पुष्पांजलि इंफ्राटेक के खरीदारों को हाईकोर्ट से भी लगा झटका

देहरादून। पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रा.लि. की धोखाधड़ी के शिकार 90 खरीदारों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। पिछले पांच सालों से इंसाफ के लिए लड़ रहे आर्किड पार्क और एमिनेंट हाइट्स के फ्लैट खरीदारों को रेरा से कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट से भी याचिका खारिज होने के बाद खरीदार मायूस हैं।
खरीदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि सेक्शन-8 का प्रयोग कर नोएडा के आम्रपाली प्रोजेक्ट की तरह पुष्पांजलि इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट को किसी अन्य बिल्डर को सौंपा जाए। वहीं ईडी की ओर से अटैच किए गए बिल्डर्स के प्रोजेक्ट को मुक्त किया जाए, ताकि रेरा कोई कदम उठा सके। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर कहा, यह प्रकरण रेरा के कार्यक्षेत्र का है।
रेरा के पास इससे संबंधित सभी अधिकार हैं। खरीदारों की ओर से कविता भाटिया ने कहा कि उन लोगों को इंसाफ मिलता नहीं दिख रहा है। रेरा सुनने को तैयार नहीं है। हाईकोर्ट ने साफ कह दिया है कि यह मामला रेरा के कार्यक्षेत्र का है, इसके बाद भी रेरा से कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि खरीदारों की मांग है कि प्रोजेक्ट को सेक्शन 8 के तहत किसी अन्य बिल्डर को सौंप दिया जाए, ताकि उसका निर्माण पूरा कराया जा सके।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक की संबंधित प्रापर्टी पर पीएनबी के लोन का 21 करोड़ का बकाया है। इस कारण इस प्रॉपर्टी को ईडी ने अटैच किया है। रेरा का तर्क है कि जो प्रापर्टी ईडी में अटैच होती है उस पर सेक्शन-8 का प्रयोग नहीं किया जा सकता। रेरा ने ईडी को समन भेजकर खरीदारों के हितों का संरक्षण करने का प्रयास भी किया, लेकिन उसमें कोई खास सफलता नहीं मिली।
वहीं कविता भाटिया ने कहा कि संपत्ति ईडी में अटैच होने के कारण रेरा उस पर कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। इसलिए अटैचमेंट को हटाया जाए। पुष्पांजलि की आर्किड पार्क और अन्य परियोजना में खरीदारों ने जीवन भर की पूंजी लगा दी है। इसके बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला। करीब 90 लोग अपना सब कुछ गंवा चुके हैं। पुलिस में नौ मुकदमे और रेरा में 61 शिकायतें भी उन्हें इंसाफ नहीं दिला पा रही हैं।