लेखक की कलमसम-सामयिक

मोदी की उपलब्धियों में एक और सितारा

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर कहते हैं कि वह एक नये भारत का निर्माण कर रहे हैं। राजनीति में उनके विरोधी इस बात पर यकीन नहीं करते लेकिन कुछ बातें तो हैं जो नये भारत का संकेत देती है। अभी कुछ दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र संघ से कहा गया कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध रोकने में भारत प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है। इसका मतलब अब भारत को वैश्विक स्तर पर सरपंच की भूमिका में देखा जा रहा है जबकि कल तक कश्मीर को लेकर अमेरिका जैसे देश कहते थे कि अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो हम मध्यस्थता कर सकते है। यह वैश्विक स्तर पर बदलाव है। अब देश के अंदर का बदलाव देखें तो डिजिटल इंडिया मोदी की ही देन है। अन्तर राष्ट्रीय स्तर की सुविधा से युक्त हवाई अड्डे हमारे देश में बने हैं और अब सेमी हाईस्पीड ट्रेनें भी चलने लगी हैं। गत् 20 अक्टूबर को इस तरह की पहली ट्रेन को पीएम नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का पहला चरण है, इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस सुखद परिवर्तन के साक्षी बने। यह ट्रेन गरीबों और अमीरों दोनों को समान रूप से यातायात की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इस परियोजना की शुरूआत 2019 में हुई थी और निर्धारित समय से पहले ही इसने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के पहले चरण को हरी झंडी दिखा दी है। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। हालांकि, इसे अब रैपिड एक्स नहीं, बल्कि नमो भारत के नाम से जाना जाएगा। एक बार जब दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल दौड़ने लगेगी, तो हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इस ट्रेन का किराया भी मात्र 20 रुपये से शुरू होता हैं इससे आम जनता को इसका लाभ मिल सकेगा। इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा होगी। रैपिड रेल के पहले चरण में आज अर्थात् 21 अक्टूबर से लोग साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी का सफर तय कर सकेंगे। ट्रेन ओवरहेड लगेज रैक, वाई-फाई और हर सीट पर एक मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग सॉकेट जैसी यात्री सुविधाओं के अलावा कई सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं। इसमें आम यात्रियों की सुविधा के लिए शताब्दी ट्रेन या हवाई जहाज की इकोनॉमी क्लास जैसी रिक्लाइनिंग सीटें लगाई गई हैं। कुल 82 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ- गाजियाबाद कॉरिडोर पर अभी 17 किमी के खंड दुहाई-साहिबाबाद के बीच ट्रेन दौड़ेगी। स्टैंडर्ड क्लास का किराया 20 से 50 रुपये और प्रीमियम क्लास का किराया 40 से 100 रुपये तक होगा।

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल परियोजना की शुरुआत 2019 में हुई थी। अभी इसके प्रथम चरण का काम साहिबाबाद से दुहाई स्टेशन तक यानि 17 किमी के रास्ते को खोला जाएगा। इसके पहले फेज में 5 स्टेशन होंगे। इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन शामिल हैं। कम वक्त के साथ ही इस रैपिड रेल का किराया भी सस्ता है। जब ये परियोजना पूरी हो जाएगी, तो दिल्ली के सराय काले खान से मेरठ तक का किराया 200 रुपये हो सकता है। साहिबाबाद से दुहाई तक यानि 17 किमी का किराया 50 रुपये के आसपास हो सकता है। रैपिड रेल इस मायने में भी खास है कि मेरठ से दिल्ली के बीच करीब आठ लाख लोग सफर तय करते हैं। वो महज 50 मिनट में दिल्ली से मेरठ पहुंच सकते हैं। फिलहाल साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल चलेगी। पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 30 हजार करोड़ रुपये आएगी। मेरठ से दिल्ली के बीच सफर करने वाले 8 लाख लोगों को इस ट्रेन का फायदा होगा। रैपिड ट्रेन के चलने से मेरठ-गाजियाबाद और दिल्ली के बीच कारोबार बढ़ने के भी आसार हैं। वहीं, ट्रेन के रूटों पर आने वाली प्रॉपर्टी के दामों में भी इजाफा होना तय है।

नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से देश में रीजनल कनेक्टिविटी को बदलने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना विकसित की जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम जिस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखते हैं, उसका उद्घाटन भी करते हैं। ये पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है। एक से डेढ़ साल बाद मेरठ खंड का उद्घाटन भी हम ही करेंगे।

नमो भारत ट्रेन, नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है। भारत का विकास, राज्यों के विकास से ही संभव है। बेंगलुरु में भी मेट्रो की 2 लाइनों को भी देश को समर्पित किया गया है। इससे बेंगलुरु के मेट्रो हब की कनेक्टिविटी और बेहतर हुई है। अब बेंगलुरु में रोज लगभग 8 लाख लोग मेट्रो से सफर कर रहे हैं। इसके साथ ही नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल में कई नए कीर्तिमान गढ़े हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में जन-धन योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की थी। इस योजना का मकसद देश के हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना है और इन योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों को फायदा भी मिला है। इसी प्रकार जीएसटी का मतलब है एक राष्ट्र, एक टैक्स। इस नए टैक्स सिस्टम में सभी वस्तुओं के अलग अलग टैक्स नहीं देना होगा और पूरे देश में एक ही टैक्स व्यवस्था लागू की गई है। यह साल 1991 के बाद से अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद ये वित्तीय क्षेत्र में सुधार को लेकर सबसे बड़ा कदम है।

उज्जवला योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उन परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं था और उन्हें खाना बनाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इस योजना के माध्यम से उन परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया गया और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त भी किया गया। मोदी सरकार ने बीते 9 साल में डिजिटलाइजेशन पर काफी जोर दिया है। अब बैंकिंग क्षेत्र से लेकर अन्य सरकारी कार्यों में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिला है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है। इसमें मोदी सरकार की डिजिटल भुगतान को आसान बनाने वाली भीम एप भी शामिल है। इस एप से पैसे सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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