लेखक की कलम

अखिलेश की दूरगामी सियासत

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हरियाणा में विपक्षी दलों के गठबंधन इण्डिया का सम्मान करते हुए समाजवादी पार्टी सपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला कर दूरगामी राजनीति का परिचय दिया है। सपा
अध्यक्ष ने 6 सितम्बर को ही आईएनडीआईए गठबंधन के लिए त्याग करते हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में दो से चार सीटों पर चुनाव लड़ने का इशारा कर दिया था। इससे पहले सपा की हरियाणा यूनिट ने जाटए यादव और मुस्लिम बहुल 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। हालांकिए गठबंधन में कांग्रेस इतनी सीटें सपा को देने के पक्ष में नहीं थी। इस पर अखिलेश ने हरियाणा में सपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भाटीए पूर्व एमएलसी संजय लाठर और राव विजेंदर की कमेटी बनाकर तीन सीटों के नाम मांगे थे। चुनाव न लडने पर कांग्रेस ऊपरी तौर पर भले ही खुश नजर आ रही थी लेकिन यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर उसकी धुकधुकी बढ़ गयी थी। राजनीति में दखल रखने वाले जानते हैं कि अखिलेश यादव भी अपने पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की तरह कभी कभी धोबीपाट दांव लगा देते हैं । हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ;आपद्ध के बीच भी गठबंधन की संभावनाओं को तलाशा गया लेकिन बात नहीं बन पायी है। आम आदमी पार्टी ने 20 उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है। सूत्रों के मुताबिकए आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत पटरी पर आती दिख रही थी। आम आदमी पार्टी को 6 सीटें मिल सकती थीं लेकिन कांग्रेस 5 सीटों पर ही अड़ गई थी। चुनाव आयोग के नए शेड्यूल के मुताबिकए हरियाणा में विधानसभा चुनाव का मतदान अब 1 अक्टूबर की जगह 5 अक्बूटर को होगा। इसके साथ ही मतगणना की तारीख भी बदल चुकी है। अब काउंटिंग 4 अक्टूबर की जगह 8 अक्टूबर को होगी।
हरियाणा विधानसभा में इंडिया गठबंधन का कुनबा कमजोर न पड़े इसे लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में बात बनती दिख रही है। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जोड़ी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फेरा और अब हरियाणा चुनाव में दोनों ही नेता किसी भी सूरत में बीजेपी को मजबूत नहीं होने देना चाहते हैं। इसमें सपा चीफ अखिलेश यादव ने बड़ी भूमिका निभाई है। पहले ये कहा जा रहा था कि सपा हरियाणा चुनाव लड़ने का प्लान बना रही हैए लेकिन अब अखिलेश यादव के बयान ने सभी राजनीतिक अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने तो हरियाणा में 17 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान किया थाए जिसके लिए हरियाणा सपा अध्यक्ष सुरेंद्र भाटी ने अखिलेश यादव को सारा लेखा.जोखा भी भेज दिया था हालांकि बाद में सपा चीफ ने कहा कि हरियाणा चुनाव में इंडिया गठबंधन इतिहास लिखने में सक्षम है।
अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन की सक्षम पार्टी को समर्थन देने की भी बात कीए जिससे एक बात तो साफ हो गयी कि अखिलेश यादव ने बड़ा दिल दिखाया है। हालांकि राजनीति में कुछ भी बिना मतलब नहीं किया जाता है। इसी साल उत्तर प्रदेश की 10 सीटों
पर विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं। इसके अलावा साल 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में सपा कांग्रेस से गिव एंड टेक फॉर्मूले की उम्मीद जता रही है।
यूपी उपचुनाव में जहां कांग्रेस
अध्यक्ष अजय राय ने 5.5 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात की थी तो वहीं अखिलेश यादव ने कहा था कि सपा अपने पांच सीटें तो जीतेगी हीए बाकी एनडीए के पांच सीटों पर भी उनकी पार्टी जीत दर्ज करेगी। हालांकि यह माना जा रहा है कि यूपी उपचुनाव में सपा कांग्रेस को 2 सीटें दे सकती है। इस उपचुनाव को यूपी विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव से हाथ पीछे खींचकर अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव तो बना ही दिया है।
इसी साल महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यहां सपा सीट बंटवारे में पीछे नहीं रहेगी। फिलहाल महाराष्ट्र में सपा के दो विधायक हैं और पार्टी के नेताओं ने यहां की 10 सीटों के लिए दावा पेश किया है। यह माना जा रहा है कि सपा हरियाणा के बदले उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में अच्छी स्थिति चाहती है।
उधर ओलंपिक में पदक से चूकने वाली रेसलर विनेश फोगाट भारतीय नेशनल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई हैं जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर कई की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। बीजेपी आरोप लगा रही है कि पहलवानों ने जो विरोध प्रदर्शन किया था उसके पीछे कांग्रेस की साजिश थी। इस बीच एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने विनेश फोगाट का खुलकर समर्थन किया है। रालोद ने कहा उसका स्वागत होना चाहिए। कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश फोगाट सीधे बीजेपी समर्थकों के निशाने पर आ गई हैं जिस पर रालोद का सखघ््त रवैया देखने को मिला है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के करीबी और पार्टी प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा विनेश फोगाट देश की बेटी है । उन्होंने देश का नाम रोशन किया है। उनके खिलाफ एक भी शब्द बर्दाश्त नहीं होगा। रोहित अग्रवाल ने एक्स पर लिखा. विनेश फोगाट के खिलाफ एक भी शब्द बर्दाश्त नहीं किया जाएगाए उस बेटी ने देश का नाम रोशन किया हैए राजनीति में आना यह उसका अधिकार है। देश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी अत्यंत सीमित है। ऐसी स्थिति में अगर कोई भी महिला सक्रिय राजनीति में आती है तो उसका स्वागत होना चाहिए। राष्ट्रीय लोक दल की ओर से विनेश फोगाट को लेकर ये बयान ऐसे समय में आया है जब रालोद एनडीए की सहयोगी और जयंत चौधरी मोदी सरकार में मंत्री हैं। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से विनेश फोगाट पर सीधे हमले किए जा रहे हैं। पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि इससे साबित हो गया है कि पहलवानों के विरोध के पीछे कांग्रेस का हाथ थाए उन्होंने इसे पूरी तरह हुड्डा परिवार की साजिश बताया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने जींद के जुलाना विधानसभा क्षेत्र से रेसलर विनेश फोगाट को मैदान में उतारा है। ओलंपियन के चुनाव मैदान में उतरने से जुलाना विधानसभा का मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प हो जाएगा। साल 2019 के चुनाव में वहां से जननायक जनता पार्टी ;जेजेपीद्ध के नेता अमरजीत ढांडा ने बीजेपी के उम्मीदवार को 24193 वोटों से हराया था।
जुलाना विधानसभा से विनेश फोगाट को टिकट देकर कांग्रेस मजबूत होती दिख रही है। विनेश फोगाट ने चुनावी प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है और ससुराल बख्ता खेड़ा में पंचायत को संबोधित किया ।यही नहींए विनेश फोगाट के ससुर राजपाल राठी भी बहू के प्रचार के लिए क्षेत्र में दौरे पर निकल चुके हैं और गांव.गांव जाकर वोट जुटाने का काम कर रहे हैंण् वह समुदाय के खाप नेताओं से भी मिले। विनेश फोगाट के दोनों भाई हरविंदर और बलाली व अन्य रिश्तेदार भी चुनाव की तैयारी के लिए जुलाना विधानसभा पहुंचेंगे। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली का कहना है कि वे लोग हमारे देश के खिलाड़ी हैं और खिलाड़ी हमारे देश का गौरव है। हम उन पर राजनीति नहीं करते। ;हिफीद्ध

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