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राममंदिर के उद्घाटन को लेकर शुरू हुई राजनीति, विपक्ष ने कहा- पीएम मोदी को बुलाने की क्या जरूरत?

नई दिल्ली। 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन के लिए केवल पीएम मोदी को ही निमंत्रण क्यों दिया गया है, विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को सवाल किया कि क्या यह लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक पार्टी कार्यक्रम बन जाएगा। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने पूछा कि क्या सिर्फ एक ही पार्टी को निमंत्रण भेजा जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, ष्क्या यह अब एक पार्टी कार्यक्रम बन गया है? भगवान सबके हैं। हर पार्टी को निमंत्रण मिलना चाहिए था। उन्हें कम से कम यह स्पष्ट करना चाहिए था कि सभी को आमंत्रित किया जाएगा। मुझे ऐसा कोई बयान नहीं मिला है।ष्
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि पीएम को बुलाने की जरूरत नहीं है वेह खुद ही वहां जाएंगे। वे पीएम हैं, जरूर जाएंगे। इतने बड़े आयोजन को कोई क्यों छोड़ेगा? राम मंदिर बनना था, इसके लिए हजारों कारसेवकों ने अपनी जान दी है। तमाम हिंदुत्ववादी संगठन और पार्टियां शामिल थीं। उन्होंन कहा कि शिवसेना, बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद थे। लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी। इन सबका नतीजा है कि राम मंदिर बन रहा है। इसीलिए पीएम मोदी जाएंगे और पूजा करेंगे लेकिन मुझे लगता है कि यह चुनाव की तैयारी है।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा कि एक ऐतिहासिक क्षण है, लंबे समय के बाद यह राम मंदिर बन रहा है इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उम्मीद है जिन्होंने इसकी शुरूआत की थी उन सभी को इसमें निमंत्रण दिया जाएगा। शिवसेना का भी इस संघर्ष में काफी योगदान रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि क्या राम मंदिर भाजपा का है? यह हमारे देश में हर किसी का है। यह हमारे सनातन धर्म का एक बहुत बड़ा प्रतीक है। मुझे बहुत खुशी है कि राम मंदिर आखिरकार बन रहा है। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या मंदिर में राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति रखने के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया। पीएम मोदी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह इस तरह के ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनेंगे।

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