अमेरिकी चिनूक-अपाचे के मुकाबले वायु सेना का स्वदेशी हेलीकॉप्टरों पर फोकस

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने अपने हेलीकॉप्टर बेड़े में बदलाव करने का फैसला लिया है। लड़ाकू या परिवहन हेलीकॉप्टर खरीदने की रणनीति में आयात के बजाय घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता दी जा रही है। अभी तक वायु सेना अमेरिकी लड़ाकू अपाचे और परिवहन चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना बना रही थी, लेकिन अब स्वदेशी एलसीएच प्रचंड और भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) की ओर फोकस किया जा रहा है। वायु सेना ने अमेरिका से 2020 में 15 चिनूक परिवहन हेलीकॉप्टर खरीदे थे, जो मानवीय और आपदा राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका में निर्मित चिनूक हेलीकॉप्टर मल्टी रोल वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म है, जिसका इस्तेमाल पुरुषों और सामग्री के परिवहन के लिए किया जाता है। वायु सेना एचएएल में निर्मित भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) पर अपना दांव लगा रही है, जो सेना और कार्गो परिवहन, लड़ाकू खोज, बचाव और आपदा राहत सहित कई कार्यों के लिए एक छोटा और अधिक किफायती विकल्प है। यह हेलीकॉप्टर चिनूक की तुलना में अधिकतम टेकऑफ कर सकता है। इसके अलावा वायुसेना ने रूसी एमआई-26 हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों के अपने बेड़े को पुनर्जीवित किया है, जो पांच साल से अधिक समय से जमीन पर थे।