उत्तराखण्ड बनवाने वालों को धामी का तोहफा

आरक्षण की यह परम्परा कितनी देश हित में है, यह फैसला तो नई पीढ़ी पर छोड़ देना चाहिए। इसका ताजा उदाहरण बांग्लादेश है जहां बांग्लादेश की स्थापना कराने मंे आंदोलन करने वालों के बच्चों को आरक्षण का लाभ मिल रहा था। इसी का विरोध हुआ और विरोधियों ने शेख हसीना की सरकार का तख्ता ही पलट दिया। इसके बावजूद हमारे देश मंे भी लोकतंत्र की स्थापना करने वाले भी उसी तरह की संुविधा पा रहे हैं जैसे देश को स्वाधीनता दिलाने वालों के परिजनों को मिल रही हैं। इसी तरह राज्यों की स्थापना मंे आंदोलन करने वालों को विशेष सुविधा दी जाती है। उघ्त्तराखण्ड में पुष्कर धामी की सरकार ने राज्य बनवाने वालों के बच्चों को 10 प्रतिशत आरक्षण का तोहफा दिया है। इस तरह की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को राज्यपाल जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने गत 27 अगस्त को स्वीकृति प्रदान कर दी है। आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखण्ड आज भले ही नहीं बन पाया लेकिन उनके आश्रित आरक्षण का सुख भोग सकेंगे। इससे पूर्व मानसून सत्र से ठीक पहले धामी सरकार की कैबिनेट बैठक मंे लगभग तीन दर्जन प्रस्तावों को हरी झंडी मिली थी। इसके तहत पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा नगरपालिका को अब नगर निगम का दर्जा मिल जाएगा। पहाड़ों मंे पर्यटन उद्योग भी लगाए जाएंगे। पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य मंे नये केन्द्रीय विद्यालयों को निःशुल्क जमीन देगी। इससे शिक्षा के क्ष़्ोत्र मंे राज्य आगे बढ़ सकेगा। पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीन साल पूरे हो गये हैं।
उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता के साथ ही राज्यपाल का आभार भी व्यक्त किया है। धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती और उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक को मंजूरी मिलने से राज्य आंदोलनकारियों की लंबे समय से चली आ रही एक बड़ी मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात् उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। बता दें कि राज्य सरकार से आंदोलनकारी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। अब इस आंदोलन का फायदा भी लोगों को मिला है। राज्य सरकार ने इस आंदोलन को ध्यान में रखते हुए मांगे मान ली हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक को मंजूरी मिलने से राज्य आंदोलनकारियों के लिए राहत की खबर है। अब आंदोलनकारियों की मांगों को मान लिया गया है। आंदोलन कर रहे लोगों का संघर्ष जाया नहीं गया है और इसे याद रखा जाएगा।
इसके साथ ही विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले आयोजित धामी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में 36 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग में 36 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिसमें मुख्य रूप से पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा देने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे गई। इसके साथ ही उत्तराखंड में नगर निगमों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। कैबिनेट बैठक में डोईवाला की तृतीय श्रेणी की नगर पालिका को अपग्रेड कर प्रथम श्रेणी का दर्जा दे दिया गया। बताया गया कि नगर पालिका से नगर निगम बनाई गई पालिकाओं में सीमा विस्तार नहीं किया जाएगा। निकायों के नियमावली में संशोधन को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसके तहत ओबीसी आरक्षण नए सिरे से निर्धारित किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया गया। पहाड़ों में पर्यटन उद्योग लगाने पर सब्सिडी दी जाएगी, जिसके लिए नीति में आवश्यक संशोधन किया गया है। इसके अलावा कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी गई। देहरादून के रायवाला में 50 वृद्धजनों की क्षमता वाले नवनिर्मित आवास गृह के संचालन के लिए सात पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने फैसला लिया कि अब राज्य के सभी 13 जिलों में वृद्ध एवं अशक्त आवास गृह का निर्माण कराया जाएगा। वहीं, जेलों में उत्तराखंड के बंदी की मृत्यु पर मुआवजा राशि की भुगतान नीति 2024 को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत जेल में बंदी की मृत्यु पर दो से पांच लाख तक की मुआवजा राशि दी जाएगी।
नगर पालिका परिषद रामनगर के सीमा विस्तार को हरी झंडी देने के साथ ही नगर पालिका कर्णप्रयाग से सेमीग्वाड़ क्षेत्र और नगरपालिका नगला से गोविंद वल्लभ पंत यूनिवर्सिटी को बाहर किए जाने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। पंच केदार-पंच बद्री को युनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किए जाने के लिए संस्थान के चयन को मंजूरी दी गई है। एक अन्य प्रस्ताव के तहत पौड़ी जिले के कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए प्रस्तावित भूमि को निःशुल्क देने पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दे दी है। इसके साथ ही तय किया गया कि अब राज्य में खुलने वाले नए केंद्रीय विद्यालयों को सरकार निःशुल्क जमीन देगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो सरकारों में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस कार्यकाल में सीएम धामी ने कई महत्वपूर्ण और सख्त फैसले लिये हैं। समान नागरिक संहिता के साथ ही नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी, दंगारोधी कानून बनाया। साथ ही लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर करीब पांच हजार हेक्टेयर सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त किया।प्रदेश की आबादी के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया। इससे महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को बल मिलेगा। राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया। नारी सशक्तिकरण योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए पांच लाख का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।नकल, धर्मांतरण, लैंड जिहाद, दंगा जैसे मुद्दों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अख्तियार किया और सख्त कानून बनाने से भी नहीं हिचके। उन्होंने नकल माफिया को सलाखों के पीछे धकेलने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया। जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए उन्होंने धर्मांतरण कानून को और अधिक सख्त किया। दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए भी कानून बनाया। इस कानून के तहत सार्वजनिक व निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से होगी। राज्य में धार्मिक स्थलों के नाम पर सरकारी भूमि को कब्जे से छुड़ाने के धामी सरकार ने लैंड जिहाद के तहत कार्रवाई की। पांच हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि कब्जे से मुक्त कराई गई।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता कानून बनाकर देश के अन्य राज्यों के लिए मिसाल दी। उनकी इस पहल पर भाजपा शासित राज्यों ने भी यूसीसी की ओर कदम बढ़ाए। कानून बनाने के बाद सीएम धामी ने इसकी नियमावली तैयार कराने का कार्य भी शुरू कराया। इस साल राज्य में यूसीसी कानून लागू होने पूरी संभावना है।
धामी ने खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नई खेल नीति भी लागू की है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदम विजेता खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)