राजनीति के जंगल में गौतमी

तमिलनाडु में भाजपा अपना आधार मजबूत कर रही है। इस बात को तमिल अभिनेत्री गौतमी तडिमल्ला समझ नहीं पा रही हैं।
खबर कोई बड़ी नहीं है लेकिन इसके सबक बड़े हैं। तमिलनाडु में तमिल अभिनेत्री गौतमी तडिमल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अपना 25 साल पुराना नाता तोड़ लिया है। राजनीतिक दल से किसी नेता का अलग हो जाना अब बहुत ही सामान्य बात है लेकिन गौतमी के अनुसार वह भाजपा से 25 से जुड़ी थीं। दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी भाजपा का कोई प्रभाव नहीं है। भाजपा ने स्व. जयललिता की पार्टी अन्नाद्रमुक के साथ समझौता करके एक विधायक प्राप्त किया था। अन्नाद्रमुक ने भी भाजपा से फिलहाल नाता तोड़ लिया है। राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी द्रमुक है जो सरकार चला रही है और उसने कांग्रेस के साथ समझौता कर रखा है। इस प्रकार जाहिर है कि भाजपा को तमिलनाडु मंे अपना आधार बनाना है तो जंगल के शेरों से ही उसे दोस्ती करनी होगी। राजनीति एक जंगल है जहां ताकतवर की ही कद्र की जाती है। तमिल अभिनेत्री गौतमी का आरोप है कि जिस व्यक्ति ने उनके साथ पैसे, सम्पत्ति और दस्तावेजों की धोखाधड़ी की, उसी की पार्टी के नेता मदद कर रहे हैं। तमिलनाडु इकाई के भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई व राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी गौतमी ने शिकायत की लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। इससे स्पष्ट है कि भाजपा के लिए वो व्यक्ति गौतमी की अपेक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है। राजनीति के जंगल का यही दस्तूर है। बताया जा रहा है कि गौतमी तडिमल्ला अब सत्तारूढ़ द्रमुक की तरफ आकर्षित हैं लेकिन वहां भी यही दस्तूर चलता है। गौतमी विवादों में तभी फंसी थीं, जब जयललिता के बारे मंे उन्हांेने सवाल उठाये थे। भाजपा ने खूब सावधानी बरती, फिर भी अन्नाद्रमुक से संबंध टूट गये हैं। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए यह दक्षिण भारत में बड़ा झटका माना जाता है।
तमिल अभिनेत्री गौतमी तडिमल्ला ने भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना 25 साल पुराना नाता तोड़ दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य लोगों के अलावा पार्टी के एक वर्ग ने उस व्यक्ति का समर्थन किया, जिसने उनके साथ धोखाधड़ी की थी। तडिमल्ला ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ में अपने अकाउंट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा कि पार्टी ने राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों में टिकट देने का आश्वासन अंतिम मिनट में ‘रद्द’ कर दिया, इसके बावजूद वह भाजपा के लिए प्रतिबद्ध रहीं। तडिमल्ला ने कहा कि उन्होंने ‘भारी मन और निराशा के साथ पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई सहित अन्य लोगों को टैग किया है। उन्होंने आरोप लगाया, एक विशेष व्यक्ति ने मेरे पैसे, संपत्ति और दस्तावेजों की धोखाधड़ी की। मुझे पार्टी और नेताओं से तो कोई समर्थन नहीं मिला, बल्कि मुझे यह पता चला है कि उनमें से कई लोग सक्रिय रूप से उसी व्यक्ति की मदद और समर्थन कर रहे हैं, जिसने मेरे विश्वास को धोखा दिया और मेरे जीवन की कमाई की धोखाधड़ी की।
तडिमल्ला ने बताया कि उन्होंने इस धोखाधड़ी के बारे में पुलिस में शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और न्यायिक प्रणाली से उम्मीद है। गौतमी तडिमल्ला ने कहा कि उन्हें 2021 के चुनावों के दौरान राजपलायम निर्वाचन क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वह आश्वस्त थीं कि उन्हें वहां से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा, जिसके बाद उन्होंने खुद को जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, हालांकि, चुनाव लड़ने का यह आश्वासन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। इसके बावजूद, मैंने पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बरकरार रखी। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि संगठन में 25 साल की सेवा के बाद भी कोई समर्थन नहीं मिला। तडिमल्ला के अनुसार, पार्टी के कई वरिष्ठ सदस्य उस व्यक्ति को ‘सक्षम’ बना रहे थे, जिसने उन्हें धोखा देकर ‘न्याय को चकमा दिया और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी पिछले 40 दिनों से फरार है। उन्होंने कहा कि वह बड़ी पीड़ा और दुख में लेकिन बहुत दृढ़ संकल्प के साथ इस्तीफा पत्र लिख रही हैं।
गौतमी पार्टी लाइन से अलग राजनीति करती रही है। उन्होंने पीएम मोदी को खत लिखकर जयललिता के इलाज और मौत से जुड़े कुछ अनसुलझे सवालों की तरफ ध्यान आकर्षित कराया था। उल्लेखनीय है कि जयललिता का दिल का दौरा पड़ने के बाद चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। उनके विश्वस्त सहयोगी ओ पन्नीरसेल्वम को उसी रात मुख्यमंत्री बनाया गया। गौतमी (48) ने खत में जयललिता के संबंध में सूचनाओं को गोपनीय रखने का आरोप लगाते हुए कहा, उनका निधन परिस्थितियों के मद्देनजर बेहद त्रासद और व्यथित करने वाला है और उनके इलाज, धीरे-धीरे स्वस्थ होने की रिपोर्टों और उसके बाद एकदम से निधन ने अनेक अनसुलझे सवालों को पैदा किया है। उल्लेखनीय है कि फेफड़ों में संक्रमण होने के बाद जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद उनको सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया। इस पर गौतमी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे खत में कहा, हर व्यक्ति को अपने चुने हुए नेता के बारे में जानने का हक है। ऐसे में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और बेहद लोकप्रिय नेता के मामले में गोपनीयता क्यों बरती गई? तमिलनाडु में बीजेपी को ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने 25 सितंबर को बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया। इस संबंध में पार्टी ने प्रस्ताव पारित किया है।
अन्नाद्रमुक नेताओं की बैठक के बाद पार्टी के उप समन्वयक के पी मुनुसामी ने कहा, एआईएडीएमके आज से बीजेपी और एनडीए से सभी रिश्ते तोड़ रही है। बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद एआईएडीएमके के वर्करों ने पटाखे फोड़े। पार्टी ने कहा, बीजेपी का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से लगातार हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस (एडापड्डी पलानीस्वामी) और हमारे कार्यकर्ताओं पर अनावश्यक टिप्पणी कर रहा है। एआईएडीएमके ने कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में एक अलग मोर्चे का नेतृत्व करेगी।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई से एआईडीएमके से गठबंधन टूटने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो इस पर बाद में बयान देंगे। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष एम चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हमारे नेतृत्व को अन्नामलाई को हटाने का विचार पसंद नहीं है क्योंकि वह पार्टी को मजबूत कर रहे हैं और इसका शानदार ढंग से विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने केवल राज्य में सनातन धर्म विवाद के दौरान अन्नादुरई को लेकर एक टिप्पणी की थी।’’ इस प्रकारण से गौतमी को सबक लेना चाहिए। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)