अखिलेश यादव के करीबी की बढ़ी मुश्किलें, अग्रवाल के खिलाफ दर्ज दो मुकदमों में पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

प्रयागराज। अखिलेश यादव के बेहद करीबी कहे जाने वाले समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। दरअसल, प्रयागराज पुलिस ने अग्रवाल के खिलाफ दर्ज दो मुकदमों में चार्जशीट दाखिल कर दी है। अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद मनीष जगन अग्रवाल को अब कोर्ट में सरेंडर करना होगा नहीं को उनके खिलाफ वारंट जारी कर सकती है।
आप को बता दें कि अखिलेश यादव के करीबी और सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर के खिलाफ 18 अगस्त को एक एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर आईपीसी की धारा 354 बी, 507, 509 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत दाखिल की है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद मनीष जगन अग्रवाल को अब कोर्ट में सरेंडर करना होगा, इस चार्जशीट का नंबर 148ध् 2023 है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही मनीष जगन लगातार फरार चल रहा है। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए उसके संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
गौरतलब है कि मनीष ने 18 अगस्त को ट्वीट कर ऋचा सिंह का सीधे तौर पर नाम लिए बिना उनके खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियां की थी। उन्होंने अपने ट्वीट में ऋचा सिंह के लिए सूर्पनखा, आइटम व कूड़ा कचरा जैसे शब्दो का इस्तेमाल किया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी से निष्कासित ऋचा सिंह ने उसके खिलाफ प्रयागराज के शिवकुटी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। कर्नलगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने दोनों मुकदमों में जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। मनीष जगन की गिरफ्तारी के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव डीजीपी ऑफिस पहुंच गए थे इस दौरान पुलिसकर्मियों से उनकी झड़प भी हुई थी। बाद में अग्रवाल जमानत पर रिहा हो गया।
समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करने की वजह से फरवरी महीने में ऋचा सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। ऋचा सिंह समाजवादी पार्टी में प्रवक्ता रह चुकी हैं। इसके पहले वह इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र संघ की अध्यक्ष भी रही हैं। वह प्रयागराज की शहर पश्चिम सीट से दो बार सपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सपा में शामिल होने के बाद अगड़ों पिछड़ों को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद ऋचा सिंह मुखर हो गई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा अगड़ी जाति के लोगों पर निशाना साधे जाने और रामचरितमानस पर सवाल उठाए जाने पर एतराज जताए जताया था। वहीं ऋचा सिंह ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत की थी। वह अभी किसी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं है। डॉ ऋचा सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से सवाल पूछा था कि कि क्या उनके संरक्षण में महिलाओं के लिए ऐसे अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऋचा सिंह ने सीएम योगी और डीजीपी से मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कड़ी कार्रवाई की मांग की थी उसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ हथा। फिलहाल मनीष जगन अग्रवाल के खिलाफ जांच पूरी कर पुलिस चार्जशीट दाखिल कर दी है। ऐसे में मनीष जगन अग्रवाल एक बार फिर मुश्किल में पड़ सकते हैं।