देश

हमास-इजराइल संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की भारत कड़े शब्दों में निंदा करता है  : पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमास और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नयी चुनौतियां उभर रही हैं और अब वक्त आ गया है कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को पूरी दुनिया के व्यापक हित में मिल कर आवाज उठानी चाहिए।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है, ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं। प्रधानमंत्री ने भारत द्वारा आयोजित दूसरे ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए विकासशील देशों के लिए शीर्ष 10 प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला।
इसके साथ ही उन्होंने एक परामर्शी और मांग-संचालित ऐसी विकास वित्तपोषण प्रणाली का आह्वान किया, जो राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान करती हो और ऋण के जाल में न फंसे। उन्होंने चीन की कठोर ऋण शर्तों को लेकर बढ़ती आलोचना के बीच यह कहा।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमास-इजराइल संघर्ष के संदर्भ में शत्रुता, आम लोगों के हताहत होने और आतंकवाद को लेकर चिंता व्यक्त की गई तथा फलस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बल दिया गया। मोदी ने सम्मेलन में शामिल हुए करीब 130 देशों के नेताओं को भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी, जिसमें अहम जोर ‘ग्लोबल साउथ’ अथवा विकासशील देशों के समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने में रहा। शिखर सम्मेलन में नेताओं ने हमास-इजराइल संघर्ष के संभावित परिणामों पर भी विचार-विमर्श किया। शिखर सम्मेलन में नेताओं के स्तर पर दो सत्र और मंत्री स्तर पर आठ अन्य सत्र शामिल थे। मोदी ने कहा,‘‘ वैश्विक समृद्धि के लिए सबका साथ, सबका विकास जरूरी है, लेकिन हम सब देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नयी चुनौतियां पैदा हो रही हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने सात अक्टूबर को इजराइल पर हुए भयावह आतंकवादी हमले की निंदा की है। संयम के साथ ही हमने बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है। हम हमास और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।’’ क्वात्रा ने कहा, ‘‘लगभग सभी नेताओं ने वहां (फलस्तीन) से आने वाली आतंकवाद की चुनौती, वहां मानवीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता और संघर्ष के कारण आम नागरिकों के हताहत होने की भयावहता के बारे में बात की।’’ मोदी ने पश्चिम एशिया की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि ये संकट ‘ग्लोबल साउथ’ पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं और यह महत्वपूर्ण है कि ‘‘हम एकजुटता, एक आवाज और साझा प्रयासों के साथ इन सभी स्थितियों का समाधान खोजें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button