हैवानियत का पर्याय है हमास

हमास के लड़ाकों ने इजरायली सैनिकों पर हमला नहीं किया बल्कि निहत्थी औरतों और बच्चों को मार डाला। इतना ही नहीं महिलाओं की लाशों के साथ दुराचार किया और शवों को निर्वस्त्र करके घुमाया।
यह समूची मानवता को शर्मसार करने वाला है कि इक्कीसवीं सदी में भी इंसान के वेश में छिपे दरिंदे नस्ल मजहब के आधार पर एक दूसरे का खून खराबा कर रहे हैं। हमास ने 7 अक्टूबर की रात अचानक इजराइल में एक साथ आतंकी हमले कर जिस तरह खून खराबा किया है तथा महिलाओं व आम नागरिकों को बर्बरता से निशाना बनाया है वह न सिर्फ समूची मानवता को कलंकित करने वाला है वरन विश्व शांति के लिए भी बड़ी चुनौती पैदा करने वाला है। हमास के कुछ आतंकियों ने जिस तरह इजराइल की महिला के शव की वस्त्रविहीन परेड कराकर बेहद घृणित व बर्बर मानसिकता का परिचय देते हुए समूची दुनिया की मातृशक्ति के साथ हैवानियत की है, उसकी जितनी निंदा की जाए कम होगी। वहीं भारत के कुछ राजनीतिक दल और कट्टरपंथी मजहबी विचारधारा वाले लोग फलस्तीन के समर्थन में बयानबाजी कर रहे हैं, वह भी घोर शर्मनाक है। मणिपुर में महिलाओं के साथ दरिंदगी पर शोर मचाने वाले इन राजनीतिक दलों के नेताओं और कट्टरपंथी लोगों को इजराइल की महिला के साथ दरिंदगी क्यों नजर नहीं आती है यह भी सोचने का विषय है। क्या सारे विरोध व समर्थन सिर्फ कट्टरपंथी मजहबी वोटों की खातिर किए जाते हैं फिर तो ऐसी घटिया सोच वाले राजनीतिक
दलों का बहिष्कार किया जाना चाहिए। यूपी के अलीगढ़ में एएमयू में फलस्तीन के समर्थन में मार्च निकालने वाले
छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
हमास ने इजरायल में चैंकाने वाला हमला किया। एक म्यूजिकल फेस्ट में आतंकियों ने जमकर कहर बरपाया। दक्षिणी इजरायल के सुकुट गांव में आतंकियों ने जमकर खून-खराबा किया। यहां पर 260 लाशें मिली थीं। अब इस कार्यक्रम के प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं कि किस कदर हमास ने दरिंदगी दिखाई। हमले में जिंदा बची एक महिला ने अपने दोस्त के सामने खून-खराबे का वह मंजर बयां किया है जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। आतंकियों ने लाश के साथ महिलाओं का बलात्कार किया और कई लोगों को बंदूक की नोक पर उड़ा दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने रुंधी हुई आवाज में अपने दोस्त को बताया कि उसके सामने डेडबॉडीज पड़ी थीं। इनमें से ज्यादातर शव युवा महिलाओं के थे, बिल्कुल ठंडे और क्षत-विक्षत पड़े थे। इन डेडबॉडीज पर कम कपड़े या तो बिल्कुल भी नहीं थे। इनमें से कई शव ऐसे थे जिन्हें एकदम करीब से गोली मारी गई थी। आतंकियों ने कारों को हथगोले से उड़ा दिया था। कुछ लोग ऐसे थे जो झाड़ियों के बीच छिपने के लिए भागने लगे। जिंदा बचे एक व्यक्ति ने याद करते हुए कहा, मुझे ऐसा लगा जैसे वे हमारे सिर के ठीक ऊपर गोली मार रहे थे।
हमास के इजरायल पर भीषण हमले के बाद पूरे खाड़ी देशों में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इजरायल पर हमले का जहां ईरान और कई मुस्लिम देशों में जश्न मनाया जा रहा है, वहीं खाड़ी के एक अहम मुस्लिम देश यूएई ने हमास को जमकर लताड़ा है। यूएई ने कहा कि हमास का इजरायल पर हमला बहुत गंभीर और बहुत ज्यादा भड़काने वाला है। यूएई के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि वह इन खबरों से स्तंभित है कि हमास के सदस्यों ने इजरायल के लोगों को उनके घरों से निकालकर बंधक बना लिया है। हमास के हमले में अब तक 700 इजरायली और विदेशी नागरिक मारे गए हैं।
याद रहे कि इजरायल और फलस्तीन दोनों ही देशों के आम नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत पूर्ण संरक्षण मिला हुआ है और उन्हें संघर्ष में निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। यूएई का बयान ऐसे समय पर आया है जब ईरान और कतर ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं सऊदी अरब ने बहुत सतर्कतापूर्वक प्रतिक्रिया दी है। यूएई और सऊदी अरब दोनों इजरायल के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। इन दोनों ही सुन्नी मुस्लिम देशों को शिया देश ईरान के हमले का डर सता रहा है।
यूएई खाड़ी देशों में पहला ऐसा देश था जिसने साल 2020 में इजरायल को मान्यता दी थी। उसने दशकों से चल रही अपनी अरब नीति को बदल दिया था। यही नहीं सऊदी अरब भी इजरायल के साथ अपने रिश्ते सामान्य करने वाला था और इसी बीच ईरान के समर्थन में चल रहे हमास ने इजरायल पर पिछले 50 साल में सबसे बड़ा हमला करके पूरी शांति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की है। हमास ने खुद माना है कि उसे इस भीषण और खूनी हमले को अंजाम देने में ईरान का समर्थन मिला है।
इजरायल और हमास के बीच युद्ध में ईरान समर्थित हिज्बुल्ला ने भी इजरायल मोर्टार से हमला किया है। इसको देखते इजरायल की सेना को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। इस सदमे के बीच इजरायल ने अपने 1 लाख सैनिकों को जुटा लिया है और वह अब गाजा में भीषण हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि लंबे और बहुत कठिन युद्ध के लिए देश को तैयार रहना होगा। इजरायल के सैनिक और फाइटर जेट लगातार हमास के ठिकानों पर बम बरसा रहे हैं जिसमें सैकड़ों फलस्तीनी हताहत हुए हैं।
हमास ने इजरायल पर मुंबई हमलों जैसा भीषण आतंकी हमला किया है। हमास के आतंकी इजरायल में जमीन, हवा और समुद्र से घुस आए हैं और अभी भी कई मोर्चों पर लड़ाई जारी है। इस बीच इजरायल के 1 लाख सैनिक गाजा की सीमा पर तैनात हैं और कभी भी हमास पर धावा बोल सकते हैं। इस बीच इजरायल ने अमेरिका से हथियारों की मदद मांगी है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि वह इजरायल को घातक गोला बारूद भेज रहा है। अमेरिका का सबसे घातक एयरक्राफ्ट कैरियर भी इजरायल के पास पहुंच रहा है। इजरायल भारत का अभिन्न मित्र है और हर संकट में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है। इजरायल ने भारत को कारगिल युद्ध के दौरान बंकर को तबाह करने वाले बम दिए थे और इसके बाद भारत ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने में सफलता हासिल की थी। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या भारत अपने दोस्त को सैन्य मदद देगा? ईरान, हिज्बुल्ला और सीरिया के हमले के खतरे के बीच अमेरिका ने महाविनाशक युद्धपोत यूएसएस गेरार्ल्ड फोर्ड और 5 गाइडेड मिसाइल क्रूजर तथा डेस्ट्राॅयर भेजे हैं। ये सभी अभी भूमध्यसागर में हैं। अब इन्हें इजरायल के पास भेजा जा रहा है। यही नहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा है कि अमेरिका अपने घातक फाइटर जेट और हमलावर विमानों को इस इलाके में बढ़ा रहा है ताकि क्षेत्रीय प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा दिया जा सके। उनके मुताबिक, यह बताता है कि अमेरिका, इजरायल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इससे पहले जो बाइडन और इजरायल के पीएम नेतन्याहू के बीच बातचीत हुई थी और सैन्य रसद को तत्काल रवाना कर दिया गया था।
शर्मनाक बात यह है कि हमारे देश में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों द्वारा फलस्तीन के समर्थन और इजराइल के विरोध में प्रदर्शन किया गया है। इन लोगों ने एक बार भी उस बर्बरता पर सवाल नहीं किया जो इजराइल की निर्दोष महिला बच्चों के साथ की गई। (हिफी)
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)