास करती है। कांग्रेस पर पलटवार करते हुए प्रसाद ने कहा कि द्रमुक से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे दलों के कुछ विपक्षी नेता सनातन धर्म और हिंदू धर्म से जुड़े पवित्र ग्रंथों की आलोचना करने में मुखर रहे हैं, लेकिन क्या वे अन्य धर्मों और उनके पवित्र व्यक्तित्वों की आलोचना करने का साहस जुटा सकते हैं?
उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत का हर रोज अपमान किया जा रहा है और भाजपा इस मुद्दे को लेकर देश भर के गांवों में जाएगी और साथ ही विकास तथा विरासत की बात भी करेगी। उन्होंने विपक्षी नेताओं से सवाल किया कि सनातन धर्म का यह ‘शर्मनाक अपमान’ क्यों किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि देश यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हाल ही में भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान कोणार्क चक्र और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को दी गई प्रमुखता के बारे में भी बात की।

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