लेखक की कलमसम-सामयिक

शिक्षकों-विद्यार्थियों को दिनेश शर्मा का मंत्र

 

¨ छात्र-छात्राएं अपने सपनों को पूरा करने के लिए बनाएं लक्ष्य, करें कठिन परिश्रम
¨ भारत की शिक्षा व्यवस्था दुनिया में सबसे अच्छी
¨ ज्ञान सिखाता है बेहतर जीवन जीने का तरीका
¨ भारत की मेधा का बज रहा है पूरी दुनिया में डंका
¨ अध्यापक भी होता है आजीवन विद्यार्थी

उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री और मौजूदा समय में राज्यसभा सदस्य डा0 दिनेश शर्मा ने पिछले दिनों छात्र-छात्राओं के साथ ही अध्यापकों को भी सफलता का गुरुमंत्र दिया। डा0 दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम के साथ उत्तर प्रदेश में शिक्षा मंत्री का दायित्व भी संभाल चुके हैं। उनके शासनकाल में ही कोरोना जैसी महामारी ने सभी व्यवस्थाओं को अस्त-व्यस्त कर दिया था। डा0 दिनेश शर्मा ने ऐसे संक्रमण काल में भी शिक्षा और परीक्षा को पटरी पर लाने का प्रयास किया। इसके अलावा उन्होंने यूपी में परीक्षा के दौरान नकल की समस्या को भी दूर करने का सफल प्रयास किया। उनके कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में नकल विहीन परीक्षा का दावा भी किया गया था। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महाविद्यालय के कार्यक्रम में डा0 दिनेश शर्मा ने विद्यार्थियों और अध्यापकों को सफलता के मंत्र बताए। राज्य सभा सदस्य डा0 शर्मा ने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक लक्ष्य बनाना पड़ेगा और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम भी करना होगा। इसी प्रकार शिक्षकों से उन्होंने कहा कि एक सफल शिक्षक वही है जो अपने को आजीवन विद्यार्थी ही समझे अर्थात सदैव कुछ न कुछ नया सीखता रहे। डा0 दिनेश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तैयार की गयी नयी शिक्षा नीति को दुनिया की सबसे बेहतर शिक्षा नीति बताते हुए कहा कि आन्तरिक और वाह्य व्यक्तित्व का स्वस्थ विकास इसी से संभव है।

राज्यसभा संासद व पूर्व उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश डा दिनेश शर्मा ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए बडे सपने देखने के साथ ही उन सपनों को पूरा करने के लिए लक्ष्य रखकर कडी मेहनत करनी चाहिए। विद्यालय को शिक्षा का मंदिर बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर शिक्षक और विद्यार्थी के बीच में एक पवित्र सम्बन्ध होता है जो विद्यार्थी के भविष्य को बदल देता है। भारत का एजुकेशन सिस्टम दुनिया में सबसे अच्छा है । आज के समय में बालिकाएं किसी से कम नहीं है और वे हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। लखनऊ में नवयुग कन्या महाविद्यालय में आयोजित छात्रा परिषद के पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह व बैच वितरण कार्यक्रम में डा शर्मा ने कहा कि एक अध्यापक आजीवन अध्यापक होने के साथ ही एक ऐसा विद्यार्थी भी होता है जिसमें लगातार सीखने की भूख होती है। जीवन में ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है। व्यक्ति का ज्ञान उसे बेहतर जीवन जीने का मार्ग सिखाता है इसलिए हर व्यक्ति को हर दिन कुछ नया सीखना चाहिए। नई पीढी नई तकनीक के साथ बेहतर तरह से कदमताल कर रही है। चन्दा मामा आएंगे वाला समय अब चन्द्रमा पर जाने वाले समय में बदल चुका है। भारत की मेधा का डंका आज पूरी दुनिया में बज रहा है। नवयुग कालेज को लखनऊ की प्रतिष्ठित संस्था बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर प्रवेश मिलना गौरव का विषय होता है। समय के साथ नए कालेज खुले हैं पर इस संस्था की प्रतिष्ठा वैसी ही बनी रही है।

डा शर्मा ने बताया कि पिछली प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शिक्षा विभाग का दायित्व संभालने के दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि शिक्षकों की भर्ती में मेरिट से समझौता नहीं हो क्योंकि एक बार खराब शिक्षक की नियुक्ति लम्बे समय तक बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लगाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में नियुक्तियां पारदर्शी तरह से हुई हैं। ऐसे स्थानों पर भी शिक्षक और प्राचार्य पहुचे हैं जहां पर लम्बे समय से शिक्षक नहीं थे। शिक्षकों की नियुक्तियों ने शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार किया। भाजपा की पिछली सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तब यूपी नकल के लिए बदनाम हुआ करता था। सत्ता में आने के बाद तकनीक के प्रयोग से नकल पर लगाम लगाकर प्रदेश को नकलविहीन परीक्षा का माडल बनाया है। उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर नई शिक्षा नीति सबसे पहले लागू हुई और केन्द्र सरकार ने उसकी सराहना भी की। सूबे में शिक्षा क्षेत्र में बडा बदलाव आया तथा आजादी के बाद पहली बार पाठ्यक्रम में परिवर्तन हुआ। कोरोना जैसे समय में ज्ञान के प्रवाह को बनाए रखने के लिए आनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई। प्रदेश में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई। इसमें शिक्षकों के लेक्चर अपलोड किए गए। यूपी की सरकार ने ऐसी व्यवस्था की कि बच्चों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पडे। शोध को प्रोत्साहन के लिए शोधपीठों की स्थापना की गई।

डा शर्मा ने कहा कि अमेरिका में हुई शोध के अनुसार बच्चों को उनके दादा दादी के साथ रहने का अवसर देना चाहिए, इससे उनकी तमाम जिज्ञासाएं शान्त होती है। भारत में संयुक्त परिवार में पहले से ही ऐसा होता आया है पर अब परिवारों के विघटन से स्थितियां बदली हैं। हमारे देश में पहले वृद्ध आश्रम नहीं हुआ करते थे। आज समय आ गया है कि हम फिर से अपने संस्कारों और परम्पराओं को अपनाएं। सनातन संस्कृति दुनिया की बेहतरीन संस्कृति है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं की ऊर्जा और मेधा को दिशा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया , डिजिटल इंडिया ,स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी तमाम योजनाए लागू की। आज भारत बदल रहा है।

जिस देश में गरीब के लिए बैंक के दरवाजे बन्द हुआ करते थे वहीं आज हर गरीब का बैंक में जनधन खाता खुल गया है। इसका परिणाम है कि सरकारी योजनाओं की सहायता राशि बिना किसी भ्रष्टाचार के गरीबों तक पहुंच रही है। (हिफी)

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)

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