वंचितों के प्रति समर्पित सरकार

योगी आदित्यनाथ ने कहा अनुसूचित वर्ग के महापुरुषों ने प्राचीनकाल से ही समाज का मार्गदर्शन किया है। भगवान श्रीराम के चरित से साक्षात्कार कराने के लिए महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे ग्रन्थ की रचना की। भगवान वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष जैसे मानवीय पुरुषार्थां की विवेचना इस ग्रन्थ में है। जो इस ग्रन्थ में नहीं है, वह अन्यत्र कहीं नहीं है। इसी समाज के संत रविदास जी ने ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का मंत्र देकर एक ऐसा संदेश दिया, जो आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा बना हुआ है।
इस समय विपक्षी दल जातिगत जनगणना के लिए बेहाल हैं। वह पिछड़ों दलितों को हिस्सेदारी देने की दुहाई दे रहे हैं। इसका मतलब है कि दशकों तक इन पार्टियों की सरकारें सामाजिक न्याय करने में विफल रहीं। इन दलों की प्रदेश सरकारें जातिगत जनगणना करायेंगी। उसके बाद ही सामाजिक न्याय कर सकेंगी, जबकि भाजपा की सरकारों ने जातिगत जनगणना के बिना ही सभी वर्गों को अभी योजनाओं से लाभान्वित किया है। यही कारण है कि भाजपा को सभी वर्गों का समर्थन मिल रहा है। पिछले अनेक विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अनुसूचित जाति जनजाति समुदाय ने भी भाजपा पर विश्वास जताया है। केंद्र और यूपी की वर्तमान सरकारों ने दलित और वनवासी वर्ग के कल्याण हेतु बेमिसाल कार्य भी किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चैधरी ने सरकार हापुड़ में आयोजित अनुसूचित जाति जनजाति सम्मेलन में आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार वंचितों के प्रति समर्पित है।
योगी आदित्यनाथ ने हापुड़ में सैकड़ों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चाभी, चेक, टूलकिट एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा कि भारत की व्यवस्था सदैव से ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया’ पर आधारित रही है। इसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास,सबका प्रयास’ के भाव के साथ जोड़ा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा अनुसूचित वर्ग के महापुरुषों ने प्राचीनकाल से ही समाज का मार्गदर्शन किया है। भगवान श्रीराम के चरित से साक्षात्कार कराने के लिए महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे ग्रन्थ की रचना की। भगवान वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष जैसे मानवीय पुरुषार्थां की विवेचना इस ग्रन्थ में है। जो इस ग्रन्थ में नहीं है, वह अन्यत्र कहीं नहीं है। इसी समाज के संत रविदास जी ने ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का मंत्र देकर एक ऐसा संदेश दिया, जो आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा बना हुआ है। बाबा साहब डॉ भीमराव आम्बेडकर की प्रेरणा से हमें भारतीय संविधान प्राप्त हुआ है। नरेंद्र मोदी ने ही सही मायने में बाबा साहब को सम्मान दिया है। बाबा साहब से जुड़े स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। महू, नई दिल्ली, मुंबई, इंग्लैंड, नागपुर की दीक्षा भूमि, इन सभी स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया गया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा छब्बीस नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डॉ। भीमराव आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना की जा रही है, जहां पर अनुसूचित जाति जनजाति के नौजवानों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की जा रही है। उच्च अध्ययन करने की व्यवस्था का काम अंतिम दौर में है। अनुसूचित जाति के सभी छात्रों की छात्रवृत्ति को वर्तमान सरकार ने शुरू किया। पूर्ववर्ती सरकार ने इसे रोक दिया था। स्वामित्व योजना से अब तक करीब सत्तर लाख परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया गया है, जहां पर अनुसूचित जाति जनजाति से जुड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति निवास कर रहा है, अगर आरक्षित श्रेणी की वह भूमि नहीं है तो उसको वहीं पर मकान बनाने के लिए उस जमीन का पट्टा उपलब्ध कराया जा रहा है।
प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चैधरी ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के हितों को भाजपा सरकार में पूरी तरह से संरक्षित व संवर्धित किया गया। योजनाओं का सबसे अधिक लाभ अनुसूचित वर्ग को प्राप्त हुआ है। सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास की नीति सबको आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में सभी त्यौहार शान्ति व सुरक्षा में सम्पन्न हो रहे हैं। कावंड यात्रा, वाल्मीकि जयंती व नवरात्रि के धार्मिक कार्यक्रम, ‘मेरी माटी मेरा देश’ जैसे देशभक्ति के कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से सम्पन्न किये जा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार अनुसूचित वर्ग की समृद्धि, सुरक्षा व खुशहाली एवं बाबा साहब के सपनों को जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य पूरी प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। समाज के अन्तिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह समाज एवं राष्ट्र की आधारशिला है। अगर आधार मजबूत होगा तो राष्ट्र का भवन भी मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने व्यक्ति, जाति, मत एवं मजहब को नहीं, बल्कि गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएं, दलित व वंचित तथा समाज के आखरी पायदान के व्यक्ति को ध्यान में रखकर योजनाएं बनायी गयीं। योगी ने कहा भाजपा सरकार में अनुसूचित वर्ग सहित सभी वर्ग सम्मान, स्वाभिमान से आर्थिक रूप से सुदृढ़ होकर देश को वैभवशाली बनाने के लिए कार्य कर रहे है।
योगी आदित्यनाथ ने नवरात्र के प्रथम दिन अपने दोहरे दायित्व का निर्वाह किया। यह उनकी चिर परिचित कार्यशैली है। गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में उन्होंने नवरात्र का अनुष्ठान किया। मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विकास कार्यो को आगे बढ़ाने का कार्य किया। योगी आदित्यनाथ ने सुशासन का मॉडल स्थापित किया है। कुछ दिन पहले उन्होंने हरियाणा के रोहतक में सनातन धर्म के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने कहा था कि दुनिया में यदि कोई विश्व शांति की गारंटी हो सकता है तो वह केवल सनातन धर्म और भारत है। यही कारण है कि जब दुनिया संकट में है, तो इस समय प्रत्येक देश, धर्मावलम्बी व पीड़ित मानव, भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तरफ आशा भरी दृष्टि से देख रहा है। उन्हें विश्वास है कि भारत ही फिर से उनका सहारा बनेगा। नाथ सम्प्रदाय भारत की सनातन धर्म परम्परा का वाहक है। सनातन धर्म, ‘एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’ बोध वाक्य का सत्य है। पंथ, उपासना विधियां, मत और संप्रदाय इस सत्य तक पहुंचने के लिए सनातन धर्म के अलग-अलग मार्ग हैं। यह सभी मत और सम्प्रदाय इसी सत्य की पुनर्स्थापना व पुनर्प्रतिष्ठा के लिए अपने आप को समर्पित किए हुए हैं।
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का कार्यक्रम इसी समन्वय की एक महत्वपूर्ण धारा है, जो पूरी दुनिया के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय तथा एक दिशा है। जिन्हें अविश्वास था, वे पलायन करते थे। वे भूलकर भी श्री राम जन्मभूमि का नाम नहीं लेना चाहते थे। जिन्हें सनातन धर्म परम्परा व ‘यतो धर्मः ततो जयः’ सनातन वाक्य पर विश्वास था, वे लोग मानते थे कि कार्य करना हमारा कर्तव्य है परिणाम तो विधाता के हाथ में है। जो लोगों के लिए असंभव था आज भारत ने उसे सम्भव बना दिया है। भारत की संत शक्ति कभी पलायन का रास्ता नहीं अपनाती। विपरीत परिस्थितियों में धैर्य खोए बिना यह चुनौतियों से जूझने का जज्बा रखती हैै। क्योंकि इसका उद्देश्य लोक कल्याण और इसके माध्यम से सनातन धर्म को मजबूती प्रदान करते हुए राष्ट्र कल्याण के मार्ग का अनुसरण करना है। राष्ट्र व सनातन धर्म के हित में जो कुछ भी होगा वही हमारे लिए अभीष्ट है। इसी अभियान को लेकर यह मठ निरंतर चल रहा है। (हिफी)
(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)