मोहन का मोदी को जन्म दिन तोहफा

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
हमारे भारतीय समाज में जन्म दिन पर उपहार देने की परम्परा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 74 वें जन्म दिन पर सुभद्रा योजना का तोहफा दिया है। इसी साल 12 जून को मांझी ने ओडिशा में भाजपा की पहली सरकार के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को ओडिशा सरकार ने महिलाओं के लिए खास सुभद्रा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार महिला लाभार्थियों के खाते में साल में दो बार 5000-5000 रुपये डालेगी यानी एक साल में 10,000 रुपये उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे। यह ओडिशा सरकार की योजना है जिसके तहत राज्य में 21 से 60 वर्ष की आयु की पात्र महिला लाभार्थियों को प्रति वर्ष 10,000 रुपये उनके खाते में डाले जाएंगे। यानी पांच सालों में इस योजना के तहत महिला लाभार्थियों को कुल 50,000 रुपये की आर्थिक मदद मिल पाएगी। ओडिशा की भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन सुभद्रा के नाम पर रखा है। भगवान जगन्नाथ राज्य के हिन्दुओं के आराध्य देव हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 17 सितंबर को अपने 74वें जन्मदिन पर ओडिशा सरकार की
‘सुभद्रा योजना’ का शुभारंभ किया। इसके अलावा पीएम ने कई अन्य सामाजिक कल्याण परियोजनाओं की भी आधारशिला रखी।
मांझी सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य भर में करीब एक करोड़ महिलाओं को सुभद्रा योजना के तहत कवर किया जाएगा। इसके तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की प्रत्येक महिला को पांच साल तक दो किस्तों में सालाना 10,000 रुपये नकद ट्रांसफर किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सूत्रों के अनुसार, राज्य की करीब एक लाख महिलाएं इस कार्यक्रम में शामिल होंगी, जहां प्रधानमंत्री महिला लाभार्थियों को आर्थिक सहायता की पहली किस्त वितरित करेंगे।
ओडिशा की उप मुख्यमंत्री पार्वती परिदा ने बताया है कि राज्य में सुभद्रा योजना के लिए अपना नाम पंजीकृत करा चुकीं 50 लाख से अधिक महिलाओं को 17 सितंबर को 5000 रुपये की पहली किस्त मिलेगी। परिदा ने कहा कि जिन महिलाओं ने 15 सितंबर तक योजना के लिए अपना पंजीकरण करा लिया है, उन्हें 17 सितंबर को उनके बैंक खातों के माध्यम से पहली किस्त मिल जायेगी। योजना के तहत पात्र महिलाओं को पांच साल की अवधि के लिए हर साल दो किस्तों में 5000 रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार ने 2024-25 के वार्षिक बजट में इस योजना के लिए पहले ही 10,000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।
ओडिशा में लोकसभा और विधान सभा चुनावों के दौरान सुभद्रा योजना भाजपा का एक प्रमुख वादा था। माना जा रहा है कि राज्य में पिछले 24 साल के बीजू जनता दल के शासन का अंत कराने में इस योजना ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस योजना की वजह से ओडिशा की महिलाएं भाजपा की तरफ आकर्षित हुईं। इससे पहले नवीन पटनायक सरकार की 24 साल की पारी के पीछे भी 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूह रहा है, जिससे करीब 70 लाख महिलाएं जुड़ी हुई थीं। साल 2001 में पटनायक ने मिशन शक्ति के जरिए कर्ज देकर महिलाओं को सीधे बाजार से जोड़ने की मुहिम शुरू की थी। इसकी वजह से महिलाएं बीजद की सशक्त वोट बैंक बन गई थीं।
नवीन पटनायक की इस योजना की काट और चुनावी बढ़त हासिल करने के लिए भाजपा ने सीधे महिलाओं के खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुभद्रा योजना की पेशकश की थी, जिसके तहत हरेक महिला को 50,000 रुपये नकद का वाउचर देने का वादा किया गया था। ये पांच सालों में दो-दो किस्तों में दिया जाना है। 12 जून को राज्य में मोहन चरण मांझी के नेतृत्व में पहली भाजपा सरकार बनने पर इस योजना को पहली कैबिनेट बैठक में ही मंजूरी दे दी गई थी।
इस प्रकार अपने जन्मदिन पर ओडिशा में प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं के लिए अब तक की सबसे बड़ी राज्य द्वारा पोषित योजना की लॉन्चिंग करने पहुंचे। अपने जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी ने ‘सुभद्रा योजना’ का शुभारंभ किया। इससे पहले राज्य में आंगनबाड़ी और जनसेवा केंद्रों के बाहर महिलाओं का जमावड़ा लगा था। इस योजना का लाभ लेने के लिए लोग आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करवा रहे हैं। हालात ये हैं कि कई जगहों पर भीड़ को काबू करना मुश्किल हो गया और भगदड़ जैसे हालात हो गए।
बीते महीने राज्य सरकार ने ऐलान किया था कि राज्य में 21 से 60 वर्ष तक की 1 करोड़ महिलाओं को योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत पांच साल में महिलाओं को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। एक साल में दो किस्तों में महिलाओं को 10 हजार रुपये मिलेंगे जो कि आधार से लिंक बैंक अकाउंट में डीबीटी के जरिए ट्रांसफर किए जाएंगे। 5000 की किस्त अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और 5000 की किस्त रक्षाबंधन के मौके पर जारी की जाएगी।
भुवनेश्वर में इस योजना की लॉन्चिंग के लिए बड़ी तैयारी की गई। अधिकारियों का कहना है कि योजना शुरू होने से पहले ही 60 लाख लोगों ने अपना पंजीकरण करवा दिया। इसके लिए सुभद्रा पोर्टल की शुरुआत की गई। इसके अलावा इस योजना का प्रचार राज्य सरकार ने भी जमकर किया। सरकार ने इस योजना के बारे में जानकारी देने के लिए सुभद्रा पदयात्रा का भी आयोजन किया था। मोहन मांझी की सरकार ने इस योजना के लिए पांच साल में 55825 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व की बीजेडी सरकार कालिया योजना के तहत 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करती थी। अब मांझी सरकार ने सुभद्रा योजना का नाम श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा के नाम पर रखा है। इस बार चुनाव से पहले ही बीजेपी ने महिलाओं को 50 हजार करोड़ रुपये का लाभ देने का वादा किया था। माना जाता है कि नवीन पटनायक को महिलाओं का जमकर समर्थन मिलता था। हालांकि इस बार बीजेपी ने बाजी मार ली। बीजेडी की प्रमिला मलिक ने इस योनजा की आलोचना करते हुए कहा कि 10 हजार की राशि अपर्याप्त है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दो साल में ही महिलाओं को 50 हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया था। आप बताइए कि 5 हजार रुपये में भला कोई बिजनेस शुरू किया जा सकता है। बीजेपी ने लोगों को ठगा है और उनके केवल वोट हासिल करने के लिए यह हथकंडा अपनाया है। बहरहाल ओडिशा में भाजपा की सरकार बन गई तो सुभद्रा योजना को शुभ शगुन मान कर मोदी को जन्म दिन पर तोहफा दिया गया। (हिफी)