
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर को हुआ था। उसी दिन देव शिल्पी विश्वकर्मा की जयंती भी मनायी जाती है। भारतीय राजनीति में कालजयी राजनेता हुए हैं और आज भी उनका नाम आदर के साथ स्मरण किया जाता है। इन्हींे नेताओं की पंक्ति मंे आज नरेन्द्र दामोदर दास मोदी भी खड़े दिखते हैं जिनमंे राजनीति के साथ इंसानियत भी भरपूर दिखाई देती है। दुनिया के फलक पर भारत को जिस ऊँचाई पर नरेन्द्र मोदी ने पहुंचाया और स्वयं पहुंचे, उसको राजनीति के लिए अनुकरणीय कहा जा सकता है। एक समय था जब अमेरिका ने नरेन्द्र मोदी को अपने देश में आने के लिए वीजा देने से मना कर दिया था, अब वही देश मोदी के स्वागत मंे लाल कालीन बिछा देता है। अमेरिका के राष्ट्रपति स्वयं चलकर मोदी की सीट तक उनका हालचाल पूछने आते हैं। इतने शिखर पर होते हुए भी प्रधानमंत्री नरेन््रद मोदी इंसानियत को सर्वोपरि मानते हैं। वे प्रधानमंत्री होते हुए भी प्रयागराज मंे महाकुंभ के अवसर पर सफाई कर्मियों के पैर धोकर उनके कर्तव्य को सम्मान देते हैं। इतना ही नहीं ऊँच-नीच के भेदभाव को किनारे रखकर नये संसद भवन के श्रमिकों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित करके नरेन्द्र मोदी देश को बताते हैं कि धनबल से श्रम बल श्रेष्ठ है। भारत की विदेश नीति ने जी-20 शिखर वार्ता मंे अपनी धाक जमा दी और अफ्रीकी देशों के संगठन (55 देश) को जी-20 का सदस्य बनवा दिया। विस्तारवादी चीन को व्यापारिक क्षेत्र मंे पटकनी देते हुए यूरोप और यूएई तक नया व्यापारिक गलियारा बनवा रहे हैं। कई देश रुपये मंे व्यापार करने पर सहमत हो गये हैं। भारत ने सभी मुद्दों पर जी-20 देशों की सहमति हासिल की। रूस-यूक्रेन युद्ध पर इस तरह की रणनीति अपनाई कि मोदी के प्रबल आलोचक राहुल गांधी भी तारीफ करने पर मजबूर हुए हैं। राजनीति और इंसानियत का संगम बिरले ही नेताओं मंे दिखता है।
नरेन्द्र भाई दामोदरदास मोदी का जन्म गुजरात के बडनगर में भारांग भाद्रपद 26, 1872, ग्रेगोरी कैलेण्डर के अनुसार सितम्बर 17, 1950 को हुआ था। वह 26 मई 2014 से अब तक लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमन्त्री बने हैं तथा वाराणसी से लोकसभा सांसद चुने गये। वे भारत के प्रधानमन्त्री पद पर आसीन होने वाले स्वतन्त्र भारत में जन्मे प्रथम व्यक्ति हैं। इससे पहले वे 7 अक्तूबर 2001 से 22 मई 2014 तक गुजरात राज्य के मुख्यमन्त्री रह चुके हैं। वे गुजरात राज्य के 14वें मुख्यमन्त्री रहे। उन्हें उनके अच्छे कामों के कारण गुजरात की जनता ने लगातार 4 बार (2001 से 2014 तक) गुजरात का मुख्यमन्त्री चुना। गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने एवं उनका विस्तार करने के लिए मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार ने रक्षा पर खर्च को बढ़ा दिया है। सन 2015 में रक्षा बजट 11 फीसद बढ़ा दिया गया। मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर भारत के नागा विद्रोहियों के साथ शान्ति समझौता किया जिससे 1950 के दशक से चला आ रहा नागा समस्या का समाधान निकल सके। उनकी सरकार ने 29 सितम्बर, 2016 को नियन्त्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक की और सीमा पर चीन की मनमानी का कड़ा प्रतिकार किया। देश के अंदर सुधार करते हुए हजारों एनजीओ का पंजीकरण रद्द कर दिया। तीन बार तलाक कहकर तलाक देने के विरुद्ध कानून बनाया और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया।
देश की आम जनता की बात जानने और उन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की। संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवित्र संगम पर मंत्रोच्चार के बीच पूजा अर्चना की। इसके बाद पीएम मोदी ने सफाई कर्मचारियों व स्वच्छाग्रहियों को सम्मानित किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने सफाईकर्मियों के पैर भी धोए। पीएम मोदी ने कहा कि इन्हीं सफाईकर्मियों की वजह से कुंभ मेले का आयोजन सफल रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की ज्योति, बांदा की चैबी, नरेश कुमार, प्यारे लाल और संभल के होरीलाल के पैर धोए। इस सम्मान से सभी सफाईकर्मी खुश नजर आ रहे थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि खुद प्रधानमंत्री ने उनके पांव धोए हैं। पीएम मोदी ने सफाईकर्मियों के पैर धोने के बाद उन्हें झुककर प्रणाम किया। सफाई कर्मियों ने कहा कि इस बारे में वे अपने गांव, घर परिवार से भी बताएंगे। गर्व महसूस हो रहा है। मोदी को फिर एक बार मौका मिलना चाहिए।
इसके बाद ऐतिहासिक लाल किले से 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में कई खास मेहमान नजर आए। नई संसद में काम करने वाले श्रमिकों, गांव के सरपंचों सहित अलग-अलग क्षेत्रों से लगभग 1800 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। समारोह का हिस्सा बनने के लिए देश भर से विभिन्न पेशों से जुड़े 1800 लोगों को उनके जीवनसाथी के साथ विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इन विशिष्ट अतिथियों में 660 से ज्यादा वाइब्रेंट विलेज के 400 से ज्यादा सरपंच, किसान उत्पादक संगठन योजना से जुड़े 250 लोग, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के 50-50 प्रतिभागी, नई संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा परियोजना से जुड़े 50 श्रम योगी (निर्माण श्रमिक) शामिल थे।
अभी हाल ही देश मंे जी-20 का शिखर सम्मेलन हुआ। भारत उसका अध्यक्ष था। इससे भारत को विश्व स्तर पर ख्याति मिली है। वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 के सदस्य देशों ने हमपर भरोसा जताया। सभी देशों ने मिलकर हमारा सहयोग किया। वहीं, भारतीय दलों ने अच्छा काम किया है। जी-20 की बैठक कई शहरों में हुई। जी-20 में भारत की शानदार संस्कृति दिखाई गई। जी-20 से दुनिया भर में भारत की नई छवि बनी है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत विकास की जरूरत समझता है। हर क्षेत्र में लोगों को नौकरियां मिल रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी हैं। वित्त मंत्री ने कहा, 22 देश भारत से रुपये में व्यापार करने को तैयार है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कई देशों की रुचि है। निश्चित रूप से भारत का गौरव बढ़ाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महती भूमिका है। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)