लेखक की कलमसम-सामयिक

योगी के रामराज्य में हस्तशिल्प

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शासन व्यवस्था को रामराज्य का दर्जा देते हैं। अत्याचार-अनाचार करने वालों को जहां मिट्टी में मिलानेेेे की दण्डनीति अपनायी जाती है, वहीं श्रम शक्ति और व्यापार को फलने-फूलने का भरपूर अवसर भी मिल रहा है। इसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना विश्वकर्मा जयंती पर शुरू की थी। भगवान विश्वकर्मा देवों के शिल्पी माने जाते हैं तो शिल्पकारों में स्वाभाविक रूप से देवत्व आ जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसीलिए इस बार स्वतंत्रता दिवस पर संसद के नये भवन का निर्माण करने वाले श्रमिकों को अतिथि के रूप में आमंत्रित कर सम्मानित किया था।

उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प को योगी के राम राज्य का मुख्य अंग बनाया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चैधरी ने पिछले दिनों कहा था कि युवा वर्ग परम्परागत कार्यों से दूर हो रहे हैं इसलिए परम्परागत कार्य से जुड़े लोगों को सुविधाएँ देकर ऐसे उद्योगों को जीवित रखा जाएगा। गत दिनों लखनऊ में भाजपा कार्यालय में पीएम विश्वकर्मा योजना के संबंध में कार्यशाला भी आयोजित की गयी थीं। केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री वीएल वर्मा कहते हैं कि भाजपा हर बूथ पर योजना के पात्र लोगों को जोड़ने का अभियान चलाएगी। इसका एक राजनीतिक पक्ष भी है। माना जा रहा है कि प्रदेश के 13 लोकसभा और 75 विधानसभा क्षेत्रों में हस्त शिल्पी चुनावों को भी प्रभावित करते हैं। योगी आदित्यनाथ प्रदेश में व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं लेकिन इसके चलते किसी को खुले आसमान के नीचे रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। योगी कहते हैं कि गरीबों को सार्वजनिक भूमि से बेदखल करने से पहले उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी। पीएम विश्वकर्मा योजना का प्रदेश संयोजक मानवेन्द्र सिंह को बनाया गया। मानवेन्द्र सिंह विधान परिषद के सदस्य हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोहार, बढ़ई, कुम्हार, नाई सहित 18 प्रकार के कार्यों से जुड़े युवकों को 5 से 15 दिन का जिलेवार व्यावसायिक केंद्रों पर प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके बाद सभी का डाटा ऑनलाइन फीड होगा। इसके बाद उनकी दक्षता के हिसाब से काम दिया जाएगा। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (जिसे पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के रूप में भी जाना जाता है) के तहत 4 साल की अवधि के लिए 3 लाख रु. तक का कोलैटरल-फ्री लोन प्रदान किया जाता है, जिसकी ब्याज दरें 5 फीसद प्रति वर्ष हैं। यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसमें 18 तरह के पारंपरिक काम शामिल किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को लोन के साथ-साथ स्किल ट्रेनिंग, मार्केट लिंकेज सपोर्ट, डिजिटल ट्रांजैक्शन करने पर इंसेंटिव जैसे लाभ प्रदान किए जाते हैं। योजना के तहत एप्लीकेशन के वेरिफिकेशन और अप्रूवल के बाद, आवेदकों को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत विश्वकर्मा के रूप में रजिस्टर किया जाता है। इस योजना के तरह बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग प्रदान की जाती है और 5-7 दिन की बेसिक ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद ही कस्टमर को पहले चरण में 1 लाख रु. का लोन दिया जाएगा। दूसरे चरण में 2 लाख रु. का लोन प्रदान किया जाएगा, जो कि उन कस्टमर्स को दिया जाएगा जिन्होंने पहले चरण में ली गई राशि का भुगतान कर दिया है, साथ ही एक स्टैंडर्ड लोन अकाउंट बनाए रखा है और अपने बिजनेस में डिजिटल ट्रांजैक्शन को अपनाया है व एडवांस ट्रेनिंग ली है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा राज्य के मजदूरों के विकास और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के लौटकर आये मजदूरों को और पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों को अपने हुनर को और ज्यादा निखारने के लिए 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी, जिससे वह अपना खुद का रोजगार शुरू कर सके। इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई , सुनार लोहार, कुम्हार, हलवाई ,मोची आदि मजदूरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इस योजना का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 15 हजार से ज्यादा लोगों को काम काज मिलेगा। मजदूरों को प्रदान की जाने वाली धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में पहुंचे जाएगी। इसलिए आवेदक का बैंक अकाउंट होना चाहिए और बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।पूरे देश में 17 सितंबर को यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर विश्वकर्मा योजना को शुरू किया गया। यह योजना केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू की गश्ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर अपने भाषण के दौरान विश्वकर्मा योजना की घोषणा की थी। इस योजना के शुभारंभ पर 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद थे। विश्वकर्मा योजना में अगले 5 साल तक 13000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना को विशेष रूप से समाज के निचले स्तर के कामगारों के कल्याण हेतु शुरू किया गया है। शिल्पकारों और कामगारों को इस योजना के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण लेने वालों को हर महीने 500 रुपए की धनराशि भी दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत 18 तरह के विभिन्न कामों में लगे लोगों को शामिल किया गया है।

इसी क्रम मंे जिला उद्योग उद्यमिता केंद्र अमेठी द्वारा जिले में बेहतर काम करने वाले कामगार जिनमें नाई, सुनार, लोहार, कुमार, हलवाई, मोची, राजमिस्त्री और सिलाई में काम करने वाली बेटियों को लाभ देने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और उधमिता केंद्र द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों के कामगारों को बढ़ावा देने हेतु विभाग की तरफ से आवेदन मांगे गये। इस योजना के अंतर्गत 20 प्रकार के कामगारों को प्रशिक्षण के बाद टूलकिट दी जाएगी। जिसके बाद कामगार अपना रोजगार कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई कामगार अपने व्यापार को बढ़ावा भी देना चाहता है तो उसे विभाग की ओर से ऋण पर भी छूट दी जाएगी। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और अपने व्यवसायिक प्रमाण पत्र के साथ अपना आवेदन विभाग को प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन पत्रों की जांच होने के बाद सभी लाभान्वित होने वाले लाभार्थियों को मुफ्त में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा साथ ही प्रशिक्षण के बाद उन्हें टूल किट प्रदान की जाएगी।

योगी आदित्यनाथ जानते हैं कि अत्याचार को खत्म करने के लिए ही राम ने अवतार लिया था। इसलिए उनके रामराज्य में अत्याचारियों को कुचलना प्राथमिकता है। गत वर्ष वाराणसी के एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हम लोग महाभारत के अर्जुन की तरह है। राष्ट्र तभी सशक्त होता है जब धर्म सशक्त होता है। धर्म का तात्पर्य कर्तवय से है। योगी आदित्यनाथ उसी सिद्धांत पर आज भी टिके हैं। गति दिनांे अलीगढ़ में अनुसूचित जाति सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश से अराजकता शब्द को ही हटा दिया है। भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में दंगे बंद हो गये हैं। अराजकतत्वों के लिए कोई जगह नहीं है। यह सच है कि जन सामान्य को सुरक्षा का एहसास हो तभी कल्याणकारी शासन माना जाएगा। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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