सम-सामयिक

कितने परिवार और उजाड़ेगी जहरीली शराब?

 

देश के कई हिस्सों में अवैध शराब समय-समय पर लोगों को मौत परोसने का काम करती रही है। हर साल सैकड़ों लोगों की मौत अवैध शराब के सेवन से होने की घटनाएं सामने आ रही हैं लेकिन सरकार इस समस्या से निपटने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। हाल ही में तमिलनाडु में अवैध शराब का कहर टूटा। कल्लाकुरिची जिले से सामने आए अवैध शराब के मामले में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा था। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 61 लोग दम तोड़ चुके 156 लोगों का उपचार जारी था।
शराब एक ऐसी बुराई है जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए परंतु हमारी सरकारों ने इस ओर से आंखें मूंद रखी हैं। इसका कारण यह है कि हमारी सरकारें इसकी बिक्री से होने वाली भारी-भरकम आय को खोना नहीं चाहतीं क्योंकि सरकारें इसी के सहारे ही चलती हैं। आज देश में शराब का सेवन लगातार बढ़ रहा है और अब तो समाज विरोधी तत्वों द्वारा नकली जहरीली शराब भी बनाई जाने लगी है जिसके इस्तेमाल से होने वाली मौतों के कारण बड़ी संख्या में महिलाओं के सुहाग उजड़ रहे हैं और बच्चे अनाथ हो रहे हैं। शराब वैध हो या अवैध दोनों ही स्वास्थ्य का नुकसान करती है। नकली अवैध शराब तो सीधे जहर पीना है लेकिन सस्ती के चक्कर में नशे के आदी लोग नकली अवैध शराब पीने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। इसी का परिणाम है कि आए दिन शराब पीने से लोगों की असमय मौत के मामले बढ़ रहे हैं।
रिपोर्ट बताती हैं 2022 में छपरा में नकली शराब पीने से 38 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें मास्टरमाइंड सहित पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इसके पूर्व बिहारशरीफ, गोपालगंज और बेतिया में नकली शराब पीने से मौत के मामले सामने आए थे। 26 जुलाई, 2022 को गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत और 45 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए। 24 सितम्बर, 2023 को बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत तथा 3 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई।
11 नवम्बर, 2023 को हरियाणा के यमुनानगर और अम्बाला में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 20 तक पहुंच गई। 19 नवम्बर, 2023 को बिहार के सीतामढ़ी में जहरीली शराब पीने से 3 लोगों की मौत तथा 1 गंभीर रूप से बीमार हो गया। 22 मार्च, 2024 को संगरूर में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई जबकि कुछ लोग अंधे हो गए। 18 जून, 2024 को छत्तीसगढ़ में कोरबा जिले के कोटमेर गांव में जहरीली शराब पीने से एक महिला सहित 3 लोगों की मौत हो गई।
18 जून, 2024 को ही तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में पैकेट और सैशे के रूप में खरीदी जहरीली शराब पीने के कुछ ही समय बाद बड़ी संख्या में लोगों को दस्त, उल्टी आने, पेट दर्द और आंखों में जलन की शिकायत शुरू हो गई और फिर उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। 23 जून के आते-आते जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या 53 तक पहुंच गई थी।
इस मामले में 49 वर्षीय अवैध शराब विक्रेता कन्नुकुट्टी सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कन्नुकुट्टी के पास से जब्त की गई 200 लिटर अवैध न शराब की जांच में सामने आया कि उसमें घातक मेथेनाल मौजूद था।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष भी राज्य के विल्लूपुरम तथा चेंगलपट्टू दे जिलों में अवैध शराब पीने से 22 लोगों की मौत हो गई थी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस मामले की जांच के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी। गोकुलदास के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग गठित करने का निर्देश देने के अलावा जिले के एस। पी। को बर्खास्त तथा जिला कलैक्टर का तबादला कर दिया है। देश में नकली शराब से सबसे अधिक 134 लोगों की मौत बिहार में हुई। इसके बाद दूसरे स्थान पर कर्नाटक और तीसरे स्थान पर पंजाब है। वर्ष 2022 में देश भर में अवैध व नकली शराब के 507 केस दर्ज हुए। इनमें 617 लोगों की मौत हुई, जिनमें 15 महिलाएं थीं। हालांकि, बिहार में एक भी महिला की मौत अवैध शराब के सेवन से नहीं हुई है।
एनसीआरबी 2022 की रिपोर्ट चैंकाने वाली है। अवैध और नकली शराब से जुड़े बिहार में सबसे कम 29 केस सामने आए, लेकिन मौत के मामले में आंकड़ा सबसे अधिक है। शराब के ऐसे दुष्प्रभावों को देखते हुए ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पराधीनता के युग में यह घोषणा की थी कि यदि भारत का शासन आधे घंटे के लिए भी उनके हाथ में आ जाए तो वह शराब की सभी डिस्टिलरियों और दुकानों को बिना मुआवजा दिए ही बंद कर देंगे।
यही नहीं, गांधी जी ने महिलाओं को भी स्वाधीनता आंदोलन से जोड़ा और देश के कोने-कोने में महिलाओं ने छोटे दूध पीते बच्चों तक को गोद में लेकर शराबबंदी की मांग के साथ-साथ विदेशी कपड़ों की होली जलाई और अनेक महिलाओं ने 2-2, 3-3 वर्ष की कैद भी काटी थी। उक्त दुखद घटनाओं से स्पष्ट है कि शराब किस कदर तबाही लाती है। अतः इसके सेवन पर अंकुश लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाने और दोषियों को कठोरतम दंड देने की जरूरत है ताकि परिवार न उजड़ें। देश के कई राज्यों में शराबबंदी लागू है। गुजरात पहला राज्य था, जिसने शराबबंदी लागू की थी।
1960 में बॉम्बे से अलग होकर जब गुजरात बना, तभी से वहां शराबबंदी लागू है। उसके बावजद भी बीते 6 साल में गुजरात में 54 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई। बीते साल जुलाई में गुजरात के बाटोद जिले के रोजिद गांव में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। बिहार, गुजरात, मिजोरम, नागालैंड और लक्षद्वीप में पूरी तरह से शराबबंदी लागू है। 2016 में बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू की। मणिपुर में भी 1991 से शराबबंदी थी, लेकिन अब सरकार ने इसमें थोड़ी छूट दे दी है। सरकार का कहना था कि अवैध शराब पीने से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को कम करने और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ये फैसला लिया गया है। शराबबंदी को लेकर प्रयोग होते रहे हैं। कई राज्यों में भी शराबबंदी को पहले लागू किया गया, लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया है।
आंध्र प्रदेश ने भी 1995 में शराबबंदी को लागू किया था। लेकिन इस बीच सत्ता बदली और चंद्रबाबू नायडू सीएम बन गए। उन्होंने 1997 में 16 महीने पहले शराब पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन 16 महीनों में सरकार को 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
हरियाणा ने भी 1996 में शराबबंदी को लागू किया था, लेकिन दो साल बाद ही 1998 में इस प्रतिबंध को हटा लिया। मणिपुर ने भी पिछले साल अपनी एक्साइज पॉलिसी में बदलाव किया है। यहां 1991 से शराबबंदी लागू थी, लेकिन अब इसमें कुछ छूट दी गई है। शराबबंदी को लेकर प्रयोग होते रहे हैं। कई राज्यों में भी शराबबंदी को पहले लागू किया गया, लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया है।
शराबबंदी सफल नहीं होने के पीछे दो बड़े कारण हैं। पहला तो ये शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब की तस्करी होती रहती है और दूसरा सरकार के रेवेन्यू को नुकसान।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की रिपोर्ट बताती है कि देश में अवैध शराब का कारोबार 23 हजार 466 करोड़ रुपये का है। फिक्की के मुताबिक, अवैध शराब की तस्करी की वजह से सरकार को 15 हजार 262 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
अवैध शराब यानी जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। ये शराब बिना किसी रिकॉर्ड के बिकती है। इसकी तस्करी होती है और इस पर कोई टैक्स नहीं दिया जाता है। लिहाजा अवैध शराब की तस्करी से सरकार को रेवेन्यू लॉस होता है, लोगों की मौत होती है तो दूसरी ओर शराब कारोबारी पैसा कमाते हैं। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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