अडानी ग्रुप तीन और कंपनियों का करेगा अधिग्रहण

हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उठाए गए विवादों से आगे निकलकर अडानी ग्रुप ने अपने कारोबार का तेजी से विस्तार करना शुरू कर दिया है। अडानी ग्रुप ने कथित तौर पर अपने फूड और एफएमसीजी (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कारोबार को मजबूत करने के लिए 1 बिलियन डॉलर (करीब 8,388 करोड़ रुपये) अलग रखे हैं। रिपोर्ट के अनुसार , अडानी ग्रुप देश में तेजी से बढ़ते पैकेज्ड कंज्यूमर गुड्स के बाजार से लाभ उठाने की योजना बना रहा है।
अडानी ग्रुप की एफएमसीजी ब्रांड अडानी विल्मर भारत के दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों में कम से कम तीन कंपनियों का अधिग्रहण करने की तैयारी कर रही है। ये अधिग्रहण रेडी-टू-कुक फूड पदार्थों और पैकेज्ड खाद्य ब्रांडों पर केंद्रित होंगे। अडानी विल्मर अडानी ग्रुप और सिंगापुर के विल्मर ग्रुप के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो अपने लोकप्रिय फॉर्च्यून तेल और कोहिनूर चावल ब्रांडों के लिए जाना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में अडानी विल्मर कंपनी में हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा था, लेकिन अब उसने अपना ध्यान एग्रेसिव कैपिटल एक्सपेंडीचर की ओर केंद्रित कर दिया है। अडानी ग्रुप का लक्ष्य फूड, एफएमसीजी, कमोडिटीज और हवाई अड्डे के संचालन सहित उपभोक्ता व्यवसायों से राजस्व हिस्सेदारी को कुल राजस्व का 25-30 फीसद तक बढ़ाना है। रिपोर्ट से पता चलता है कि अडानी विल्मर अगले दो से तीन सालों में कई कंपनियों का अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है, खास तौर पर दक्षिण और पूर्वी बाजारों में। अडानी ग्रुप द्वारा इन अधिग्रहणों पर 800 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर के बीच खर्च किए जाने की उम्मीद है, जिसमें प्रत्येक कंपनी का मूल्य लगभग 200 डॉलर से 250 डॉलर मिलियन होगा।