विदेश

नेतन्याहू की बढ़ रहीं मुसीबतें

 

इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और विदेश मंत्रालय भी इस वॉरंट को रोकने की प्रक्रिया में शामिल है। सूत्रों ने बताया कि आईसीसी के आरोपों का मुख्य फोकस गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों को भूखा रखने पर होगा, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वैश्विक स्तर पर घिर रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी की आशंका भी जतायी जा रही है। फलस्तीन के हमास ग्रुप ने जब इजरायल पर एक ही रात 400 से ज्यादा मिसाइलें दागी थीं तब नेतन्याहू की जवाबी कार्रवाई का समर्थन किया गया था लेकिन उसके बाद गाजा पट्टी मंे इजरायल ने जिस तरह नरसंहार किया, उससे कई देश नाराज हो गये हैं। अमेरिका भले ही इजरायल की मदद कर रहा है लेकिन नेतन्याहू उसकी बात भी नहीं मान रहे हैं। गाजा पट्टी के साथ ही इजरायल ने ईरान और लेबनान पर भी हमले किये हैं। हालांकि इजरायल का आतंकवादियों के साथ संघर्ष हो रहा है लेकिन निरपराध लोग भी मारे जा रहे हैं। इसी के चलते अमेरिका की यूनिवर्सिटी मंे इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।

गाजा में इजरायल की कार्रवाई को लेकर आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट) इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू समेत कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी कर सकता है। इसको लेकर साउथ अफ्रीका समेत कई देशों ने आईसीसी में याचिका दाखिल की थी। अब टाइम्स ऑफ इजराइल ने रविवार को एक रिपोर्ट छापी है, जिसमें सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इजरायली सरकार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य अफसरों के खिलाफ आईसीसी के संभावित गिरफ्तारी वॉरंट को रोकने का प्रयास कर रही है। इजरायली अधिकारियों का मानना है कि आईसीसी गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध से संबंधित आरोपों पर वॉरंट जारी करने की तैयारी में है। रिपोर्ट में ये भी दावा है कि इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और विदेश मंत्रालय भी इस वॉरंट को रोकने की प्रक्रिया में शामिल है। सूत्रों ने बताया कि आईसीसी के आरोपों का मुख्य फोकस गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों को भूखा रखने पर होगा, जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है।

इजरायली पत्रकार बेन कैस्पिट के अनुसार, प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपनी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट की आशंका से चिंता में हैं। वह वॉरंट को रोकने के लिए लगातार टेलीफोन पर लगे हैं, जो कहीं न कहीं अमेरिकी राष्ट्रपति पर केंद्रित है। इससे पहले इजरायली प्रधानमंत्री ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट किया था। इसमें नेतन्याहू ने कहा, मेरे नेतृत्व में इजराइल अपनी आत्मरक्षा और अधिकार को कमजोर नहीं होने देगा। आईसीसी के किसी भी प्रयास को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे। सैनिकों और अधिकारियों को गिरफ्तार करने की धमकी अपमानजनक है। हम इसके आगे नहीं झुकेंगे। इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि उनका देश उम्मीद करता है कि आईसीसी गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने से परहेज करेगा। काट्ज ने एक बयान में कहा कि अगर आदेश जारी किए जाते हैं तो वे आईडीएफ के कमांडरों और सैनिकों को नुकसान पहुंचाएंगे और आतंकवादी संगठन हमास और ईरान के नेतृत्व वाली कट्टरपंथी इस्लामी धुरी को बढ़ावा देंगे, जिसके खिलाफ हम लड़ रहे हैं।

गाजा में हमास आतंकियों के साथ इजारायल का यु्द्ध जारी है और ईरान के साथ भी युद्ध जैसे हालात हैं, इसी बीच बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के लोगों पर भड़क गए हैं। इजरायली पीएम ने कहा जो अमेरिका के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में हो रहा है, वह बहुत भयानक है। नेतन्याहू ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन के समर्थन में चल रहे प्रदर्शन की कड़ी निंदा की, उन्होंने कहा हमारी मौत को लेकर नारे लग रहे हैं। नेतन्याहू ने कहा आज जो अमेरिका में हो रहा है, वह साल 1930 के हिटलर शासन के दौरान जर्मन विश्वविद्यालय की याद दिलाता है। उधर, इस बयान से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने किनारा कर लिया है। एक वीडियो जारी करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका में यहूदी विरोधी भावना तेजी से बढ़ी है और इसे ठीक करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा अमेरिका के कॉलेजों में आज जो हो रहा है, वह भयावह है। यहूदी विरोधी भीड़ ने अमेरिका के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों पर कब्जा कर लिया है। वे लोग इजरायल के विनाश की बात कर रहे हैं। इजरायली छात्रों को वहां मारा जा रहा है। इस भीड़ ने यहूदी परिसरों पर भी कब्जा कर लिया है। गाजा में इजरायली सेना की तरफ से हमास आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का अमेरिका के कोलंबिया, हार्वर्ड, येल और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में विरोध हो रहा है। इन बड़े विश्वविद्यालय में लगातार इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सैकड़ों लोगों की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन प्रदर्शन नहीं रुका। बुधवार को नेतन्याहू ने इसका जबरदस्त विरोध किया। उन्होंने कहा इस प्रदर्शन को रोका जाना चाहिए, इसकी निंदा की जानी चाहिए, यह सही नहीं है।

ध्यान रहे इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान में हमला किया है। रक्षा मंत्री योग गैलेंट ने 25 अप्रैल को इसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने ये नहीं बताया कि क्या इजरायली सैनिकों ने सीमा पार की थी या नहीं। गैलेंट ने एक बयान में कहा, ज्यादातर फोर्स सीमा पर तैनात की गई है। आईडीएफ फोर्सेस फिलहाल दक्षिणी लेबनान में आक्रामक कार्रवाई कर रही हैं। इजरायली सेना को आईडीएफ के तौर पर भी जाना जाता है। इजरायली रक्षा मंत्री ने दावा किया कि सेना के हमले में लेबनान में हिजबुल्लाह के आधे से ज्यादा कमांडर मारे गए हैं।

लेबनान पर हमला ऐसे समय में हुआ है, जब ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने भी इजरायल पर रॉकेट्स दागे थे। इस हमले से पहले लेबनान में दो लोगों की मौत हुई थी, जिसे लेकर हिज्बुल्लाह ने इजरायल को दोषी ठहराया था। हिज्बुल्लाह ने उत्तरी इजरायल में रॉकेट्स दागे थे। हिज्बुल्लाह के सदस्य हसन फदल्लाह ने कहा था कि ये लोग अब नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। दुश्मन को बताना होगा कि हम किसी भी हालात के लिए तैयार हैं। ईरान के हमले के बाद अब इजरायल ने बदला लेना शुरु कर दिया है।

इजरायल ने लेबनान में हवाई हमला करके हिजबुल्लाह के दो शीर्ष कमांडरों को ढेर कर दिया। इजरायल की सेना आईडीएफ के मुताबिक, हिजबुल्लाह के इन कमांडरों ने इजरायल पर मिसाइल हमले की योजना बनाई थी। मारे जाने वालों में हिजबुल्लाह का शीर्ष कमांडर यूसुफ बाज भी शामिल है। इजरायल की सेना आईडीएफ ने दावा किया कि उसके एक विमान ने लेबनान के एन एबेल क्षेत्र में एयर स्ट्राइक करके इस्माइल यूसुफ को मार गिराया। ईरान के जिस इलाके में हमला हुआ वह इजरायल की सीमा से 7 किलोमीटर अंदर है। आईडीएफ के प्रवक्ता ने बताया कि इस्माइल लेबनान से इजरायल के ऊपर रॉकेट और एंटी टैंक मिसाइल हमले की योजना में शामिल था। इजरायल-हमास युद्ध के दौरान उसने इजरायल के खिलाफ कई आंतकी हमलों की योजना बनाई थी। इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह के रॉकेट और मिसाइल यूनिट के कमांडर मोहम्मद मुस्तफा को भी ढेर कर दिया है।

फिलहाल, इजरायल की तरफ से किए गए हमलों और कमांडरों की मौत पर हिजबुल्लाह की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। इजरायल की ताजा कार्रवाई ईरान के हमले के बाद हुई है, जिसमें ईरान ने 300 से ज्यादा मिसाइलें और किलर ड्रोन दागे थे। इजरायल इसके पहले भी ईरान में कई हिजबुल्लाह कमांडरों को निशाना बना चुका है। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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