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लोग उसी की उंगली काटते हैं, जिसे पकड़कर चलना सीखते हैं: वसुंधरा राजे

जयपुर। प्रदेश के विधानसभा चुनावों के बाद लोकसभा चुनावों में भी पूरी तरह साइड लाइन रहीं वसुंधरा राजे ने लंबे अरसे बाद आज अपनी चुप्पी तोड़ी।
लंबे समय तक राजस्थान में भाजपा का एकमात्र चेहरा रहीं वसुंधरा राजे ने बताया कि कैसे वे संघ की ट्रेनिंग में यहां तक पहुंची पाई हैं। राजे ने बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे सुंदरसिंह भंडारी का जिक्र करते हुए नेताओं को आगे बढ़ाने की बात कही। मौजूदा सियासत के दौर पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वफा का वो दौर अलग था, जिस समय राजनीति में आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति का सम्मान होता था और वह उसका हमेशा साथ देता था लेकिन वर्तमान समय में ऐसा नहीं होता। आज लोग उसी की उंगली काटने का प्रयास करते हैं, जिसे पकड़कर वे चलना सीखते हैं। कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि संघ और राजे के बिगड़ते रिश्तों को लेकर सियासत में कई बार तरह-तरह की बातें होती रही हैं लेकिन आज उन्होंने संघ की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी माता विजय राजे सिंधिया ने बचपन से ही उन्हें संघ के संस्कार दिए हैं।

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