भ्रष्टाचार के शिकंजे में माननीय

राजस्थान में जब विधानसभा के चुनाव सिर पर आ गये, तभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे से सियासत गर्मा गयी है। जांच एजेंसियों को इस संदर्भ में पुख्ता सबूत दिखाने ही होंगे वरना इसे राजनीतिक दुर्भावना करार दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी इस प्रकार का आरोप लगा भी रही हंै।
हो सकता है, इसके पीछे राजनीति हो क्योंकि राजस्थान में जब विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, तब मुख्यमंत्री के बेटे और उनकी पार्टी के प्रदेश प्रमुख के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे इस तरह का संकेत देते हैं। कांग्रेस इस तरह का आरोप भी लगा रही है लेकिन प्रवर्तन निदेशालय के पास भी अपने तर्क हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्री के ठिकानांे पर छापा डाला है। उन पर राशन वितरण घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत कार्रवाई की गयी है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और मंत्री आबकारी घोटाले मंे जेल में हैं। इस प्रकार माननीयों पर भ्रष्टाचार का शिकंजा कसा गया है। यह सही है कि इनमंे से ज्यादातर विपक्षी दल के हैं लेकिन सत्तापक्ष के लोग भी छापेमारी की जद में शामिल हैं। इससे एक बात तय है कि जनसेवा के नाम पर लूट हो रही हैं। कल तक ऐसे लुटेरों की संख्या ज्यादा हो सकती है। इसलिए जांच एजेंसियों को अपने कदम पीछे हटाने की जरूरत नहीं है। उनके पास मजबूत सबूत जरूर होने चाहिए। भ्रष्टाचार को राजनीति के प्रभाव से मुक्त करने की जरूरत है लेकिन राजनेताओं की दिन दूनी-रात चैगुरी कमाई का रहस्य भी सामने आना चाहिए जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफईएम (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999) के एक मामले में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया। ईडी की तरफ से पूछतांछ उस समय हुई जब एजेंसी पहले से ही राजस्थान पेपर लीक मामले में राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। कुछ दिन बाद ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले ईडी की कार्रवाई को खास माना जा रहा है। ईडी ने शुक्रवार को अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को दिल्ली के दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया। एक दिन पहले ईडी की टीम राजस्थान कांग्रेस प्रमुख के जयपुर, दौसा और सीकर में ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही है। छापेमारी राजस्थान परीक्षा पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में हुई। पेपर लीक मामले, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के जरिए रुपयों के लेनदेन मामलों की गुप्त शिकायतें ईडी को इन नेताओं के खिलाफ मिली थी। आरपीएसी सदस्य बाबुलाल कटारा से हुई पूछताछ, कुछ कोचिंग संचालकों की ईडी में शिकायतों के बाद यह कार्रवाई हुई है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही ईडी ने ट्राइटन होटल्स नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापे मारे थे। उस दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर 29 से 31 अगस्त तक तलाशी भी ली गई थी। रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक रतन कांत शर्मा हैं, जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर भी हैं। ईडी राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। कांग्रेस विधायक ओम प्रकाश हुडला से जुड़े परिसरों पर भी छापेमारी की जानकारी मिल रही है। ईडी की ये रेड जयपुर, दौसा और सीकर में चल रही है।
अब तक की जानकारी के हिसाब से ये छापेमारी राजस्थान परीक्षा पेपर लीक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने इस मसले पर एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉन्च के बाद राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा के यहां ईडी की रेड। मेरे बेटे वैभव गहलोत को ईडी में हाजिर होने का समन। इससे अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूं कि राजस्थान के अंदर ईडी की रेड रोज इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके। ईडी की टीम सीआरपीएफ जवानों को साथ लेकर जयपुर, सीकर और दौसा में करीब 7 ठिकानों पर पड़ताल कर रही है। घर के बाहर सुरक्षा के लिए जवान तैनात किए हैं। फिलहाल सुबूत और दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं, जिनकी जांच के बाद दस्तावेजों के आधार पर ईडी की टीम आगे इन्वेस्टिगेशन और कार्रवाई करेगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर छापेमारी के बाद नेताओं में हड़कंप मच गया है, क्योंकि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पर सीधे हाथ डाल दिया गया है। ईडी की टीम ने कुछ दिन पहले सीकर में कलाम एकेडमी (कोचिंग इंस्टिट्यूट ) पर छापे की कार्रवाई की थी। ईडी की टीम को छापेमारी में क्या कुछ मिला उसे इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उजागर नहीं किया गया।
इसी प्रकार पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की टीम ने पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के ठिकानों पर रेड मारी। ईडी की टीम ने इसी मामले में कारोबारी बकीबुर रहमान को गिरफ्तार किया था। बकीबुर रहमान ममता बनर्जी के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का बेहद करीबी है। ईडी की टीम ने ममता के मंत्री के आवास पर जाकर तलाशी भी ली। अधिकारी ने बताया कि निदेशालय के अधिकारियों ने केंद्रीय बलों की एक टीम के सहयोग से कोलकाता साल्ट लेक इलाके में राज्य के वन मंत्री मल्लिक के दो फ्लैट पर छापा मारा। उन्होंने बताया कि मल्लिक के पूर्व निजी सहायक के मकानों समेत आठ अन्य फ्लैट पर भी छापा मारा गया। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने कहा, ‘छापेमारी के दौरान मंत्री वहां नहीं थे। वह बाद में आए और उनका फोन ले लिया गया है। हम उनके पूर्व निजी सहायक के दमदम स्थित आवास और कुछ अन्य स्थानों पर भी तलाशी ले रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी पहले ही एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसके सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मलिक के साथ कथित तौर पर करीबी संबंध है।
ईडी का एक्शन सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही नहीं बल्कि राजस्थान में भी हुआ है। सीएम अशोक गहलोत के बेटे और मंत्री गोविंद डोटासरा के जयपुर आवास पर भी ईडी की टीम तलाशी लेने पहुंची। कांग्रेस प्रमुख के ठिकानों पर छापेमारी के बीच जयपुर, सीकर और दोसा में प्रवर्तन निदेशालय की टीम तलाशी लेने पहुंची। इसलिए विपक्षी दलों को सरकार पर उंगली उठाने का अवसर तो है लेकिन देश की इन सबसे बड़ी जांच एजेंसियों पर सामान्य रूप से संदेह भी नहीं किया जाना चाहिए। माननीय अगर पाक-साफ हैं तो उन्हंे न्याय पर भरोसा करना होगा। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)