देश

500 से अधिक प्रोजेक्टों में 387 प्रोजेक्ट अधूरे हैं

देहरादून। राजधानी में रियल एस्टेट प्रोजेक्टों की धीमी रफ्तार ने खरीदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खरीदार निर्धारित समय पर फ्लैट देने की मांग बिल्डर्स से कर रहे हैं। जबकि पंजीकृत आधी परियोजनाएं अभी पूरी नहीं हो सकी हैं। उत्तराखंड रेरा में पंजीकृत 500 से अधिक प्रोजेक्टों में 387 प्रोजेक्ट अधूरे हैं। सिर्फ 113 आवासीय परियोजनाएं ही रेरा में पूर्णता प्रमाणपत्र सौंप सकी हैं। अधूरे निर्माण की स्थिति में इंतजार करना खरीदारों की मजबूरी बन गया है। रेरा नियमों के तहत प्रमोटर्स की ओर से पूर्णता प्रमाणपत्र देने के बाद ही खरीदार को फ्लैट की रजिस्ट्री की जा सकती है। लेकिन प्रोजेक्टों के अधूरा होने के कारण बनने वाले फ्लैट भी खरीदार को आवंटित नहीं हो पा रहे हैं।
ऐसे में प्रमोटर्स आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र देकर खरीदारों को कब्जा दे रहे हैं। बेशक आंशिक पूर्णता प्रमाणपत्र देकर खरीदारों को भवन पर कब्जा मिल जा रहा हो, लेकिन पूर्णता प्रमाणपत्र के बगैर कब्जा पाने के कई जोखिम हैं, जिनसे खरीदारों को जूझना पड़ रहा है।
पूर्णता प्रमाणपत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो प्रमाणित करता है कि आवासीय या व्यावसायिक भवन में निर्माण पूरा हो गया है। प्रोजेक्ट में सभी सुरक्षा मानकों को पूरा किया जा रहा है। यह प्रमाणपत्र परियोजना के भौतिक सत्यापन के बाद सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी होता है। यह बिजली-पानी के कनेक्शन प्राप्त करने समेत अन्य सुविधाएं हासिल करने के लिए आवश्यक है। लेकिन ऐसे मामले भी हैं जब बिल्डरों ने निर्माण पूरा किए बिना ही कब्जा दे दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button