लेखक की कलमसम-सामयिक

नये घर में पुराने घर के विवाद

 

देश के संसदीय इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन था जब 18 सितंबर को पुराने संसद भवन में देश की आजादी के 75 वर्षों की स्मृतियां दोहराई गयीं। अगले दिन अर्थात 19 सितंबर से नये संसद भवन में सभी सांसद बैठक करेंगे। उम्मीद थी कि कटुता को पुराने घर में छोड़ दिया जाएगा लेकिन राजनीति अपना स्वभाव बदलना नहीं चाहती। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अच्छे पलों को याद किया तो एक-दूसरे पर निशाना भी साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने उस पल को याद करके जब उन्होंने पहली बार संसद में एक सांसद के नाते प्रवेश किया था और चैखट पर सिर नवाया तब पूरा देश भावुक हो गया था, उसकी याद दिलाई। पीएम ने पंडित नेहरू से लेकर अपने पूर्ववर्ती पीएम डा0 मनमोहन सिंह तक का जिक्र किया लेकिन जब वह श्रीमती इन्दिरा गांधी के बांग्ला देश निर्माण के शौर्य का उल्लेख कर रहे थे तो इमरजेंसी की याद दिलाना भी नहीं भूले। इसी तरह विपक्ष ने नोटबंदी और कृषक कानूनों का जिक्र किया जिन्हें मोदी सरकार ने बाद में वापस ले लिया। मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के संगठन इंडिया का नाम बदलने पर कहा तो अब हालात बदलो ऐसे नाम बदलने से क्या होता है। अपनी हुक्म रानी पर तुम्हें गुरूर है लोगों को डराने-धमकाने से क्या होता है। इन पंक्तियों में इंडिया को इंडी या घमंडिया कहते और विपक्षी दलों के नेताओं के घर ईडी-आयकर के छापे का इशारा था।

संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान, संसद पर हुए आतंकी हमले, संसद में अपने पहले दिन समेत कई यादों को सदन के सदस्यों के साथ ताजा किया। साथ ही बताया कि आर्टिकल 370 हटाने समेत कई ऐसे कानून इस पुरानी संसद भवन की इमारत में पास हुए, जिन्होंने देश की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति में बड़े बदलाव किये। पीएम मोदी ने कहा, सदन हमेशा गर्व से कहेगा कि (धारा 370 को हटाना) उसके कारण संभव हुआ। जीएसटी भी यहीं पारित हुआ। वन रैंक-वन पेंशन देखी गई (और) आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बिना किसी विवाद के पहली बार सफलतापूर्वक अनुमति दी गई।

उन्होंने कहा कि हम नए भवन में भले ही जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस बात का गर्व करेगा कि जी-20 में भारत की अध्यक्षता के समय अफ्रीकन यूनियन जी-20 का सदस्य बना। पीएम मोदी ने कहा, आतंकी हमला हुआ, पूरे विश्व में ये हमला एक इमारत पर नहीं था। ये लोकतंत्र की मां, हमारी जीवात्मा पर ये हमला था। आज का दिवस संसद के सदस्यों के गौरवगान का दिवस है। बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करके मोदी सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया था कि कश्मीर भारत के दूसरे हिस्सों की तरह देश का अटूट अंग है।

उन्होंने पुरानी संसद की 75 साल की यात्रा को याद दिया।इस दौरान पीएम मोदी ने उन सभी प्रधानमंत्रियों को याद किया जिनका इस संसद से जुड़ाव रहा। संसद की यात्रा का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि ये संसद नेहरू, शास्त्री, आंबेडकर, चरण सिंह, मनमोहन और अटल जी की साझी विरासत है। पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन में पंडित जवाहरलाल नेहरू का दिया भाषण आज भी प्रेरणा देता है। नेहरू जी की गूंज आज भी प्रेरणा और दिशा देती है। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनका वह भाषण भी याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकारें आती-जाती रहेंगी, पार्टियां बनती-बिगड़ती रहेंगी लेकिन देश नहीं रुकना चाहिए। पीएम की इस बात पर लोकसभा सांसदों ने जमकर मेज थपथपाई। पीएम ने कहा कि शास्त्री जी ने हरित क्रांति की नींव रखी तो वहीं नरसिम्हा राव ने आर्थिक नीति को सुधारा बाबा साहेब को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू के शुरुआती मंत्रिपरिषद में बाबा साहेब अंबेडकर मंत्री थे। उन्होंने दुनिया की बेस्ट प्रैक्टिसेज को देश में लाने पर जोर दिया। बाबा साहेब का सबसे ज्यादा जोर फैक्ट्री कानून में अंतरराष्ट्रीय सुझावों को शामिल करने पर रहा। आज देश को इसका फायदा मिल रहा है।बाबा साहेब अंबेडकर ने ही पंडित नेहरू की सरकार में देश को वॉटर पॉलिसी दी थी।

इसके बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चैधरी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कई सवाल भी पूछे कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमसे बार-बार पूछा जाता है कि 70 साल में आपने क्या किया। उन्होंने कहा कि हमने 70 साल में इस देश के लोकतंत्र को मजबूत किया। नेहरू काल में देश की नींव पड़ी। नींव के पत्थर दिखते नहीं है। विपक्षी गठबंधन इंडिया के नाम को लेकर बीजेपी पर हमलावर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नड्डा साहब हमें छोटा करने के लिए गठबंधन का नाम इंडी बोलते है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होता है, हम इंडिया हैं। अपने भाषण में मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए खरगे ने कहा कि पीएम यहां-वहां जाते हैं लेकिन मणिपुर नहीं गए। वहीं हर मुद्दे पर बाहर भाषण देने को लेकर भी खड़गे ने पीएम मोदी से सवाल किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने 9 साल के कार्यकाल में परंपरागत बयानों को छोड़कर सिर्फ दो बार ही बयान दिया है। उन्होंने पूछा कि क्या यही लोकतंत्र है। जब कि अटलजी ने अपने कार्यकाल में 21 बार और मनमोहन सिंह ने 30 बार बयान दिया था। अधीर रंजन ने कहा कि पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद हम पर प्रतिबंध लगाए गए थे, उन प्रतिबंधों को हटाने का काम हमारे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जी ने किया। बीजेपी पर हमलावर कांग्रेस नेता ने कहा कि जिन मनमोहन पर बीजेपी मौन रहने का आरोप लगाती थी वो मौन नहीं रहते थे। दरअसल वह बात कम और काम ज्यादा करते थे। बीजेपी के वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हुए अधीर रंजन ने कहा कि इसका मतलब होता है कि सबकी चिंताओं को शामिल करना चाहिए, यही तो हम कहते हैं।

संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए परिसर में जाने से पहले इस संसद भवन से जुड़े प्रेरणादायक क्षणों को याद करने का समय आ गया है। देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का पुनः स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले, उन प्रेरक पलों को, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है। उन्होंने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए भारत के गौरव की चर्चा विश्वभर में हो रही है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की। पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन में कहा, ये सही है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन ये बात हम कभी नहीं भूल सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में परिश्रम, पसीना और पैसा मेरे देशवासियों के लगा था। इस सदन से विदाई लेना बहुत ही भावुक पल है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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