अमित शाह का आकलन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह ने चैथे चरण का मतदान सम्पन्न होते समय अपनी पार्टी को मिलने वाली सीटों का आकलन किया। एक मीडिया को दिये साक्षात्कार मंे अमित शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अब तक जिन तीन चरणों मंे मतदान हुआ है, उनमें 283 सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो चुका है। अमित शाह के अनुसार इन 283 सीटों में एनडीए को 190 सीटें मिलेंगी। भाजपा ने अपने गठबंधन के लिए 400 से ऊपर सीटों का लक्ष्य बना रखा है। जनसभाओं मंे नारे लगाये जाते हैं कि अब की बार, चार सौ पार। इस प्रकार अमित शाह के आकलन को ही सच माना जाए तो बाकी बची 260 सीटों में से एनडीए को 210 सीटों पर विजय मिलनी चाहिए। अब चार चरणों का मतदान जहां होना है, उनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दक्षिण भारत के पांच राज्य शामिल हैं जहां 2019 मंे भाजपा और उसके गठबंधन राजग के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे थे। इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने अप्रैल 2025 के बाद अमित शाह के प्रधानमंत्री बनने का शिगूफा छेड़ दिया है और उसके पीछे ठोस तर्क भी दिया, जिससे भी चार चरणों का मतदान प्रभावित हो सकता है। अमित शाह ने ही जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव राज्यसभा और लोकसभा मंे पारित करवाया था। समान नागरिक संहिता का कानून भी लागू करने की वही सबसे जोरदार वकालत करते हैं लेकिन तीन चरणों के मतदान के बाद अमित शाह के आकलन पर कानाफूसी होना स्वाभाविक है।
लोकसभा चुनाव के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बातचीत में कहा कि इस लोकसभा चुनाव में अब तक जिन तीन चरणों में मतदान हुआ है उसे देखते हुए ये साफ है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बड़े अंतर से जीतने जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें खास तौर पर पूर्व भारत के राज्यों, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दक्षिण भारत के पांच राज्यों में बड़ी जीत मिलेगी। सात मई तक तीन चरणों के तहत जिन 283 सीटों पर मतदान हुए हैं उनमें से राजग 190 सीटें जीतकर बड़ी बढ़त बना चुकी है। अमित शाह ने कहा कि मैं आपसे साफ कर देना चाहता हूं कि दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। अमित शाह ने कहा कि इस बार ओडिशा विधानसभा चुनाव में ही भारतीय जनता पार्टी बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है। वहीं, हम आंध्रा में अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं। अगर बात ओडिशा में लोकसभा चुनाव की करें तो हम यहां की सभी 17 सीटें जीतने जा रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख के इस बयान पर भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भविष्य में श्री शाह को प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। ध्यान रहे जेल से रिहा होने के एक दिन बाद केजरीवाल ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी पर श्एक राष्ट्र, एक नेता चाहने वाले व्यक्ति के रूप में हमला किया, जो एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रणाली के लिए भाजपा के जोर की ओर इशारा करता है। केजरीवाल ने कहा था ये लोग इंडिया ब्लॉक से प्रधानमंत्री पद के चेहरे के बारे में पूछते हैं। मैं बीजेपी से पूछता हूं कि उनका पीएम कौन होगा? मोदी जी पिछले वर्ष 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं। उन्होंने ही खुद 2014 में नियम बनाया था कि 75 वर्ष के लोगों को रिटायर कर दिया जाएगा। उन्होंने ही लालकृष्ण आडवाणी को रिटायर कर दिया। मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, केजरीवाल ने कहा वह अगले साल रिटायर हो जाएंगे। वह अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं। क्या अमित शाह मोदी जी की गारंटी पूरी करेंगे? केजरीवाल को जवाब देते हुए, गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री बहुत बड़ी गलती पर हैं कि पीएम मोदी जब 75 वर्ष के हो जाएंगे तो पद छोड़ देंगे। अमित शाह ने कहा मैं अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी और इंडिया ब्लॉक से यह कहना चाहता हूं कि बीजेपी के संविधान में ऐसा कुछ भी (75 साल पुरानी सीमा नियम) का उल्लेख नहीं है। पीएम मोदी केवल यह कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं और पीएम मोदी नेतृत्व करना जारी रखेंगे। भविष्य में देश में कोई भ्रम नहीं है।
अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी गई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रार्थना की थी कि उनकी गिरफ्तारी गलत है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस पर सहमत नहीं हुआ। अंतरिम जमानत सिर्फ 1 जून तक दी गई है। अमित शाह ने कहा अगर अरविंद केजरीवाल इसे क्लीन चिट मानते हैं तो कानून के बारे में उनकी समझ कमजोर है। अंतरिम जमानत के तहत, केजरीवाल अपने कार्यालय नहीं जा सकते, आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते। किसी भी जरूरी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें उपराज्यपाल से अनुमति लेनी होगी। बहरहाल गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दावे पर पलटवार किया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। केजरीवाल के बयान का मतदान के अगले चरणों पर कितना असर होगा, फिलहाल यह बताना मुश्किल है।
दिल्ली शराब घोटाला केस में फंसे अरविंद केजरीवाल फिलहाल अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ाने के लिए एक याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई कि अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसे जरा भी तवज्जो नहीं दी। दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई को खारिज कर दिया और कहा कि वह इस मामले में दखल नहीं दे सकता है। इन सबको देखते हुए इतना तो कहा ही जा सकता है कि मतदान के
चार चरण काफी महत्वपूर्ण हैं लेकिन विपक्षी दलांे के नेता अरविन्द केजरीवाल को भी ‘हीरो’ नहीं बनने देना चाहते। इसीलिए उनके बयान का समर्थन किसी विपक्षी नेता ने नहीं किया है। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)