राजनीतिलेखक की कलम

योगी से संबंध सुधार रहे केशव!

यह भाजपा नेतृत्व के लिए भी चिंता की बात थी कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में पार्टी के अंदर रार स्पष्ट रूप से दिखने लगी थी। योगी आदित्यनाथ के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जब संगठन को सरकार से बड़ा बताया, तब यह किसी से छिपा नहीं रहा था कि उनका इशारा किसकी तरफ है। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव मंे भाजपा को मिले अप्रत्याशित परिणाम पर मंडलवार समीक्षा के लिए जब मुख्यमंत्री ने बैठकें बुलाईं तो इन बैठकों में भी दोनों डिप्टी सीएम अनुपस्थित रहे। इसके बाद नई दिल्ली मंे नीति आयोग की बैठक के साथ भाजपा मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई तब दोनों डिप्टी सीएम दिल्ली मंे थे। पार्टी के बड़े नेताओं से वार्ता भी हुई लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ आकर अपनी ही सरकार को घेरा था। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपना रुख कड़ा करते हुए प्रदेश में होने वाले 10 विधानसभा सीटों के लिए भारी-भरकम कमेटी बनायी लेकिन उस कमेटी मंे दोनों उपमुख्यमंत्रियों को शामिल नहीं किया गया। इतना ही नहीं फूलपुर मंे केशव मौर्य को पराजित करने वाली पल्लवी पटेल से मुख्यमंत्री आवास मंे भेंट की थी। इस प्रकार तनाव दोनों तरफ से बढ़ता जा रहा था लेकिन गत 21 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृति में हिन्दू गौरव दिवस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। केशव प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से करते हुए उनके सुशासन की सराहना की। मौर्य ने कहा कि जिस तरह से कल्याण सिंह के समय मंे उत्तर प्रदेश में सुशासन था, वैसा ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समय मंे भी है। इसे दोनों नेताओं के बीच मतभेदों की समाप्ति के रूप में देखा जा रहा है।
इस आयोजन के बाद लगता है उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच अब सब कुछ ठीक हो रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि डिप्टी सीएम मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ के काम की तारीफ की है। उन्होंने सीएम योगी के शासन को सुशासन बताते हुए ये तारीफ की। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रहे संभावित मतभेदों में कमी का संकेत माना जा रहा है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृति में हिंदू गौरव दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव मौर्य पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से करते हुए उनके सुशासन की सराहना की। मौर्य ने कहा, “जिस तरह से कल्याण सिंह के समय में उत्तर प्रदेश में सुशासन था, वैसा ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समय में भी है। वर्तमान सरकार कल्याण सिंह के बताए रास्ते पर आगे बढ़ रही है।” मौर्य ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही सरकार की नीतियों और उनके कार्यों की खुलकर प्रशंसा की।
केशव प्रसाद मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच संभावित राजनीतिक मतभेदों की चर्चा लंबे समय से चल रही थी। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि दोनों नेताओं के बीच सत्ता और नेतृत्व को लेकर असहमति है। मौर्य की तरफ से कई मर्तबा कहा गया कि संगठन सरकार से बड़ा होता है, संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है। उनका यह बयान भी दोनों नेताओं के बीच तल्खी की रिपोर्टों को पुख्ता कर रहा था। बात दिल्ली तक भी पहुंची और दोनों नेताओं की शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात भी हुई थी। सीएम योगी ने भी उप चुनाव को लेकर बनाई अपनी कोर टीम में दोनों डिप्टी सीएम को शामिल नहीं किया था। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान को राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि सीएम योगी और डिप्टी सीएम मौर्य के बीच धीरे धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है। कहा जाए तो केशव मौर्य द्वारा सीएम योगी की प्रशंसा ने उन अटकलों को कम किया है, जो दोनों नेताओं के बीच मतभेदों और मनभेद की ओर इशारा करती हैं।
इससे पूर्व भी उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन के बीच तनातनी की बात सुर्खियों में आने के बाद केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान सामने आया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। डिप्टी सीएम ने कहा- योगी आदित्यनाथ देश के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने लोगों से सवाल करते हुए कहा- क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा विश्व में कोई और नेता है? क्या योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री पूरे देश में है? केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- डबल इंजन की सरकार देश में सबसे अच्छा काम कर रही है। लोग जानते और विश्वास करते हैं कि हमारी डबल इंजन की सरकार का कार्यकाल आजादी से बाद से अब तक सबसे अच्छा रहा है।
केशव प्रसाद का यह बयान विपक्ष द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में असंतोष के संकेत मिलने के बयान के बाद आया। जुलाई के शुरुआती महीनों में केशव प्रसाद मौर्य सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा था कि सरकार से संगठन बड़ा होता है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। कोई भी संगठन से बड़ा नहीं होता है, कार्यकर्ता हमारे गर्व हैं। केशव प्रसाद मौर्य 2017 में यूपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। मुख्यमंत्री के दावेदारों में उनका नाम लिस्ट में सबसे ऊपर था। हालांकि पार्टी ने 312 सीटें जीतकर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई और केशव प्रसाद को उपमुख्यमंत्री का पद सौंपा गया। वहीं 2022 का चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृ्त्व में लड़ा गया और पार्टी ने बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाई। इस सरकार में दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को दूसरा उपमुख्यमंत्री बनाया गया जबकि केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई।
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अब भाजपा विधानसभा उपचुनाव में ‘मिशन-10’ में जुट गई है। उपचुनाव में कमल के लिए पांच सीटें सर्वाधिक चुनौतियों भरी हैं, इसके बावजूद पार्टी जीत की राह आसान बनाने में जुटी हुई है। उपचुनाव में कमल खिलाने के लिए सरकार व संगठन दोनों ने ही ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन 10 सीटों के लिए अपने 30 मंत्रियों को प्रभारी बनाया है। साथ ही कोर कमेटी में शामिल मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री संगठन ने दो-दो सीटों की जिम्मेदारी खुद संभाल ली है। पार्टी ने भी प्रभारी व सहप्रभारी यहां लगा दिए हैं। विधानसभा की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें पांच सपा व तीन भाजपा की थीं। इसके अलावा एक सीट निषाद पार्टी व एक सीट रालोद के पास थी। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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