राजनीति

इस बार रोचक होगा दिल्ली का महासमर

 

हमारे देश की राजधानी है दिल्ली और केन्द्र शासित एक राज्य भी है। यहां की राजनीति एक दशक से आश्चर्य मंे डाले हुए है। दिल्ली के सात सांसद भाजपा के रहे तो राज्य मंे प्रचंड बहुमत अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के पास है। लगातार तीन बार आप की सरकार बनी है। इस बार आम आदमी पार्टी ने भाजपा से दिल्ली महानगर निगम (एमसीडी) भी छीन ली और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से सीटों का बंटवारा किया है। विपक्षी दलों ने भाजपा के खिलाफ इंडिया के नाम से एक मंच तैयार किया है जिसमंे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शामिल हैं। दिल्ली में इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों का कोई खास प्रभाव नहीं है। बिहार के लोग वहां हैं लेकिन उनमें जद(यू) और राजद के कितने समर्थक हैं, यह नहीं कहा जा सकता। इसलिए 18वीं लोकसभा के लिए दिल्ली के 7 सांसदों का चुनाव इस बार दिलचस्प है। भाजपा ने मनोज तिवारी को छोड़कर सभी सिटिंग सांसदों का टिकट काट कर नए चेहरे उतारे हैं। स्वर्गीय सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज जैसे चेहरे युवाओं मंे चर्चा का विषय बने हैं। भाजपा ने जिन लोगों के टिकट काटे हैं, उनके बागी होने का कोई किस्सा भी सामने नहीं आया है। भाजपा ने पूरा दम लगा रखा है। मतदान (25 मई) से दो दिन पहले ही केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केन्द्र सरकार के 2014 से 2024 तक किये गये विकास कार्यों का अचानक उल्लेख करके चुनाव में विकास का मुद्दा खड़ा किया है जबकि अब तक शराब घोटाला और भ्रष्टाचार को ही मुद्दा बनाया जा रहा था। उधर, आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ समझौता करके तीन सीटें कांग्रेस को दी हैं जबकि चार पर उसके प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इस तरह कई मायने मंे इस बार दिल्ली का चुनाव रोचक होगा। शहर में 1.47 करोड़ मतदाता हैं जिनमंे 79.98 लाख पुरुष और 67.42 लाख महिलाएं उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।

दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 के वोटिंग में 72 घंटे से भी कम समय पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ‘डेटा बम फोड़’ दिया है। पुरी ने दिल्ली में केंद्र सरकार के 2014 से लेकर 2024 तक किए गए कामों का गिन-गिन कर हिसाब दिया है। पुरी ने कहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले 10 सालों में गरीबों के लिए एक भी घर नहीं बनाया है। हां, सीएम ने अपने घर पर जरूर 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पुरी ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में दिल्ली को 54 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद कई योजनाओं में दी है।

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली मेट्रो को लेकर 31 हजार 476 करोड़ से ज्यादा पैसे खर्च किए हैं। इस दौरान 6 हजार 422 कोरड़ रुपये सिर्फ शहरी आवास मंत्रालय ने दिया है। अगर संसदीय सीटों की बात करें तो हर लोकसभा सीट पर केंद्र सरकार की कई योजनाओं के जरिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली के उत्तरी-पश्चिमी लोकसभा सीट पर 7 हजार 560 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। वहीं, उत्तरी-पूर्वी संसदीय सीट की बात करें तो यहां पिछले 10 सालों में सिर्फ 89 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं। नई दिल्ली लोकसभा सीट के अंतगर्त 1144 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं। दक्षिणी दिल्ली संसदीय सीट पर 1832 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। अगर चांदनी चैक की बात करें तो यहां तकरीबन 272 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट पर 3039 करोड़ से ज्यादा रुपये दिए हैं। वहीं, पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट पर 2 हजार 232 करोड़ से ज्यादा विभिन्न योजनाओं पर खर्च किए गए हैं।

पुरी ने बताया डीडीए और एमसीडी को पिछले 10 सालों में 10 हजार 143 करोड़ 60 लाख रुपये दिए गए हैं। वहीं, यूडीएफ प्रोजेक्ट पर 6044 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यानी 16, 188, 29 करोड़ दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिल्ली में 29, 976 घर मंजूर हुए हैं। इसमें केंद्र सरकार ने 692.53 करोड़ रुपये सहायता राशि के तौर पर दिया है।

दिल्ली की सभी सात सीटों पर 25 मई को मतदान होगा। दिलचस्प यह होगा कि गांधी परिवार के मतदाता पहली बार कांग्रेस को वोट न कर आप प्रत्याशी के समर्थन में मतदान करेंगें। दिल्ली में राहुल गांधी आप के पक्ष में तो सीएम अरविंद केजरीवाल चांदनी चैक सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे। गांधी परिवार का आप प्रत्याशी सोमनाथ भारती के समर्थन में वोट करने के पीछे मुख्य वजह यह है कि कांग्रेस इस बार आम आदमी पार्टी के साथ दिल्ली में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है। इंडिया गठबंधन फार्मूले के तहत सात में से चार सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में गई हैं जबकि तीन सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं। इनमें चांदनी चैक, उत्तर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी दिल्ली की सीटें शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के खाते में जो चार सीटें गई हैं, उनमें नई दिल्ली, दक्षिण दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, पूर्वी दिल्ली शामिल हैं। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का वोट नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सोमनाथ भारती लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि अगर ये आ गए तो देश के अंदर जनतंत्र नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव या तो करवाएंगे ही नहीं या करवाएंगे तो पुतिन या बांग्लादेश टाइप कराएंगे। विपक्षी नेताओं को जेल में डाल के चुनाव कराए जाएंगे। सीएम केजरीवाल ने कहा कि हिटलर ने भी यही किया था, उसने जबरदस्ती अपने पार्लियामेंट में आग लगवा दी और विपक्ष के नेताओं को आग के केस में जेल में डाल दिया। इसके बाद चुनाव कराया तो 90 प्रतिशत से ज्यादा वोट हिटलर को मिल गए। यहीं काम ये करने वाले है। आजादी के आंदोलन में वकीलों ने सबसे ज्यादा हिस्सा लिया था। महात्मा गांधी भी वकील

़ही थे, जवाहर लाल नेहरू भी वकील ही थे, मोतीलाल नेहरू भी वकील थे, बाबा साहेब अंबेडकर भी वकील थे। वकीलों ने ही पूरा मोर्चा संभाला था। केजरीवाल को सत्ता देने वाले भी वकील ही थे।

वकीलों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश को बचाने का बीड़ा भी आप ही लोगों को उठाना पड़ेगा। मैं आपसे देश को बचाने की अपील करने के लिए आया हूं। किसी भी हालत में नरेंद्र मोदी को दोबारा सरकार नहीं बनाने देनी है। इसके साथ ही केजरीवाल दिल्ली मंे पानी, बिजली और शिक्षा के क्षेत्र में कराए काम भी गिना रहे हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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