अमेरिका में गन कल्चर का नतीजा है ट्रंप पर हमला!

दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क आज दहशत में है। अमेरिका में अचानक वो हो गया जो किसी ने शायद सोचा भी नही था। पूर्व राष्ट्पति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला होना मामूली घटना नहीं है । चुनावी रैली में मौत उनको जिस तरह छू कर निकल गई। अमेरिका समेत सारी दुनिया सन्न रह गई। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के दौरान भी जिस जिंदादिली और साहस का परिचय दिया, वह अद्वितीय है। हमले के बाद भी वह सभा को संबोधित करना चाहते थे लेकिन सीक्रेट सर्विस के लोगों ने उन्हें तुरंत अपने सुरक्षा घेरे में लेकर अस्पताल पहुंचाया। हमले पर अपनी प्रतिक्रिया में ट्रंप ने कहा, सबसे अविश्वसनीय बात यह थी कि मैंने न केवल अपना सिर घुमाया, बल्कि बिल्कुल सही समय पर और सही घुमाने से मेरी जान बच गई। इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, मैं तो मरने वाला था, मुझे तो यहां नहीं होना चाहिए था, उन्होंने पूरी घटना को अवास्तविक अनुभव बताया है। चूंकि हमलावर मारा गया है इसलिए यह जानना कठिन हो सकता है कि ट्रंप को निशाना बनाने के पीछे उसका उद्देश्य क्या था, लेकिन इससे इन्कार नहीं कि यह घटना उस विषाक्त राजनीतिक वातावरण का परिणाम जान पड़ती है जो अमेरिका में पिछले कुछ समय से व्याप्त है।
चिंता की बात यह है कि यह विषाक्त राजनीतिक वातावरण दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। अमेरिका इस समय राजनीतिक और वैचारिक रूप से इतना अधिक विभाजित है कि उसका दुष्प्रभाव पूरे समाज पर पड़ रहा है। किसी भी लोकतंत्र के लिए यह स्थिति ठीक नहीं, लेकिन इसमें संदेह है कि अमेरिका में वैचारिक विभाजन थमेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक हमले में कोई प्रेरक पता नहीं चला है। इसके साथ ही राष्ट्रपति बाइडेन ने देशवासियों से एक विशेष अपील भी की है।
बाइडेन ने कहा कि मैं आज आपसे अपनी राजनीति में तापमान कम करने और यह याद रखने की आवश्यकता के बारे में बात करना चाहता हूं कि भले ही हम उतने ही हों, हम दुश्मन नहीं हैं। हम पड़ोसी हैं, मित्र हैं, प्रभावित हैं, नागरिक हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम साथी अमेरिकी हैं। बाइडन ने इसी के साथ कहा कि शुक्र है कि गोली छूकर निकले और वह ज्यादा घायल नहीं होते। बाइडन ने आगे कहा कि शूटर का मकसद अभी तक पता नहीं चला है। हम उसकी राय या संबद्धता नहीं जानते। हमें नहीं पता कि उसे मदद या समर्थन मिला था या नहीं, लेकिन जांच चल रही है और सब सामने आएंगे।
ट्रंप पर हमले के 24 घंटे बाद ओवल ऑफिस से देश के नाम संदेश में बाइडन ने कहा कि मैं नागरिकों से संकट की इस घड़ी में एकजुट होने का आग्रह करता हूं। बाइडन ने कहा कि देश में राजनीतिक बयानबाजी को शांत करने का समय आ गया है। बाइडेन ने इसी के साथ देशवासियों से राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए कहा, हमें अब एक साथ खड़ा होना चाहिए। पेंसिल्वेनिया में डोनाल्ड राइट की रैली में हुई घटना हम सभी से एक कदम पीछे हटाते हुए, इस समस्या को सुलझाने का प्रयास करती है कि हम कहां हैं और यहां से आगे कैसे बढ़ें। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि एक गोली मार दी गई और एक अमेरिकी नागरिक पर केवल अपने चुने हुए उम्मीदवार का समर्थन करने की स्वतंत्रता का प्रयोग करने के चलते गोली से हमला किया गया। बाइडन ने कहा कि हमें अमेरिका में इस रास्ते पर नहीं चलना चाहिए। हम अपने पूरे इतिहास में पहले भी ऐसी कई घटनाओं को झेल चुके हैं, लेकिन अब ये सब बंद होना चाहिए। अमेरिका में इस तरह की हिंसा के लिए किसी भी तरह की कोई जगह नहीं है।
एक निर्दोष अमेरिकी नागरिक के मारे जाने से संयुक्त राज्य अमेरिका की जनता क्षुब्ध है और लोगों में गुस्सा है। यही कारण है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश के नाम जो संबोधन किया उसमें राजनीति में हिंसा की घोर निंदा की। बाइडेन ने तत्काल ट्रंप की सुरक्षा चाक-चैबंद रखने के निर्देश सीक्रेट सर्विस को दिए हैं। दुनिया के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने ट्रंप पर हमले की कड़ी निंदा की है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, ‘अपने मित्र डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की में कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ’। उन्होंने कहा, लोकतंत्र और राजनीति में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। फ्रांस, ब्रिटेन और इटली में सरकार के प्रमुखों ने डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले को निंदनीय बताया है।
यहां आपको बता दें कि अमेरिका में गन खरीदने रखने और निशाने बाजी का अभ्यास करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है वहां कोई भी नागरिक बाजार में अन्य सामान की तरह गन खरीद और रख सकता है। यहां गौर तलब है कि अमेरिका के चार पूर्व राष्ट्रपति हत्यारों की गोलियों का निशाना बन चुके हैं। अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की 1865 में हत्या कर दी गई थी। लिंकन के बाद एम. गार्फील्ड और विल्यम मैकनले की भी हत्या की गई वहीं 1963 में अमेरिका के 35 वें राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अमेरिका में राष्ट्रपति पद हेतु चुनाव लड़ रहे कई राष्ट्रपतियों को निशाना बनाया गया। एक सदी पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के एक प्रत्याशी रॉबर्ट एफ। केनेडी की 1912 में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। रोनाल्ड रीगन और थेडोर रूजवेल्ट की भी हत्या की कोशिश हुई। जाहिर है कि अमेरिकी राजनीति में हिंसा की बीमारी सदियों पुरानी है।
वहीं, अमेरिकी राजनीति पर नजर रखने में कुशल राजनीतिक पंडितों का इस हमले को लेकर विचार है कि ट्रंप को इसका राजनीतिक फायदा मिलेगा, क्योंकि ट्रंप कई बार अपनी रैलियों में अपराध व हिंसा बढ़ने का मुद्दा उठाते रहे हैं। ऐसे में उनके ऊपर हुई गोलीबारी ने इस मुद्दे को गरमा दिया है। उधर गोलीबारी के बाद ट्रंप ने बिना एक क्षण गंवाए गोली चलने के बाद हवा में अपनी मुट्ठी उठाकर नारा लगाते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया, वह भी खुद में मिसाल है। हमले के बाद ट्रंप भीड़ की ओर देखते नजर आए। कान से चेहरे तक खून टपकता रहा, लेकिन वह लोगों से लड़ने की अपील करते रहे। ट्रंप की यह मजबूत छवि नवंबर में होने वाले चुनावों को निश्चित रूप से प्रभावित करेगी । इस चुनाव में ट्रंप को काफी फायदा होगा। ट्रंप और बाइडेन में कांटे की टक्कर बताई जाती थी, लेकिन प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद ट्रंप का कद थोड़ा बढ़ गया था। अमेरिका से खबरें आ रही थीं कि इस बार ट्रंप की जीत पक्की है, लेकिन अब इस हमले के बाद ट्रंप खुद को एक बड़ा प्रवर्तक और प्रतिकूल परिस्थितियों में भी साहस व हौसला बनाए रखने वाले बतौर स्थापित करने में सफल रहे हैं। इस घटना के बाद उनका राजनीतिक वजूद बढ़ गया है। ट्रंप को अब तक डेमोक्रेटिक नेता राजनीतिक हिंसा करवाने वाले के तौर पर पेश करते रहे, लेकिन पेनसिल्वेनिया में हुई गोलीबारी के बाद अब रिपब्लिकन पार्टी बाइडेन को टारगेट बना सकती है। (हिफी)
(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)