भारत भी आतंकी संगठनों के निशाने पर

इजराइल पर जिस तरह एकाएक सुनियोजित ढंग से कट्टरपंथी आतंकी संगठन हमास ने हमले किए हैं, इसके मद्देनजर भारत को भी अपने प्रतिरक्षा तंत्र सामरिक तैयारी व खुफिया तंत्र की पड़ताल करने की जरूरत है। हमास के हमलों ने पुरानी कहावत अक्षरशः सत्य साबित कर दी है कि जागू से लागू बड़ा खतरनाक होता है जिस तरह हमास ने इसराइल के विश्व में सबसे उन्नत समझे जाने वाले प्रतिरोधक प्रतिरक्षा तंत्र को दरकिनार कर एक ताबड़तोड़ खूनी खेल की दरिंदगी भरी गाथा को अंजाम दिया है और भारी खून खराबा किया है उसने तमाम प्रतिरोधक तंत्र के बूते पर देश की सुरक्षा का दावा करने वाले सभी प्रतिरक्षा सिस्टम की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगादिया है खुद भारत भी इजरायल के प्रतिरक्षा तंत्र पर भरोसा करता रहा है तथा प्रतिरक्षा तंत्र की काफी सारी तकनीक भारत ने इसराइल से ली है लेकिन मौजूदा हमले में जिस तरह से इसराइल का प्रतिरक्षा तंत्र नकारा साबित हुआ है उसे देखते हुए भारत को अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए सामरिक प्रतिरोधक तंत्र को परखने की जरूरत है। भारत की सीमाए ंदुश्मन देशों से घिरी हैं जिन पर मजहबी उन्मादी संगठन घात लगाकर मौके की फिराक में बैठे हैं। जरा सी चूक भी भारत की साख और अस्मिता की रक्षा पर बट्टा लगा सकती है। जरूरत इस बात की है कि भारत अपनी तमाम प्रतिरक्षा प्रणाली की समीक्षा करें तथा उन्नत से उन्नत तकनीक को स्थापित कर देश की सुरक्षा व्यवस्था को चाकचैबंद करें क्योंकि भारत को हिज्बुल मुजाहिदीन अलकायदा आइएसआई समेत दर्जनों कट्टरपंथी संगठनों व दुश्मन देश की एजेंसियों से लगातार खतरा बना हुआ है यह किसी से छुपा नहीं है। ऐसी स्थिति में भारत की उन्नत तकनीक की सुरक्षा प्रतिरक्षा प्रणाली ही भारत की 140 करोड़ आबादी के मान सम्मान और जीवन की सुरक्षा की गारंटी हो सकती है।
विश्व के इकलौते यहूदी देश इजराइल की नींद 9 अक्टूबर सुबह गाजा पट्टी से किए गए युद्धस्तर के आतंकी हमलों से खुली। दावा किया जा रहा है कि गाजा में शासन कर रहे आतंकी संगठन हमास ने एक साथ 5000 से अधिक रॉकेट इजराइल पर दाग दिए। साथ ही, दोनों के बीच लगाई गई कंटीली तार की बाड़ को बुलडोजरों से तोड़कर हमास के कई कट्टरपंथी आतंकी इजराइल में घुस गए और इजराइल के आम नागरिकों पर हमले शुरू कर दिए।
ध्यान देने की बात है कि 2021 में हमास ने 5 मिनट में इजराइल पर 137 रॉकेट दागे थे। इनमें से 90 फीसद रॉकेट को इजराइल के आयरन डोम सिस्टम ने हवा में ही खत्म कर दिया था। इजराइल के इस एयर डिफेंस से बचने के लिए हमास ने 20 मिनट में ही 5 हजार रॉकेट दाग दिए। इससे एंटी मिसाइल सिस्टम आयरन डोम बेअसर हो गया। हमास का हमला बहुत सुनियोजित था एक साथ पांच हजार मिसाइल दूसरी ओर बुलडोजर से बाड़ेबंदी तोड़ना और तीसरे स्पीड बोट से समुद्री रास्ते से इजराइल पर अटैक के चलते बाड़े बंदी रडार और आयरन डोम समेत तमाम डिफेंस सिस्टम फेल हो गया। ये आतंकी हमले वास्तव में भारत के लिए भी चिंता एवं आत्ममंथन का विषय हैं। इजराइल को हमेशा आत्मरक्षा में तत्पर सर्वाधिक सक्रिय देश माना जाता है। उसका डोम सिस्टम मिसाइल व रॉकेट सुरक्षा प्रणाली ऐसा है जो सैकड़ों रॉकेट और मिसाइलों को क्षणों में आसमान में ही नष्ट कर सकता है, तभी हजारों रॉकेट दागने के बावजूद आतंकी हमले में बहुत कम की मौत हुई। अन्यथा इतने बड़े हमले में हजारों लाशें बिछ जातीं। इतना तगड़ा सुरक्षा घेरा होने के बावजूद उस पर आतंकी हमला हो गया। क्या भारत ऐसे किसी हमले को झेलने के लिए तैयार है? जैसे इजराइल दुश्मन देशों से घिरा है, वैसे ही भारत के पड़ोस में भी पाकिस्तान और चीन सरीखे दुश्मन मौजूद हैं। आतंकी हमले कराने में पाकिस्तान को तो महारत हासिल है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार भारत ने मिसाइल रक्षा प्रणाली तो खरीद ली है, किन्तु हमारी सीमाओं पर अनेक जगह इजराइल जैसी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। पाकिस्तान से कश्मीर में घुसते आतंकी इसका सबसे बड़ा प्रमाण हैं। मोदी सरकार के दौरान की बात छोड़ दें तो भारत की नीति वैसी त्वरित प्रतिक्रिया देने की भी नहीं रही, जैसी इजराइल ने दी है। इजराइल ने इन आतंकी हमलों के तुरंत बाद युद्ध की स्थिति घोषित कर दी और कुछ ही समय बाद गाजा पट्टी पर हवाई हमले शुरू कर दिए। इजराइल ने इसे ऑपरेशन आयर स्वॉर्ड्स नाम दिया है।
इजराइल भारत का मित्र देश हैं और जब भी भारत को जरूरत पड़ी, इजराइल ने दोस्ती निभाई हैं। सबसे बड़ा उदाहरण है 1999 का कारगिल युद्ध, जिसमें अमेरिका ने हथियार देने से इनकार कर दिया था, उस समय इजराइल ने ही भारत की मदद की थी। इजराइल सैन्य रूप से इतना सक्षम है कि वह पूरी गाजा पट्टी को कुछ ही घंटों में मिट्टी में मिला सकता है। उसने कहा है कि हमास ने इजराइल के विरुद्ध युद्ध छेड़कर बहुत बड़ी गलती कर दी है। संकेत स्पष्ट है कि इजराइल अब गाजा पट्टी का बड़ा हिस्सा अपने नियंत्रण में ले लेगा।
भारत में 2008 का मुंबई आतंकी हमला भी इजराइल पर किए गए हमले से मिलता-जुलता था, जिसमें पाकिस्तानी कट्टर मुस्लिम आतंकी हमारे देश में घुस आए थे और 168 लोगों को मार दिया था। अभी भी आए दिन पंजाब जम्मू-कश्मीर में भारत की सीमा में हथियार और नशीले पदार्थ पाकिस्तानी ड्रोन के जरिए गिराने के समाचार रोजाना की बात बन गए हैं। यह गंभीर चुनौती है और किसी बड़ी आतंकी साजिश का आधार बन सकती है। माना कि भारत अब अधिक ताकतवर है, आंतरिक सुरक्षा में लगातार सुधार किया है आतंकवाद के विरुद्ध अब अधिक कड़ी नीति और इच्छाशक्ति दोनों हैं, इसलिए ऐसे किसी बड़े हमले का सामना तो नहीं करना पड़ेगा, किन्तु जिस तरह कट्टरपंथी इस्लामी आतंकी संगठनों के मॉड्यूल यहां पकड़ में आ रहे हैं, उससे देश में आतंकी धमाकों की आशंका जरूर बढ़ रही है। आतंक को जड़ से मिटाने की बात कहने से काम नहीं चलेगा, सभी एजेंसियों को एकजुट होकर आतंकियों के समर्थकों को भी मिटाना होगा। भारत की दूसरी सबसे बड़ी समस्या देश में छिपे मजहब आधारित कट्टरपंथी तत्व है जो इसराइल पर हुए हमले में फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि देश की कुछ राजनीतिक पार्टियों भी कट्टरपंथी मजहबी वोटो की लालसा में फिलिस्तीन के लिए नरम रुख अपनाए हुए हैं तथा इजराइल का विरोध करने से नहीं चूक रही है। ऐसी स्थिति में भारत को अंदरूनी चुनौतियों से भी निपटना होगा। (हिफी)
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)