सोनिया-राहुल पर भी शिकंजा

विपक्षी दलों के कई नेता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सेन्ट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की जांच के दायरे में हैं। कुछ नेता हिरासत में हैं तो कुछ जमानत पर बाहर हैं। इस श्रृंखला में अब तक सैकडों शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस के दो सबसे चर्चित चेहरे श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी ईडी ने अब बुरी तरह से शिकंजों में जकडा है।
नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से झटका मिला है। जांच एजेंसी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडिया की 751.9 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली। एजेएल की संपत्ति की कुल कीमत 661.69 करोड़ रुपए है। यह कार्रवाई दिल्ली, लखनऊ और मुम्बई में की गई है। वहीं, यंग इंडिया की प्रॉपर्टी की कीमत 90.21 करोड़ रुपए है। बता दें कि ईडी कांग्रेस के दोनों नेताओं से पूछताछ कर चुकी है। कर्नाटक में विधान सभा के चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का मनोबल और विपक्षी दलों के बीच कद बढा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कितनी सफलता मिलेगी यह तो तीन दिसम्बर को ही पता चलेगा लेकिन भाजपा जिस तरह विपक्षी दलों के गठबंधन इण्डिया से चिढ रही है। कभी उसे इंडी तो कभी घमंडिया गठबंधन बताती है तो इससे लगता है कि सुनत सभय मन मुख मुसकाई वाली स्थिति है। ऐसे समय में कांग्रेस के दो बडे नेताओं पर ईडी का शिकंजा राजनीतिक मायने रखता है।
यह मामला साल 2012 में सामने आया जब बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का अधिग्रहण किया है। स्वामी का आरोप था कि ये सारा काम दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित ‘हेराल्ड हाउस’ की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया है। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया था। इन आरोपियों में से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है। बाकी सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में इस मामले में निचली अदालत से जमानत मिल गई थी। साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की और 18 सितंबर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड केस को जांच के लिए फिर से खोल दिया था।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने साल 1938 में एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) नाम से एक कंपनी बनाई थी, जो नेशनल हेराल्ड नाम से अंग्रेजी में एक अखबार प्रकाशित करती थी। ये कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली थीं।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप है कि इन्होंने यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था, बल्कि वो इस कंपनी के जरिए एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को खरीदकर उसकी 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे। साल 2011 में ऐसा ही हुआ। उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को टेकओवर कर लिया। इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन गये। सुरजेवाला और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेशनल हेराल्ड को गौरवशाली अतीत बताया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला था। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया, जो साल 1945 तक जारी रहा।
सुरजेवाला ने कहा कि आज फिर उस अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा आजादी के आंदोलन की आवाज दबाने का षडयंत्र कर रही है। इस षडयंत्र के मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष, सोनिया गांधी व राहुल गांधी को परेशान करने के लिए ईडी से नोटिस जारी करवाया है लेकिन हम ऐसी नोटिस से डरने वाले नहीं हैं। इसका जमकर मुकाबला करेंगे। ईडी की कार्रवाई तेज हो गयी है। देखना है कितने विपक्षी दलों का साथ मिलता है। ईडी और सीबीआई के शिकंजे में कई विपक्षी नेता हैं । कांग्रेस ने सभी का साथ नहीं दिया।
शराब नीति घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोटिस भेजा। अरविंद केजरीवाल को 2 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया। बीजेपी ने केजरीवाल को समन भेजे जाने का स्वागत करते हुए कहा कि यह सच्चाई की जीत है। बीजेपी ने केजरीवाल को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। इसे लेकर आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस से यह साफ है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एकमात्र उद्देश्य आम आदमी पार्टी को खत्म करना है। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए वे केजरीवाल को फर्जी मामले में फंसाने, जेल भेजने और आम आदमी पार्टी को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया गया है। आप की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने अपने कैबिनेट सहयोगी भारद्वाज के समान विचार व्यक्त किए और कहा कि बीजेपी, आम आदमी पार्टी से डरी हुई है। आतिशी ने आरोप लगाया, बीजेपी दिल्ली और पंजाब (जहां आप सत्ता में है) में किए जा रहे काम से डरी हुई है। वे मुफ्त बिजली, अच्छे स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक से डरते हैं। वे आप नेताओं को झूठे मामलों में फंसाकर जेल में डालना चाहते हैं। वे आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं। इस पर कांग्रेस का सकारात्मक सहयोग नहीं मिला। शिवसेना राजद और टीएमसी के खिलाफ कार्यवाही पर कांग्रेस की प्रतिक्रया सकारात्मक रही थी। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)