यूपी में वैश्विक प्रस्ताव

योगी आदित्यनाथ यूपी के उद्योगीकरण का अभियान चला रहे हैं। उनके प्रयासों से उत्तर प्रदेश की विकसित और सकारत्मक छवि का निर्माण हो रहा है। भारत ही नहीं विश्व के उद्योगपति उत्तर प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। विगत साढ़े छह वर्षों में उत्तर प्रदेश निवेश के आकर्षक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। पिछली सरकारें भी औद्योगिक नीति तैयार करती थीं, लेकिन जमीन पर उसका कोई सकारात्मक असर दिखाई नहीं दिखाई देता था। क्योंकि उसके अनुरूप व्यवस्था या सुविधाएं उपलब्ध कराने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। जबकि योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले इन कमजोरियों पर ध्यान दिया। इनको दूर करने के बाद उन्होने औद्योगिक नीति लागू की। उसमें निवेशकों के लिए अपेक्षित सुविधाओं का इंतजाम किया गया।
प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाने का रास्ता बना दिया है। यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसे आगे बढ़ाया जा रहा है। निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। छह वर्ष पहले इसे बीमारू प्रदेश माना जाता था। निवेशकों की उत्तर प्रदेश में कोई दिलचस्पी नहीं थी। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। आज उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आकर्षक हो गया है।एक जनपद, एक उत्पाद योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश में की गयी थी, आज प्रदेश के सभी जनपदों का एक यूनिक प्रोडक्ट है। ओडीओपी योजना ने प्रदेश के निर्यात को दोगुने से अधिक किया है। आज उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट का हब बन रहा है। राज्य को डिफेंस काॅरिडोर भी दिया गया है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल तथा झांसी में भारत डायनामिक्स यूनिट लग रही है। कानपुर में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग काॅरिडोर में अच्छा निवेश आ रहा है। विकास के अनुकूल माहौल बनाने के कारण उत्तर प्रदेश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है। प्रदेश को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाने का रास्ता योगी आदित्यनाथ ने बना दिया है। एक जनपद, एक उत्पाद योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश में की गयी थी, आज प्रदेश के सभी जनपदों का एक यूनिक प्रोडक्ट है। ओडीओपी योजना ने प्रदेश के निर्यात को दोगुने से अधिक किया है। आज उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट का हब बन रहा है। राज्य को डिफेंस काॅरिडोर भी दिया गया है। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल तथा झांसी में भारत डायनामिक्स यूनिट लग रही है। कानपुर में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग काॅरिडोर में अच्छा निवेश आ रहा है।
यूपी में प्रतिव्यक्ति आय दोगुनी से अधिक पहुंच गई है। नए भारत के नए यूपी के रूप में उभारने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश को नम्बर वन बनाने का संकल्प लिया गया है। राष्ट्रीय पटल पर एक नया सक्षम और समर्थ उत्तर प्रदेश उभर कर आया है। विगत छह वर्षां में प्रदेश के बजट में दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। जीडीपी में भी दोगुने से अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान प्रदेश में बजट के दायरे को बढ़ाया गया है। राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए सभी सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। यूपी सर्वाधिक एक्सप्रेस वे वाला प्रदेश बन गया है। इसके साथ ही सड़कों के निर्माण और इनके किनारे पर औद्योगिक गलियारा बनाने का भी अभूतपूर्व कार्य हुआ है।आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के संकल्प को पूरा किया जा रहा है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करके यहां के औद्योगिक विकास के लिए बेहतर माहौल तैयार किया गया है। औद्योगिक विकास के लिए सभी जरूरी संसाधन प्रदेश में उपलब्ध हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उनतालिस लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। आठ हजार से अधिक परियोजनाएं जमीन पर उतरने के लिए तैयार हैं। करीब पंद्रह लाख करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं के साथ ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन होगा।
नवगठित बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण में छत्तीस हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। यहां सीईओ व अन्य मानव संसाधन की तैनाती तत्काल की जाएगी। यह प्रयास प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को एक नई ऊंचाई देने वाला होगा। उद्योगों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण के लिए नवगठित बुन्देलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण सहित विभिन्न प्राधिकरणों को आवश्यक धनराशि जारी की गई है। उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में नई पहचान मिली है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद वर्तमान में गंगा एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है।गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रगति पर है। यह लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर, संतकबीर नगर, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर जनपद के लिए शानदार कनेक्टिविटी का माध्यम बनेगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत घाघरा नदी पर महत्वपूर्ण सेतु बनकर तैयार हो गया है। यह आस-पास के पूरे क्षेत्र को लाभान्वित करने वाला होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद वर्तमान में गंगा एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की राइडिंग क्वालिटी को और बेहतर बनाया जारहा है।आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए एक लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। इस एक परियोजना से सभी एक्सप्रेस-वे आपस मे जुड़ जाएंगे। लगभग साठ किलोमीटर के इस लिंक एक्सप्रेस-वे के सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। फर्रुखाबाद को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का प्रस्ताव तैयार होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उत्तरी स्लोप पर पौधरोपण और दक्षिणी स्लोप पर सौर ऊर्जा प्रकल्पों को विकसित किया जाए। इन प्रयासों से यह एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय पटल पर एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत हो सकेंगे। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए बजट का प्राविधान किया जा चुका है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर औद्योगिक क्लस्टर के विकास की प्रक्रिया तेज की जाएगी। गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे ग्यारह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे छह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के किनारे पांच पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे छह और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के किनारे दो औद्योगिक गलियारे विकसित किये जायेंगे। इस सम्बन्ध में सभी आवश्यक प्रक्रियाएं तेजी से शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण भी किया जा चुका है। इस एक्सप्रेसवे के चलते भी निवेशक आकर्षित हो रहे हैं। (हिफी)
(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)