सम-सामयिक

प्राण-प्रतिष्ठा का मुहूर्त व उल्लास

 

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा वर्षों से की जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी पांच वर्ष बीतने पर अब अगले साल 22 जनवरी को रामलला भव्य महल मंे विराजमान होंगे। इसके लिए शुभ मुहूर्त तलाशा गया। मंदिर को लेकर देश ही नहीं दुनिया भर मंे उल्लास है और प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंे लोग आना भी चाहते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना अब मंदिर ट्रस्ट की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 15 जनवरी 2024 मकर संक्रांति से ही प्रारम्भ हो जाएगा। बताया जाता है कि 17 जनवरी को रामलला अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा का भ्रमण करेंगे। इन सभी कार्यक्रमों मंे व्यवस्था बनी रहे, इसका ध्यान रखना होगा। यह महाउल्लास का उत्सव होगा और उसी स्तर पर व्यवस्था भी बनानी होगी।

भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां तेजी के साथ चल रही है। मिली जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को भगवान राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजन और अनुष्ठान की तैयारियां की जा रही है। लंबे समय से राम भक्त जिस घड़ी का इंतजार करते थे, वह घड़ी अब नजदीक आ रही है और 22 जनवरी को दोपहर 11.30 बजे से 12.30 बजे तक मृग शिरा नक्षत्र में राम लला भव्य महल में विराजमान होंगे। प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान 15 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होगा जो 22 जनवरी तक चलेगा। इसी क्रम में 17 जनवरी को भगवान राम लला रामनगरी के सांस्कृतिक सीमा की यात्रा पर निकलेंगे। इस दरमियान सरयू तट पर भी धार्मिक अनुष्ठान किया जाएगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य यजमान के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी 22 जनवरी को
अयोध्या पहुंचेंगे। सभी धार्मिक अनुष्ठान 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति से 21 जनवरी तक संपन्न कर लिए जाएंगे और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ से भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का पूजन होगा। रामलला के जन्म स्थान पर तैयार भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे।

दोपहर में अयोध्या भ्रमण कर 11 बजे से 12 के बीच में प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे, जिसको लेकर क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारी शुरू कर दी है। काशी के वैदिक विद्वान जिन्होंने राम जन्मभूमि परिसर का भूमि पूजन कराया था, उन्हीं विद्वानों की देखरेख में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अलग-अलग पूजन पद्धति का इस्तेमाल होगा। रामलला पंचकोश की परिक्रमा करेंगे। सरयू में स्नान करेंगे। इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा के अलग-अलग विधान के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला को भव्य महल में विराजमान करेंगे। राम लला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि 15 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान शुरू हो जाएगा और 22 जनवरी तक अनुष्ठान चलेगा 22 जनवरी को भगवान राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। मृगशिरा मुहूर्त बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। धार्मिक अनुष्ठान के अंतर्गत वास्तु पूजन वरुण पूजन व नगर भ्रमण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे और उसी दिन राम लाल भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। प्रधानमंत्री के करकमलों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पूजा होगी। भव्य मंदिर में रामलला को स्थापित किया जाएगा। प्रतिष्ठा के लिए सबसे प्रमुख नगर भ्रमण वास्तु पूजन प्रमुख कार्य है। राम लला की अचल प्रतिमा का नगर भ्रमण 17 जनवरी को कराया जाएगा 22 जनवरी को मृगशिरा शुभ मुहूर्त में रामलला कि प्रतिष्ठा होगी। धार्मिक अनुष्ठान शास्त्र विधि से ही किए जाएंगे।

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य स्वामी विश्व तीर्थ प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने बताया कि मकर संक्रांति 15 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा का पूजन प्रारंभ होगा। 24 जनवरी तक चलेगा रामलला के प्रतिमा का उत्सव भी पहले ही मनाया जाएगा। राम लला की प्रतिमा का सरयू में अभिषेक होगा। राम जन्मभूमि परिसर में शैयाधिवास जलाधिवास फलाधिवास सभी धार्मिक अनुष्ठान शास्त्र विधि से ही किए जाएंगे। स्वामी विश्व तीर्थ परपन्नाचार्य ने कहा कि रामलला के प्रतिष्ठा से पहले रामलला की अचल मूर्ति भ्रमण भी करेगी।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के लिए तीन अलग-अलग अचल प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। मूर्ति कला के विशेषज्ञ राम लला की अचल मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में अब जैसे-जैसे मंदिर के प्रतिष्ठा की तिथि करीब आ रही है, वैसे-वैसे ही मूर्ति के स्वरूप को लेकर भी लोगों के मन में व्याकुलता बढ़ती जा रही है। हर राम भक्त के मन में यह लालसा है कि वह अपने आराध्य के बने रहे भव्य मंदिर में विराजमान होने वाले रामलला के दर्शन कैसे करेंगे। शायद यही वजह है कि अब उनका इंतजार समाप्त होने वाला है और भव्य मंदिर में दिव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसको लेकर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या में बन रही तीन प्रतिमाओं में से एक प्रतिमा पर अंतिम मोहर लगाएगा।

राम मंदिर के गर्भ गृह में 51 इंच की रामलला की बाल स्वरूप प्रतिमा कमल दल पर सवार होगी और इस प्रतिमा को बाल सुलभ शास्त्र संवत मूर्ति कला के विशेषज्ञ बना रहे हैं। सबसे विशेष मूर्ति को राम लला के मंदिर में विराजमान कराया जाएगा। मूर्ति निर्माण को लेकर इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मूर्ति निर्माण में लगे मूर्ति कला के विशेषज्ञ मूर्तियों के निर्माण में तन-मन-धन लगाकर काम कर रहे हैं। सुबह से शाम तक मूर्तियों का निर्माण हो रहा है। मूर्तियों का निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। मूर्तिकारों की माने तो 30 अक्टूबर तक मूर्ति राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी। 22 जनवरी 2024 को रामलला भब्य मंदिर में विराजमान होंगे। मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिहाज से तैयार किया जा रहा है।

मूर्तिकार विपिन भदोरिया ने बताया कि रामलला की मूर्ति पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा सरप्राइज होगी। खूबसूरत रामलला की मूर्ति पहली ऐसी मूर्ति होगी जिसको किसी ने देखा नहीं होगा। बाल स्वरूप 5 वर्षीय रामलला हाथ में धनुष लिए मूर्ति पर नजर आएंगे। रामलला की मूर्ति के सभी चिन्ह की भी नक्काशी की गई है। रामलला के मूर्ति निर्माण कार्य में लगे हुए मूर्तिकार विपिन भदोरिया ने कहा कि अनवरत रामलला की मूर्ति निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही मूर्तिकार किसी भी व्यक्ति से मुलाकात भी नहीं कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि हम समय पर मूर्ति बना दें। देश की ही नहीं भारत की राम प्रिय जनता इस शुभ मुहूर्त का बेसब्री से इंतजार कर रही है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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