लेखक की कलम

वैश्विक कल्याण की साझेदारी

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
दूसरा विश्व युद्ध 1939 में शुरू हुआ था और 1945 मंे उसका समापन बहुत ही वीभत्स रूप में हुआ था। जापान के दो बड़े नगरों हीरोशिमा और नागासाकी पर हाइड्रोजन बम गिराकर जो तबाही मचाई गयी थी, उसके दंश आज भी पीड़ा दे रहे हैं। जर्मनी के दो टुकड़े कर दिये गये थे। खुशी की बात है कि बर्लिन की दीवार गिरा दी गयी और जर्मनी एक राष्ट्र हो गया लेकिन उसी दौरान कोरिया के दो टुकड़े हुए थे- नार्थ कोरिया और साउथ कोरिया, जो आज भी एक-दूसरे की जान के दुश्मन हैं। उसी दौर की राजनीति ने कई देशों मंे अशांति के बीज बोये थे। इजरायल और हमास मंे चल रहा भीषण रक्तपात और रूस-यूक्रेन की एक साल से ऊपर की लड़ाई चीख-चीखकर कहती है कि विश्व कल्याण के लिए साझा प्रयास होने चाहिए। हमारा देश भारत तो उस समय ब्रिटिश की गुलामी से निकलने के लिए प्रयास कर रहा था और दो साल बाद आजाद भी हो गया। आजादी की सबसे बड़ी कीमत तो यही चुकानी पड़ी कि देश के दो टुकड़े हो गये। विदेशी शासकों ने देश को इस तरह से कमजोर कर दिया था कि संभलने मंे कई दशक लग गये। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को इस स्थिति में पहुंचाया है जिससे हम अमेरिका जैसे देश के साथ मिलकर वैश्विक कल्याण की साझेदारी कर सकते हैं। गत 10 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के दो प्रमुख मंत्रियों से वार्ता की। भारत ने वैश्विक रिश्तों को सौहार्दपूर्ण बनाने के लिए टू प्लस टू कार्यक्रम शुरू कर रखा है। इस कार्यक्रम के तहत दोनों देशों केे दो-दो नेता वार्ता की मेज पर बैठते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर दुनिया की भलाई कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 10 नवम्बर को अमेरिका के दो प्रमुख मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात की। भारत ने दोनों देशों के बीच टू प्लस टू वार्ता की मेजबानी की, जिसमें दोनों देशों के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। बाद में मोदी ने भारत-अमेरिका साझेदारी को वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने नयी दिल्ली में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर ट्वीट किया कि “रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मिलकर खुश हूं। टू प्लस टू प्रारूप भारत-अमेरिकी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और ज्यादा मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण साधन है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश लोकतंत्र, बहुलवाद और कानून के शासन में साझा विश्वास रखते है जो विभिन्न क्षेत्रों में हमारे परस्पर लाभकारी सहयोग को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिकी साझेदारी वास्तव में वैश्विक हित के लिए एक ताकत है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। भारत ने टू प्लस टू वार्ता की मेजबानी की, जिसमें श्री राजनाथ सिंह, एस जयशंकर, ऑस्टिन और ब्लिंकन ने भारत-अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक विचार-विमर्श किया।
वार्ता समाप्त होने के बाद जयशंकर ने कहा कि हमारे एजेंडे में हमारी रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना शामिल है, जिसमें हमारे रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाना, अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ना, भविष्य में लॉजिस्टिक सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क शामिल है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “हिंद-प्रशांत, दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया और यूक्रेन संघर्ष पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया। बहुपक्षीय क्षेत्र में हमने सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और वैश्विक दक्षिण को शामिल किया।”
वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि विश्वास और आपसी समझ के आधार पर भारत-अमेरिकी संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में पर्याप्त प्रगति हुई है। बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बिडेन की जून 2023 और सितंबर 2023 की यात्राओं को आगे बढ़ाते हुए मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत-अमेरिकी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के महत्व की फिर से पुष्टि की है।” बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने क्वाड जैसे तंत्र के माध्यम से मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत की रक्षा के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत, मध्य पूर्व और यूक्रेन सहित अन्य क्षेत्रों में हो रहे विकास पर भी चर्चा की। मंत्रियों ने यूक्रेन में युद्ध और इसके दुखद मानवीय परिणामों पर गहरी चिंता व्यक्त की।
इजरायल के खिलाफ हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों को भयावह बताते हुए, मंत्रियों ने दोहराया कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ इजरायल के साथ खड़े हैं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया। मंत्रियों ने शेष सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की। मंत्रियों ने गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों की तत्काल आवश्यकतओं को पूरा करने के लिए इस क्षेत्र में भागीदारों के साथ समन्वय जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने भी फोन किया। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में चल रहे घटनाक्रम पर अपनी चिंताओं को साझा किया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद, हिंसा और नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता व्यक्त की और स्थिति का समाधान शीघ्र करने के लिए ठोस उपाय करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने जी-20 की ब्राजील की अध्यक्षता की सफलता के लिए भारत के पूर्ण समर्थन की बात कही। उन्होंने नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बैठक के बाद सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की।
गाजा पट्टी में हालात खराब हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की टिप्पणी के जवाब में कहा कि नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की जिम्मेदारी फिलिस्तीनी आंदोलन हमास की है, इजरायल की नहीं। इससे पहले मैक्रॉन ने कहा था कि गाजा पट्टी पर इजरायल के हमलों की कोई वैधता नहीं है और इसे रोका जाना चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर नेतन्याहू के हवाले से कहा, “नागरिकों को होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी हमास की है… न कि इजराइल की।”
नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और उनसे लड़ाई वाले क्षेत्रों को छोड़ने के लिए कह रहा है, जबकि हमास उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में जाने से रोकने की कोशिश कर रहा है और उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। सात अक्टूबर को फिलिस्तीनी समूह हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल के खिलाफ एक आश्चर्यजनक बड़े पैमाने पर रॉकेट हमला किया और सीमा का उल्लंघन किया। पड़ोसी इजरायली समुदायों के लोगों की हत्या और अपहरण कर लिया। इजराइल ने जवाबी हमले शुरू किए और पानी, भोजन और
ईंधन की आपूर्ति में कटौती करते हुए गाजा पट्टी की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया। यही हाल यूक्रेन का है। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button