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विधानसभा चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद को लग सकता है बड़ा झटका

जम्मू। राहुल गांधी के खिलाफ बगावत कर अलग पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद को और झटका लग सकता है। आजाद के वफादार साथी रहे पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन और अब्दुल मजीद वानी फिर से कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
उनके साथ पूर्व विधायक गुलजार वानी भी वापसी की राह पकड़ सकते हैं। यहां बता दें कि आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) का गठन किया था और लोकसभा चुनाव को उनका लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। इन चुनावों में उनकी पार्टी खास कुछ नहीं कर पाई और उनके गढ़ डोडा जिले में भी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उसके बाद से आजाद की प्रदेश में सक्रियता भी न के बराबर ही रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री रहे आजाद ने सितंबर 2022 में अपनी पार्टी का गठन किया था। उस समय कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़कर आजाद के साथ चल दिए थे।
हालांकि आजाद ज्यादातर नेताओं को साथ जोड़कर नहीं रख पाए और पूर्व मुख्यमंत्री ताराचंद व बलवान सिंह जैसे नेता आजाद की पार्टी में शामिल तो हुए पर जल्द उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली।
ऐसे में आजाद की राह मुश्किल होती दिखी थी। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले वह लगातार प्रदेश में सक्रिय रहे और काफी रैलियां भी की पर मतदाताओं को साथ नहीं जोड़ पाए।
पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद के जम्मू स्थित आवास पर आजाद की गैर हाजिरी में पार्टी के उपाध्यक्ष जीएम सरूरी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। बैठक में पार्टी की चुनाव में बुरी हार पर चर्चा हुई और सभी नेता एक-दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप मढ़ते दिखे। आरोप लगे कि कुछ नेताओं ने जमीनी स्तर पर काम नहीं किया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में जम्मू के नेता पार्टी प्रवक्ता सलमान रिजवी द्वारा जेल में बंद इंजीनियर रशीद को बधाई देने पर खासे नाराज दिखे। उन्होंने आरोप लगाया कि निजामी ने न सिर्फ अलगाववादी इंजीनियर रशीद का समर्थन किया बल्कि वह रशीद के घर मुबारकबाद देने गए थे।

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